कुंडली में किन योगों के कारण व्यक्ति को मान-सम्मान व ख्याति मिलता है..
रायपुर ,कुंडली में जब सूर्य और बुध एक भाव में स्थित होते हैं तो बुधादित्य योग बनता है। ये किसी राजयोग के समान ही माना गया है। कुंडली में 12 भाव होते हैं और हर भाव में इस योग का फल अलग होता है।
अंतराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ज्योतिषी पं. (डॉ.) विश्वरँजन मिश्र के अनुसार कुंडली के किस भाव में बुधादित्य योग का कैसा असर होता है…
1. कुंडली के पहले भाव यानी लग्न में बुधादित्य यानी सूर्य (आदित्य) और बुध का योग हो तो व्यक्ति को मान, सम्मान, प्रसिद्धि, व्यवसायिक सफलता तथा अन्य कई प्रकार के शुभ फल प्राप्त होते हैं।
2. कुंडली के दूसरे भाव में बुध-आदित्य योग व्यक्ति को धन, संपत्ति, ऐश्वर्य, सुखी वैवाहिक जीवन और अन्य कई प्रकार के शुभ फल प्रदान करता है।
3. कुंडली के तीसरे भाव में बनने वाला बुधादित्य योग व्यक्ति को बहुत अच्छी रचनात्मक क्षमता प्रदान करता है। इसकी वजह से व्यक्ति रचनात्मक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करता है। इस योग से व्यक्ति सेना या पुलिस में कोई बड़ा पद प्राप्त कर सकता है।
4. कुंडली के चौथे भाव में बुधादित्य योग हो तो सुखी वैवाहिक जीवन, ऐश्वर्य, रहने के लिए सुंदर और सुविधाजनक घर, वाहन सुख, विदेश यात्रा आदि जैसे शुभ फल प्राप्त होते हैं।
5. कुंडली के पांचवें भाव में बुध-आदित्य योग होने पर व्यक्ति को कलात्मक क्षमता, नेतृत्व क्षमता तथा आध्यातमिक शक्ति प्राप्त होती है। जिसके चलते ऐसा व्यक्ति अपने जीवन के अनेक क्षेत्रों में सफलता प्राप्त कर सकता है।
6. कुंडली के छठे भाव में स्थित बुधादित्य योग व्यक्ति को एक सफल वकील, जज, चिकित्सक, ज्योतिषी आदि बना सकता है। इस योग से व्यक्ति अपने व्यवसाय से बहुत धन तथा ख्याति अर्जित कर सकता है।
7. कुंडली के सातवें घर में स्थित बुधादित्य योग व्यक्ति के वैवाहिक जीवन को सुखी बना सकता है और सामाजिक प्रतिष्ठा वाला कोई पद भी दिला सकता है।
8. कुंडली के आठवें घर में बनने वाला बुधादित्य योग जातक को किसी वसीयत आदि के माध्यम से धन प्राप्त करवा सकता है तथा यह योग जातक को आध्यात्म तथा परा विज्ञान के क्षेत्रों में भी सफलता प्रदान कर सकता है।
9. कुंडली के नवम भाव में बनने वाला बुध-आदित्य योग व्यक्ति को उसके जीवन के अनेक क्षेत्रों में सफलता प्रदान कर सकता है तथा इस योग के शुभ प्रभाव में आने वाले व्यक्ति सरकार में मंत्री पद अथवा किसी प्रतिष्ठित धार्मिक संस्था में उच्च पद भी प्राप्त कर सकते हैं।
10. कुंडली के दसवें भाव में बनने वाला बुधादित्य योग व्यक्ति को उसके व्यवसायिक क्षेत्र में सफलता प्रदान कर सकता है तथा ऐसा व्यक्ति अपने किसी आविष्कार के सफल होने के कारण बहुत ख्याति भी प्राप्त कर सकता है।
बुधादित्य योग तभी विशेष फलदायी होता है जबकि सूर्य अथवा बुध दोनों में से एक भी ग्रह शुभ स्थिति के हों या उनके ऊपर किसी शुभ ग्रह की दृष्टि हो तो उपरोक्त योग का प्रभाव बढ़ जाता है।
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भविष्यवक्ता
पं.(डॉ.) विश्वरँजन मिश्र, रायपुर
एम.ए.(ज्योतिष), बी.एड., पी.एच.डी.
मोबाईल :- 9806143000,
8103533330