अब छत्तीसगढ़ भी शामिल होगा एक लाख करोड़ से ज्यादा बजट वाले राज्यों के क्लब में : डॉ. रमन सिंह
रायपुर,मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा है कि राज्य सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 के उनकी सरकार ने आठ हजार करोड़ रूपए से शुरूआत करते हुए अपने बजट को दस खरब रूपए के मुहाने पर लाकर खड़ा करने की उपलब्धि प्रत्येक छत्तीसगढ़वासी के लिए गौरव का विषय है। समाज के हर वर्ग के सहयोग से हमने अपने बजट के इस सफर को तय किया है। मुख्यमंत्री ने आज शाम यहां विधानसभा द्वारा पारित राज्य सरकार के वर्तमान वित्तीय वर्ष के प्रथम अनुपूरक बजट की विशेषताओं का विस्तार से उल्लेख किया।डॉ. सिंह ने कहा-आज का यह पारित अनुपूरक बजट इस बात का सुखद संकेत है कि छत्तीसगढ़ राज्य भी देश के एक लाख करोड़ रूपए से ज्यादा बजट वाले राज्यों के क्लब की सदस्यता हासिल कर लेगा। डॉ. सिंह ने इसका श्रेय राज्य की मेहनतकश जनता के परिश्रम को दिया। डॉ. सिंह ने कहा-वर्ष 2003-04 में हमारी सरकार की पहली पारी का पहला बजट सिर्फ आठ हजार 174 करोड़ रूपए का था। फरवरी 2018 में मैंने नये वित्तीय वर्ष 2018-19 का वार्षिक बजट प्रस्तुत करते हुए कहा था कि हमने एक नया कीर्तिमान रचा है। इस वित्तीय वर्ष के लिए मुख्य बजट में 87 हजार 463 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया था। आज हम अपने ही इस कीर्तिमान को तोड़ते हुए एक नया कीर्तिमान रचने जा रहे हैं। उन्होंने कहा-वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रथम अनुपूरक बजट में चार हजार 878 करोड़ रूपए का प्रावधान किया गया है, जिसके पारित होने पर राज्य के मुख्य बजट का आकार 92 हजार 341 करोड़ रूपए हो जाएगा।मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ के वित्तीय प्रबंधन का उल्लेख कहा कि आठ हजार करोड़ से 92 हजार करोड़ रूपए तक का सफर कैसे तय हुआ ? उन्होंने कहा-मैं कहना चाहता हूं कि यह सफर किसानों, मजदूरों, कामगारों के पसीने से, महिलाओं द्वारा अपने घरों की देहरी लांगकर स्व-रोजगार के लिए किए गए प्रयासों से, अनुसूचित जाति-जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गो के साहस और बल से तथा समाज के हर वर्ग के लोगों के सहयोग से तय हुआ है। उन्होंने कहा-हमने जनता की भावनाओं और मेहनत की कद्र करते हुए वित्तीय प्रबंधन में सुधार किया है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने भी माना श्रेष्ठ है छत्तीसगढ़ का वित्तीय प्रबंधन
डॉ. रमन सिंह ने कहा-भारतीय रिजर्व बैंक ने भी छत्तीसगढ़ की वित्तीय प्रबंधन को श्रेष्ठ माना है। विगत लगभग 15 साल में हमारा वित्तीय प्रबंधन श्रेष्ठ रहा है। वित्तीय संसाधनों के कुशल उपयोग और युक्तिसंगत वृद्धि के प्रयासों के फलस्वरूप राज्य में इन 15 वर्षों में से 13 वर्षों में राजस्व की आधिक्य की स्थिति रही है। वर्ष 2016-17 में छत्तीसगढ़ वर्ष 2017-18 में देश का टैक्स और जीडीपी का अनुपात 12 प्रतिशत रहा, जबकि छत्तीसगढ़ राज्य का यह अनुपात 19 प्रतिशत दर्ज किया गया। रिजर्व बैंक की वर्ष 2016-17 के अनुसार टैक्स और जीडीपी अनुपात छत्तीसगढ़ का 18 प्रतिशत और शेष सभी राज्यों का औसत 15 प्रतिशत रहा।
जनआकांक्षाओं को पूरा करने समुचित प्रबंध सरकार का काम
मुख्यमंत्री ने वर्तमान वित्तीय वर्ष 2018-19 के प्रथम अनुपूरक बजट में लगभग चार हजार 878 करोड़ रूपए के प्रावधान किए जाने के कारणों पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा-बजट पारित कराने के बाद भी राज्य सरकार को लगातार इस बात की चिंता रहती है कि जनहित में और कौन-कौन से ऐसे कार्य हो सकते हैं, जिन्हें इसी वित्तीय वर्ष में करना जरूरी है। इसके लिए हम ये नहीं कह सकते कि इसके लिए पैसा नहीं है। उन्होंने कहा-जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए समुचित प्रबंध करना सरकार का काम है।
प्रथम अनुपूरक में कई बड़ी जरूरतों के लिए वित्तीय प्रावधान
उन्होंने कहा-आपको यह जानकर खुशी होगी कि प्रथम अनुपूरक बजट में अनेक बड़ी जरूरतों के लिए वित्तीय प्रबंध किया गया है। जैसे -प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए हमें नई स्वीकृति मिली है, जिसे पूरा करने के लिए एक हजार 269 करोड़ 17 लाख रूपए का प्रावधान किया गया है। शिक्षाकर्मियों के संविलियन और नियमितीकरण आदि के लिए एक हजार 025 करोड़ रूपए, केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत योजना में राज्य के अंशदान के रूप में 305 करोड़, मुख्यमंत्री पेंशन योजना में 200 करोड़ रूपए, मितानिनों के मानदेय में वृद्धि के लिए 66 करोड़ 81 लाख रूपए और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं का मानदेय बढ़ाने के लिए 87 करोड़ 75 लाख रूपए का प्रावधान हुआ है। उन्होंने कहा कि असंगठित श्रमिकों को प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना और प्रधानमंत्री जीवन ज्योति योजना का कव्हरेज देने के लिए राज्य सरकार ने प्रथम अनुपूरक में 20 करोड़ 85 लाख रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा-इस प्रकार वार्षिक बजट में जो विषय शामिल नहीं हो पाए थे और जो विशेष परिस्थितियों में तत्काल ध्यान देने लायक है, उन जरूरतों को पूरा करने के लिए अनुपूरक बजट में प्रावधान किया गया है, जो अत्यंत लोककल्याणकारी है।
संचार क्रांति के लिए 566 करोड़ से ज्यादा राशि
डॉ. रमन सिंह ने बताया कि संचार क्रांति योजना के तहत राज्य में 1600 मोबाइल टावरों की स्थापना और एक हजार 467 करोड़ रूपए की लागत के 50 लाख स्मार्ट फोन बांटने का लक्ष्य है। योजना के क्रियान्वयन के लिए प्रथम अनुपूरक में 566 करोड़ 79 लाख रूपए का अतिरिक्त प्रावधान किया गया है। इस योजना के तहत सभी गरीब ग्रामीण परिवारों और शहरी परिवारों तथा समस्त कॉलेजों के विद्यार्थियों को राज्य शासन द्वारा निःशुल्क मोबाइल फोन दिया जाएगा। इस योजना से प्रदेश के सामाजिक आर्थिक विकास में तेजी आएगी।
प्रदेश के 12 राज्य मार्गों के लिए 122.54 करोड़ रूपए
मुख्यमंत्री ने बताया-केन्द्रीय सड़क निधि से भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ में 12 राज्य मार्गों के निर्माण के लिए 613 करोड़ रूपए मंजूर किए गए हैं। इन मार्गों की लम्बाई 217 किलोमीटर होगी। इस वर्ष इनके निर्माण पर होने वाले खर्च के लिए 122 करोड़ 54लाख रूपए का प्रावधान प्रथम अनुपूरक में किया गया है।
अम्बिकापुर विमानतल के विकास के लिए 4.50 करोड़ रूपए का प्रावधान
डॉ. रमन सिंह ने यह भी बताया कि छोटे शहरों को हवाई सेवा से जोड़ने के लिए केन्द्र सरकार की उड़ान योजना के तहत जगदलपुर-रायपुर और जगदलपुर-विशाखापट्नम हवाई सेवा का लोकार्पण प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा पिछले महीने किया जा चुका है। अब अम्बिकापुर और बिलासपुर को भी इस सुविधा से जोड़ा जाएगा। योजना के तहत अम्बिकापुर विमानतल के विकास और विस्तार के लिए राज्य सरकार ने इस वित्तीय वर्ष के प्रथम अनुपूरक बजट में चार करोड़ 50 लाख रूपए का प्रावधान किया है।