सूरजपुर जोगी कांग्रेस ने जिला मुख्यालय के विकासखंड प्रतापपुर और वाड्रफनगर विकासखंड के कई ग्राम जंगली हाथियों के आतंक् से लम्बे अरसे से ग्रसित होने के बावजूद इन ग्रामो के प्रती प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन पर उदासीन व गैर जिम्मेदाराना रवैया अपनाने का आरोप लगाते हुए एसडीएम कार्यालय का घेराव करते हुए राज्यपाल के नाम एसडीएम को ज्ञापन सौंपा जिसके माध्यम से हाथी क्वारिडोर,मुआवजा सहित अन्य कई मुद्दे उठाते हुए इनके निराकरण की मांग की,एसडीएम जगन्नाथ वर्मा ने स्थानीय स्तर पर हो सकने वाली मांगों का निराकरण कर लिए जाने के साथ बड़ी मांगों के लिए शासन को प्रतिवेदन भेजने की जानकारी दी | प्राप्त जानकारी के अनुसार जोगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने डॉ.नरेंद्र सिंह और संगठन के जिलाध्यक्ष प्रवीण दुबे के नेतृत्व में एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया जिसमें कार्यकर्ताओं के साथ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीण उपस्थित थे,धरना को संबोधित करते हुए जिलाध्यक्ष प्रवीण दुबे, डॉ.नरेंद्र सिंह,राज कुमार पोर्ते,सुरेश जैसवाल,धर्मेन्द्र जायसवाल,जीशान खान सहित अन्य वक्ताओं ने जंगली हाथियों के मामले में शासन को आड़े हाथों लेते हुए आरोप लगाया कि प्रतापपुर विधान सभा क्षेत्र में हाथियों का आतंक सबसे गंभीर समस्या होने के बावजूद भी सरकार के मंत्री सँत्री लोग मौज मस्ती में मश्गुल हैं,सिर्फ बातों में आदिवासियों के हित और विकास की बात करने वाली सरकार उन्हें इस विषम परीस्थिति में मरने के लिए छोड़ दिया है | धरना के बाद आन्दोलनकारियों ने एसडीएम कार्यालय का घेराव किया जिसके पश्चात एसडीएम जगन्नाथ वर्मा द्वारा सार्थक पहल करने के आश्वासन के बाद घेराव समाप्त कर राज्यपाल के नाम ज्ञापन सौंपा, ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि विकासखंड प्रतापपुर और वाड्रफनगर विकासखंड के कई ग्राम जंगली हाथियों के आतंक् से लम्बे समय से ग्रसित हैं,इनके द्वारा बड़े पैमाने पर जन धन की हानि पहुंचाई जा रही है,इतनी गम्भीर समस्या के बावजूद प्रदेश सरकार और प्रशासन का रवैया उदासीन और गैर जिम्मेदाराना है इनके द्वारा आज तक कोई सार्थक पहल न कर केवल वन कर्मियों के भरोसे पूरी समस्या को छोड़ दिया जा गया है जबकि लगभग पन्द्रह वर्षों से ये क्षेत्र हाथियों का आतंक झेल रहे हैं , इतने लम्बे समय में तो अब तक पूरी समस्या का ही निदान हो जाना चाहिए था | किन्तु ग्रामीण क्षेत्रों के गरीब और आदिवासी परिवार को स्वयं ही हाथियों की समस्या से जूझना पड़ रहा है जिससे उन्हें जन धन की भारी हानि हो रही है | ग्रामीणों को इस समस्या से निजात दिलाने शासन द्वारा कई वर्षों से सिर्फ बड़ी बड़ी बातें और झूठे आश्वासन दिए जा रहे हैं किन्तु सारी योजनायें सिर्फ कागजों तक ही सिमित हो कर रह गयी हैं जिससे ग्रामीणों को राहत नहीं मिल रहा है | सौंपे गये ज्ञापन में उन्होंने मांग रखी कि ग्रामीण क्षेत्रों में विचरण कर जंगली हाथियों को एक सुरक्षित जगह में रखने वाली कागजों में चल रहे हाथी क्वारिडोर जैसी योजनाओं को अस्तित्व में लाया जाए, हाथियों के हमले जन हानि होने पर पीड़ित परिवार को मुवावजा बढ़ाकर दस लाख रूपये दिया जाए व् पांच दिवस के भीतर भुगतान हो तथा पीड़ित परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जाये, फसल नुकसान पर प्रति एकड़ पैदावार के हिसाब से मुआवजा दिया जाए तथा राशि का भुगतान एक सप्ताह के भीतर हो,घर तोड़े जाने पर तत्काल प्रधानमंत्री आवास जैसी आवासीय योजनाओं का लाभ दिया जाये, मुआवजा देने की प्रक्रिया आसान की जाए, नक्शा खसरा उपलब्ध कराने की प्रक्रिया हटाई जाए क्योकि इस चक्कर में लोगों को समय पर व् वाजिब मुआवजा नहीं मिल पा रहा है,पीड़ितों को समय पर वाजिब मुआवजा दिलाने एक अलग टीम का गठन किया जाये जिसमें सक्षम लोग शामिल हों, हाथी प्रभावित क्षेत्रो के लिए ऐसी टीमों का गठन किया जाए जो हाथियों की निगरानी करे और जिस क्षेत्र में हाथी हों वहाँ के ग्रामीणों को सूचित और सतर्क कर सकें | उन्होंने कहा कि कई मांगों के बावजूद शासन प्रशासन इतने गंभीर मामले पर संवेदन शील नहीं दिख रहा है,केवल वन विभाग के उच्च अधिकारी अपने ऑफिसों में बैठ कोरम पूरा कर रहे हैं और वन विभाग के निचले कर्मचारी ही सीमित संसाधन के साथ समस्यायों से जूझते हैं| इसके पश्चात भी हमारी मांगें नहीं मानी जाती हैं तो जोगी कांग्रेस उग्र आन्दोलन करने बाध्य होगा |कार्यक्रम का संचालन जीशान खान ने किया,इस दौरान राकेश मित्तल,बिहारी सिंह खेरवार,रामबिहारी सिंह,राम जन्म यादव,विग्नेश्वर पनिका,जोखन सांडील्या,जन्नत खान,शेर जमाल खान,इस्लाम अंसारी,मो.इदरिस,फैसल खान,सूरज सिंह,महाजन सिंह,विवेक उपाध्याय,सुरेन्द्र सिंह,हरबरण पंडो,गिरधारी,प्रमोद जायसवाल,धनसाय कोडाकू,दुखीराम सहित अन्य लोग उपस्थित थे |