November 23, 2024

आखिरकार भीतर घातियों की रणनीति हुई सफल, रेवा यादव की साफ सुथरी छवी व इमानदारी नें दी कडी टक्कर

0
दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया है, जिंदगी भर का गम हमें इनाम दिया है।
बैकुण्ठपुर बैकुण्ठपुर के जिला पंचायत उपचुनाव मे मतदान से पहले द शुटर नें भाजपा समर्पित प्रत्यासी रेवा यादव को भीतरघातियों से आगाह रहनें की खबर चलाई थी जो 24 तारिक को सही साबित हुई। पोलिंग बुथ एजेंटोंके माध्यम से निकले परिणाम को मानते हुए रेवा यादव 1551 वोटों से पराजित हुए, परिणाम के बाद सच्चाई से औगत हुए रेवा यादव नें भी यह अनुमान लगा ही लिया की मै हारा नहीं मुझे हरा दिया गया। हलाकि यह सभी जानते है कि यादव नें अपनी साफ सुथरी छवी, अपनें कुशल व्यवहार के कारण चुनावी मैदान मे अकेले ही सभी प्रत्यासियों को हरानें मे कामयाब हुए। सुत्रों की मानें तो श्री यादव को हरानें का श्रेय भाजपा के दिग्गजों को जाता है आम चर्चा के दौरान यह भी सुननें मे आया की भाजपा के कई दिग्गज नेताओं ने पूरे मन से पार्टी के लिए काम नहीं किया। अधिकांश चुनाव प्रचार केवल हवा-हवाई में ही नजर आया और बूथ लेवल तक भाजपा प्रत्याशी का चेहरा व नाम नहीं पहुंच गया सांथ ही राज्य मंत्री के चम्मचों द्वारा रेवा यादव के खिलाफ खुल कर भीतरघात किया गया। जिसका परिणाम भाजपा को विधानसभा चुनाव के ठीक पहले उठाना पड़ा। वही साहू समाज की मंत्री भैयालाल राजवाड़े से नाराजगी का असर भी इस चुनाव में देखने को मिला ही सांथ मे भाजपा मे मंत्री महोदय के खास व कई अहम पदों पर विराजमान साहू समाज के लोगों नें भी मुह मे राम राम बगल मे छुरी वाली कहावत को सही साबित कर दिया। कांग्रेस ने साहू समाज के प्रत्याशी पर दांव लगाया था जो उसके लिए तुरुप का इक्का साबित हुआ और सारे साहू समाज के लोग एक हो गए जिनमें से कुछ भाजपाई नेता जो भविष्य मे विधायक बननें का सपना संजोए बैठे है उनके द्वारा भी मंत्री के द्वारा दिए गए बयान से गुससाए सहु समाज का फायदा उठाते हुए बहती गंगा मे हांथ धो लिए और एकजुटता के साथ उन्होंने अन्दर ही अन्दर कांग्रेस के पक्ष में मतदान कर की अपिल वोटरों से कर दी। कंचनपुर, खांडा जैसी गहरी खाई को भाजपाई नहीं पाट पाए। इसलिए मतगणना आरंभ होने के साथ ही कांग्रेस ने जो बढ़त बनाई वह अंतिम समय तक बनी रही। मंत्री भैयालाल राजवाड़े ने भी इस चुनाव में अपना दमखम लगाया था। लेकिन दमखम लगानें वालों को गलत चुन लिया था। जिसके परिणाम विपरीत आने के बाद अब भाजपा में घमासान होना तय माना जा रहा है। सत्ता के सेमीफाइनल में गहरा घात मिलने के बाद भाजपा को अब चिंतन करने की आवश्यकता है एवं काम चोर व चम्चागिरी कर के भाजपा का वोट बैंक कम करनें वालों को दरकिनार करना होगा अन्यथा आगामी विधानसभा चुनाव में उसके लिए काफी परेशानी हो सकती है। कांग्रेस के लिए यह जीत अब संजीवनी का काम करेगी और जो एकजुटता उनकी इस चुनाव में दिखाई है यदि विधानसभा 2019 के इस चुनाव में यही एकजुटता बरकरार रहती है तो कांग्रेस कोरिया में अपना परचम लहरा सकती है। उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में रेवा यादव शुरू से ही मजबूत स्थिति में नजर आ रहे थे और कांग्रेस ने युवक कांग्रेस के नए चेहरे साहू समाज के रामकृष्ण शाहू पर दांव खेला था जो जोखिम भरा तो था लेकिन वह कामयाब भाजपा के भीतरघातियों की वजह से हो गया जिसे चाहकर भी नहीं झुटलाया जा सकता है। काँग्रेस की एकजुटता की वजह मंत्री भईया लाल की फिसली जुबान व अपनें सपनों मे विधायक मंत्री बनें भीतरघातियों के ट्कारण चुनाव जीतनें मे संजिवनी बुटी का काम कर गई। वहीं भाजपा की ओर से इस बार जमकर घात प्रतिघात हुए जो नपा बैकुण्ठपुर चुनाव की याद ताजा कर दी नपा चुनाव मे भी भाजपा के हारनें का कारण भीतरघाती ही थे। दरअसल रेवा यादव को मंत्री जी का करीबी होने का खामियाजा भी भुगतना पड़ा पार्टी के जो नेता मंत्री राजवाडे के बढ़ते कद को कम करना चाहते थे उन्होंने बलि के बकरे के रूप में रेवा यादव को चुना और अपना काम कर दिया। क्योकि बैकुण्ठपुर विधानसभा मे एकलौते जनता के चाहनें वाले रेवा यादव ही है जिन्होंनें एक नहीं बल्की दो विधानसभा चुनाव वर्तमान मंत्री भईया लाल राजवाडे को अपनें दम पर जीताया था। जिसे भाजपा के सारे भीतरघाती नेंता भलीभांति जानते है। उपचुनाव मे ही रेवा यादव नें भीतरघातियों से अकेले लडकर भाजपा व कांग्रेस के दिग्गजों को कडी टक्कर दे दिया इससे बडी मिशाल और क्या हो सकती है।  कुल मिलाकर यह भी कहा जा सकता है कि दुश्मन ना करे दोस्त ने वो काम किया है, जिंदगी भर का गम हमें इनाम दिया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *