ज्ञान के मंदिरों से विकसित होगा नया भारत: डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री ने नये शिक्षा सत्र के लिए बच्चों, अभिभावकों और शिक्षकों को दी बधाई और शुभकामनाएं
डॉ. रमन सिंह ने कहा – हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा की आसान पहुंच के लिए की गयी हर प्रकार की व्यवस्था
प्रदेश में स्कूली शिक्षा के लिए इस वर्ष सबसे ज्यादा 12 हजार 472 करोड़ का बजट
कल्याणकारी योजनाओं से स्कूलों में बच्चों की दर्ज संख्या 46 लाख से बढ़कर 58 लाख तक पहुंची
रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने प्रदेश के लाखों स्कूली बच्चों, उनके अभिभावकों और शिक्षकों को नये शिक्षा सत्र 2018-19 के शुभारंभ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। डॉ. सिंह ने आज यहां जारी शुभकामना संदेश में सभी लोगों से आग्रह किया है कि वे अपने परिवार के हर बच्चे को स्कूल जरूर भेजें। उन्होंने कहा – राज्य सरकार ने हर बच्चे तक गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा की आसान पहुंच सुनिश्चित करने के लिए हर प्रकार की व्यवस्था की है। डॉ. सिंह ने शाला प्रवेश उत्सवों में सभी नागरिकों से अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आव्हान किया है और उनसे स्कूलों में नये बच्चों का स्वागत करने तथा उन्हें आशीर्वाद देने की भी अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने चालू वित्तीय वर्ष 2018-19 के अपने मुख्य बजट में स्कूली शिक्षा के लिए सबसे ज्यादा 12 हजार 472 करोड़ रूपए का प्रावधान किया है। उन्होंने कहा – हमार विश्वास है कि नया भारत ज्ञान के मंदिरों से विकसित होगा। इसे ध्यान में रखकर राज्य में स्कूली शिक्षा की अधोसंरचनाओं के विकास और विस्तार के लिए और स्कूलों को पढ़ने-पढ़ाने की सभी जरूरी सुविधाओं से सुसज्जित करने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरस्वती साइकिल योजना शुरू होने के बाद राज्य के हाई स्कूलों में बालिकाओं की दर्ज संख्या 65 प्रतिशत से बढ़कर 101 प्रतिशत हो गई है। कक्षा पहली से 10वीं तक सभी स्कूली छात्र-छात्राओं को निः शुल्क पाठ्य पुस्तकों का वितरण किया जा रहा है। इसके साथ ही निःशुल्क गणवेश वितरण और मध्यान्ह भोजन जैसी कल्याणकारी योजनाएं भी चल रही है। इन सभी योजनाओं के फलस्वरूप राज्य में स्कूली बच्चों की दर्ज संख्या 46 लाख से बढ़कर 58 लाख तक पहुंच गयी है। बच्चों के द्वारा विभिन्न कारणों से बीच में ही स्कूल छोड़ देने की समस्या अर्थात ड्राप आउट की दर भी अब एक प्रतिशत से कम रह गई है। आश्रम शालाओं, छात्रावासों और आवासीय विद्यालयों में भी बच्चों के लिए अच्छी से अच्छी सुविधाएं दी जा रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा – राज्य शासन के प्रयासों के फलस्वरूप विगत 14 साल में राज्य में प्राथमिक से लेकर हायर सेकेण्डरी तक स्कूलों की संख्या 41 हजार 567 से बढ़कर 56 हजार 621 तक पहुंच गयी है, वहीं इन सभी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या भी करीब एक लाख 16 हजार से बढ़कर लगभग दोगुनी लगभग दो लाख 44 हजार हो गयी है। प्रदेश में वर्ष 2003-04 से वर्ष 2017-18 के बीच नौ हजार 748 नवीन प्राथमिक शालाओं के, सात हजार 061 मिडिल स्कूलों, दो हजार 334 हाई स्कूलों और एक हजार 098 हायर सेकेण्डरी स्कूलों की स्थापना की है। अब छत्तीसगढ़ में 33 हजार 907 प्राथमिक स्कूलों, 16 हजार 674 पूर्व माध्यमिक (मिडिल ) स्कूलों, दो हजार 643 हाई स्कूलों और तीन हजार 898 हायर सेकेण्डरी स्कूलों का संचालन किया जा रहा है।
डॉ. रमन सिंह ने कहा – यह हम सबके लिए खुशी की बात है कि स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में विभागीय प्रयासों के फलस्वरूप बच्चों को अब छत्तीसगढ़ में हर एक किलोमीटर के दायरे में प्राथमिक स्कूल, हर तीन किलोमीटर के दायरे में पूर्व माध्यमिक (मिडिल) स्कूल की सुविधा मिल रही है। माध्यमिक शिक्षा के लोक व्यापीकरण अभियान के तहत हर पांच किलोमीटर में हाई स्कूल और प्रत्येक सात किलोमीटर पर हायर सेकेण्डरी स्कूल खोले जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा – वर्ष 2003 में प्रदेश के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की संख्या 69 हजार 184 थी, जो वर्ष 2016-17 में बढ़कर एक लाख 21 हजार 603 हो गई है। इस अवधि में मिडिल स्कूलों में शिक्षकों की संख्या 22 हजार 833 से बढ़कर 72 हजार 910, हाई स्कूलों में सात हजार 236 से बढ़कर 29 हजार 140 और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में 16 हजार 568 से बढ़कर 20 हजार 174 तक पहुंच गयी है। डॉ. रमन सिंह ने कहा – राज्य सरकार छत्तीसगढ़ के हर बच्चे को शिक्षा की बेहतर से बेहतर सुविधा दिलाने के लिए वचनबद्ध है।