संस्कृत से समृद्ध हुई है भारतीय भाषाएं-डॉ. केशरी लाल वर्मा
शदाणी दरबार में आयोजित संस्कृत संभाषण शिविर सम्पन्न
रायपुर, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् के अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्यामण्डलम् द्वारा आयोजित संस्कृत संभाषण शिविर का समापन पंडित रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ.केशरी लाल वर्मा के मुख्य आतीथ्य एवं शदाणी दरबार के पीठाधीश संत डॉ. युधिष्ठिर लाल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुआ। सर्वप्रथम अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर समारोह का शुभारंभ किया गया। विद्यामण्डलम् के सचिव डॉ. सुरेश कुमार शर्मा द्वारा अतिथियों का परिचय और ग्राम मुनि संस्कृत अभिमान की संक्षिप्त जानकारी से अवगत कराया गया। संस्कृत संभाषण में प्रशिक्षित प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा अनुभव, कथन, संस्कृत में व्यवहारिक वार्तालाप, संस्कृत गीत, नृत्य एवं समूह गीत समारोह में आकर्षण का केन्द्र रहा।
मुख्य अतिथि की आसंदी से अपने उद्बोधन में पंडित रविशंकर शुक्ल विश्व विद्यालय के कुलपति डॉ. केशरी लाल वर्मा संस्कृत संभाषण शिविर की प्रगति की प्रशंसा करते हुए कहा कि संस्कृत सभी भाषाओं का आधार है। इसनेें भारतीय भाषाओं को समृद्ध किया है। शदाणी दरबार के पीठाधीश संत युधिष्ठिर लाल ने कहा कि संस्कृत देववाणी है। इसे निरन्तर सीखकर बोलने का अभ्यास करना चाहिए। विद्यामण्डलम् के अध्यक्ष स्वामी परमात्मानंद ने कहा कि ग्रामे ग्रामे संस्कृतम् अभियान के द्वारा संस्कृत भाषा जन-जन तक पहंुचाने का सार्थक माध्यम है। संस्कृत भारती के प्रांत संगठन मंत्री श्री हेमन्त साहू ने कहा कि संस्कृत भाषा को सरलतम रूप से प्रस्तुत कर उसे सीखने के लिए संस्कृत भारती द्वारा अनुसंधान पूर्वक प्रशिक्षण प्रविधि तैयार की गई है। इस अवसर पर प्रशिक्षक श्री मनेशवर राम, संस्कृत विद्यामण्डलम् के अधिकारी श्री लक्ष्मण प्रसाद साहू सहित बड़ी संख्या में संस्कृत अनुरागी उपस्थित थे।