कलेक्टर के प्रोग्राम में एसडीएम सहित पत्रकारों की उपेक्षा करने वाला छः वर्षो से एपीओ रहे दो प्रधान पाठक सहित एक व्याख्याता पंचायत की हुई मूल विभाग में वापसी
पृथ्वीलाल केशरी
रामानुजगंज/ जिले के राजीव गांधी शिक्षा मिशन में पिछले छः वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर एपीसी के पद पर पदस्थ तीन अधिकारियों को जिला पंचायत सीईओ शिव अनन्त तायल ने उनकी प्रतिनयुक्ति समाप्त कर मूल विभाग में वापसी का आदेश जारी कर दिया है। वही इस आदेश के जारी होते ही शिक्षा विभाग से लेकर जिला पंचायत तक तरह -तरह की चर्चाएं हो रही है। हालांकि जिला पंचायत सीईओ शिव अनन्त तायल ने तमाम तरह की हो रही चर्चाओं पर यह कहते हुए विराम लगा दिया हैं की उक्त अधिकारियों की प्रतिनयुक्ति की अवधि समाप्त हो गई हैं। दरसल 08 जून को जिला पंचायत सीईओ शिव अनन्त तायल ने राजीव गांधी शिक्षा मिशन में पिछले छः वर्षों से एपीसी के पद पर पदस्थ प्रधान पाठक नरेश ठाकुर,प्रधान पाठक रामसेवक गुप्ता,व्याख्याता पंचायत सुनील कुमार ठाकुर को उनके मूल पद पर पदस्थ करने का आदेश जारी कर दिया गया है। विश्वस्त सूत्रों की माने तो हाल ही में रामानुजगंज कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय में 01 जून को आयोजित समर कैंप में कार्यक्रम के आयोजन कर्ता नरेश ठाकुर प्रधानपाठक सह सहायक परियोजना समन्वयक राजीव गांधी शिक्षा मिशन
बलरामपुर द्वारा आयोजित की गई थी,जिसमे एसडीएम रामानुजगंज आईएएस विजय दयाराम के. सहित पत्रकारों एवम नगर के कई जनप्रतिनिधियों एवं गणमान्य नागरिको को आयोजन में उपेकक्षा की गईं जो नगर में चर्चा का विषय बना हुआ था। कार्यक्रम में उपस्थित लोगों ने बताया कि कलेक्टर हीरालाल नायक ने जैसे ही स्टेज पर पहुँचे तो उन्होंने एसडीएम रामानुजगंज आईएएस विजय दयाराम के.को खोजने लगें तब जाकर नरेश ठाकुर ने उन्हें फोन लगाने लगें सायद फोन नहीं लगा या जो भी बात रहा हो लेकिन कार्यक्रम समापन तक एसडीएम साहब नहीं पहुंचे। इधर नगर के निर्वाचित जनप्रतिनिधियों का कहना था कि नविन कलेक्टर से मिलने की आस धरि की धरि रह गई। ऐसे आयोजन कर्ता प्रमुख नरेश ठाकुर पर लापरवाही के लिए कार्यवाही तो होनी ही चाहिए साथ ही श्री ठाकुर को उसके मुलपद पर कलेक्टर साहब को वापस कर देना चाहिए ऐसे जनप्रतिनिधियों की राय सामने आ रही थीं। उसके बाद से कलेक्टर के कार्यक्रम में प्रशासनिक अधिकारियों और पत्रकारों की अनदेखी से नाराज चल रहे कलेक्टर हीरालाल नायक ने जिम्मेदार अधिकारियों की क्लास लेकर जमकर फटकार लगाई थी। उसके बाद से ही यह कयास लगाए जा रहे थे की वर्षो से राजीव गांधी शिक्षा मिशन में काबिज एपीसी अधिकारियों की उनके मूल विभाग में वापसी हो सकती है। और अन्तोगत्वा हुआ भी वहीं।