सुरक्षा कर्मी ही अब मारपीट पर हुए उतारू ,अभियंता से दुर्व्यवहार पर हुई कार्यवाही 2 निलंबित 1 सस्पेंड कार्यवाही पर उठ रहे सवालिया निशान
बिरसिंहपुर पाली (तपस गुप्ता):- संजय गांधी ताप विद्युत गृह परियोजना में बीते दिवस सुरक्षा कर्मियों द्वारा चेकिंग के नाम पर की गई कार्यवाही ने अभियंताओं को स्तब्ध कर दिया जिसका कारण प्रतिदिन अपने कार्य को कर्मठता से करने वाले अभियंताओं को ही गेट पास चेक करने के बहाने अभद्र भाषा के प्रयोग सहित मारपीट का शिकार होना पड़ा जिससे समस्त अभियंताओं में अच्छा खासा आक्रोश है ,जिस पर पावर इंजीनियर एन्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन द्वारा की गई शिकायत पर प्रथम दृष्टया कार्यवाही करते हुए बोर्ड के 1 एक सुरक्षा सैनिक को सस्पेंड किया गया वहीं प्रायवेट सिक्योरिटी के दो सैनिकों को निलम्बित करने की कार्यवाही मुख्य अभियंता द्वारा की गई है, लेकिन यहां अत्यंत सोचनीय विषय यह है की आखिर क्या वजह थी की छोटे कर्मचारियों तक ही कार्यवाही सीमित रही जबकि पावर हाउस के गेट में होने वाली समस्त गतिविधियों एवं कार्यप्रणाली का संचालन मुख्य सुरक्षा अधिकारी के हाथ मे होता है और जो भी होता है मान्यनीय के आदेशानुसार ही होता है इस घटित पूरे घटनाक्रम में देखने मे आया कि दोनों पक्ष मात्र अफसरशाही का शिकार हुए ,क्योंकि अगर सुरक्षा सैनिक अपने अधिकारी की बात नहीं मानते तो नौकरी से जाते और उनका आदेश मानकर कार्य किये तो भी नौकरी से गए खैर जो भी हुआ परियोजना के लिए बड़ा ही दुर्भाग्य पूर्ण रहा क्योंकि इस तरह की यह पहली घटना है ।
यह है मामला:-
इस संबंध में बताया गया कि बीती रात्रि परियोजना में कार्यरत देवेंद्र यादव अपनी रात्रि कालीन शिफ्ट ड्यूटी में ग्यारह बजे के आसपास प्रबंधन द्वारा उपलब्ध करवाई गई मिनी बस से परियोजना के गेट क्रमांक 1 पर पँहुचे जहां पर ड्यूटी में उपस्थित भूतपूर्व सैनिक कल्याण समिति के शिवदत्त तिवारी द्वारा गेट पास की दिखाने की बात कहने पर कुछ कहा सुनि हुई जो कि बढ़ते बढ़ते अभद्र भाषा के साथ मारपीट में बदल गयी उक्त अभियंता को इस घटना में चोटिल होने के कारण समस्त अभियंताओं में आक्रोश बढ़ गया जिससे सभी ने ड्यूटी में जाने से इनकार कर दिया रात में ही पावर इंजीनियर एन्ड एम्प्लाइज एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने मामला अपने संज्ञान में लेते हुए मुख्य अभियंता को इसकी सूचना दी एवं मौके पर पँहुचे मुख्य अभियंता की समझाइश एवं कड़ी कार्यवाही के आश्वासन के बाद अभियंताओं द्वारा कार्य मे जाने का फैसला लिया गया । बताया गया कि दूसरे दिन मुख्य अभियंता द्वारा संगठन के शिकायत पत्र के आधार पर प्रथम दृष्टया कार्यवाही करते हुए 2 कर्मचारियों को निलंबित करते हुए 1 कर्मचारी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड किया गया है एवं आगे की जांच के लिए कमेटी का गठन किया गया है ।
ऐसे उत्पन्न हुई स्थिति:-
इस संबंध में हमारे प्रतिनिधि द्वारा की गई जांच पड़ताल में सामने आया है कि सुरक्षा विभाग के मुख्य सुरक्षा अधिकारी के हिटलर शाही रवैये के कारण यह स्थिति उत्पन्न हुई है , आये दिन सुरक्षाधिकारी द्वारा अपने पद का उपयोग करते हुए अधीनस्थों पर अच्छा खासा दबाव बनाया जाता रहा है इनके द्वारा अपने केबिन में बैठे बैठे सी सी टी वी में देखकर अपने खास मनचाहे व्यक्तियों को पावर हाउस में प्रवेश दिलवा दिया जाता है सवेरे 8 बजे की शिफ्ट में इस बात की पुष्टि और अच्छे से की जा सकती है जब के ठेकेदारों के बिना गेटपास की कई श्रामिक आराम से प्रवेश करते है जबकि अगर कोई इनके बिना मन का व्यक्ति प्रवेश कर जाए तो सभी सैनिकों की परेड लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ते और तो और अगर इनकी हिटलरशाही का कोई विरोध करता है तो उसे इस परियोजना को छोड़कर अन्य कहीं स्थानांतरित होना पड़ता है जिसका जीत जागता उदाहरण कुछ महीने पूर्व हुए ट्रांसफर से देखा जा सकता है गौरतलब है कि इन दिनों परियोजना की 500 मेगावाट इकाई का वार्षिक रखरखाव कार्य चल रहा है जिसमे बाहरी कंपनी सहित आसपास के कई श्रमिक कार्य कर रहे हैं लेकिन उनके लिए गेटपास होना कोई अनिवार्य नहीं है । कि बार ऐसी स्थिति उत्पन्न हुई है कि परियोजना में प्रवेश हेतु मीडिया सहित और भी प्रतिनिधियों को काफी समस्या का सामना करना पड़ता है। आखिर क्या ऐसी वजह है कि सुरक्षा अधिकारी द्वारा परियोजना में मीडिया के प्रवेश को प्रतिबंधित करने का प्रयास किया जाता रहा है जो कि सोचनीय एवं विचारणीय विषय है ।
कार्यवाही पर उठ रहे सवालिया निशान:-
परियोजना में घटित उक्त घटना चारों ओर चर्चा का विषय बनी हुई है उससे भी अधिक उक्त घटना में सुरक्षा अधिकारी श्री राघव द्वारा की गई कार्यवाही पर कई सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं अपने ही आदेश के खिलाफ कार्यवाही किया जाना विचारणीय पहलू है क्योंकि सुरक्षा अधिकारी द्वारा कड़े निर्देश दिए गए हैं कि बिना गेट पास किसी को प्रवेश नहीं देना है फिर चाहे वह कोई भी हो लेकिन मौके पर खुद को बचाकर दूसरे को दोषी ठहराना साहब की पुरानी आदत है ख़ैर स्थिति जो ही नुकसान तो हर हाल में गरीब श्रमिकों का है जिसकी कड़ी जांच होना अति आवश्यक है।
इस संबंध में: –
प्रथम दृष्टया देखते हुए सैनिक कल्याण समिति के शिवदत्त तिवारी, नीलम सिक्योरिटी सर्विस के लक्ष्मण मिश्रा को कार्यमुक्त एवं बोर्ड के शिफ्ट इंचार्ज रामायण मिश्रा को आगामी आदेश तक सस्पेंड किया गया है
व्ही के कैथवार मुख्य अभियंता
संजय गांधी ताप विद्युत गृह
हमारे द्वारा सुरक्षा अधिकारी के आदेशानुसार अभियंता से गेट पास की मांग की गई जिसपर बहस बाजी हुई बीचबचाव कर मामले को शांत करवाया गया, सवेरे सुरक्षा अधिकारी द्वारा कार्यमुक्त किये जाने की जानकारी पता चली
सैनिक कल्याण समिति
शिवदत्त तिवारी
भूतपूर्व सैनिक
मेरे द्वारा शिफ्ट लगाकर गेट में हो रहे हो हल्ला एवं झूमाझटकी में बीच बचाव किया गया मामला शांत होने पर सभी अपने अपने काम पर लग गए सवेरे सुरक्षा अधिकारी द्वारा ड्यूटी से हटाए जाने की जानकारी प्राप्त हुई ।
लक्ष्मण मिश्रा नीलम सिक्योरिटी सर्विस सुपरवाइजर
इस संबंध में सुरक्षा अधिकारी श्री एस राघव से संपर्क करने का प्रयाश किया गया तो संपर्क नही हो सका।