रायपुर-प्रधानमंत्री  नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के जरिए उज्ज्वला योजना के तहत छत्तीसगढ़ के रायपुर जिले की तीन लाभार्थी महिलाओं से सीधे बातचीत कर इस योजना के संबंध में जानकारी ली। श्री मोदी ने आज छत्तीसगढ़ सहित देश के पांच राज्यों की महिलाओं से इस योजना के संबंध में बातचीत की।  प्रधानमंत्री श्री मोदी ने नई दिल्ली से रायपुर कलेक्टोरेट के एनआईसी कक्ष में उपस्थित रायपुर जिले के सारागांव निवासी श्रीमती मीना निर्मलकर, मांढर की श्रीमती उर्मिला सिन्हा और नेऊरडीह की श्रीमती विमला टंडन से चर्चा कर जानना चाहा की इस योजना से हितग्राहियों को लाभ मिल रहा है या नहीं। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने छत्तीसगढ़ की महिलाओं से जय जोहार कर अपनी बात प्रारंभ की। प्रधानमंत्री ने उज्जवला योजना को स्वास्थ्य से जोड़कर उनके स्वास्थ्य में परिवर्तन के बारे में भी जानकारी ली। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के लाभ के लिए पड़ोसियों को किस प्रकार से प्रेरित किया जा रहा है,  इसके बारे में भी पूछा।
रायपुर के सारागांव की श्रीमती मीना निर्मलकर ने प्रधानमंत्री श्री मोदी को बताया कि पहले अन्य घरों में गैस चूल्हा को देखने से मन में अपने घर में गैस चूल्हा न होने की बात खलती थी। इसके साथ ही खाना बनाने के लिए लकड़ी, गोबर के उपले आदि की व्यवस्था में भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। जिससे बहुत अधिक समय और मेहनत लगता था। लकड़ी और उपलों से निकलने वाले धुंआ से पूरे परिवार के स्वास्थ्य में बुरा असर पड़ता था। परंतु अब प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गैस चूल्हा मिल जाने से बच्चों के मनपसंद का खाना एवं व्यंजन जल्दी बन जाते है। साथ ही इससे जो भी समय बचता है वह पूरा का पूरा परिवार और बच्चों के साथ व्यतीत करने लगीं है। श्रीमती मीना ने बताया कि वो पड़ोसियों को भी इस योजना के साथ ही शासन की अन्य योजनाओं के लाभ के बारे में भी बताती है।
गौरतलब है कि छतीसगढ़ राज्य मे 13 अगस्त 2016 को प्रधानमंत्री उज्जवला योजना का शुभारंभ हुआ। इसके तहत पूरे राज्य मे अभी तक 21 लाख 17 हजार 887 कनेक्शन दिए जा चुके है। इससे राज्य मे एलपीजी की उपयोगिता मे भारी वृद्धि हुई है । उज्जवला योजना से पहले 100 परिवार मे से सिर्फ 31 परिवारों के पास ही एलपीजी कनेक्शन था जबकि आज यह संख्या बढ़कर 66 परिवार हो गई है। अप्रैल 2018 से विस्तारित प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना शुरू की गई है इससे छतीसगढ़ मंे एलपीजी के प्रतिशत और भी बढ़ोत्तरी होगी और इससे शीघ्र ही शतप्रतिशत घरों को धुंआ मुक्त बनाया जा सकेगा।