मासिकधर्म स्वच्छता और प्रबंधन विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला संपन्न
रायपुर –महिला एवं बाल विकास विभाग और यूनिसेफ छत्तीसगढ़ द्वारा मासिकधर्म स्वच्छता और प्रबंधन के विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन आज नवीन विश्राम गृह के प्रथम तल में स्थित सभागृह में किया गया .अंतर्राष्ट्रीय मासिकधर्म स्वच्छता दिवस के अवसर पर आयोजित इस कार्यशाला का उद्देश्य अन्तर्विभागीय परामर्शों पर चर्चा कर आगामी कार्ययोजना पर विचार करना था .कार्यशाला को संबोधित करते हुए महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ एम गीता ने कहा कि मासिकधर्म से जुड़े पूर्वाग्रहों और भ्रांतियों को दूर करने के लिए सबको मिलकर प्रयत्न करने होंगे. यह एक अत्यंत महत्वपूर्ण और संवेदनशील विषय है जिस पर निरंतर बातचीत करने की ज़रूरत है .उन्होंने कार्यशाला में उपस्थित शिक्षिकाओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे बालिकाओं से निरंतर इस विषय पर बातचीत करते रहें ताकि उनके मन से मासिकधर्म से सम्बंधित डर और संकोच दूर किया जा सके .कार्यशाला में महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त संचालक श्री प्रतीक खरे ने बताया शुचिता योजना के तहत अब प्रदेश के सभी शासकीय हाईस्कूल ,हायर सेकंडरी स्कूल, महाविद्यालयों और तकनीकी शिक्षा संस्थाओं में बालिकाओं को सेनेटरी नेपकिन उपलब्ध कराने के लिए वेंडिंग मशीने लगायी जाएँगी. इस योजना के तहत प्रदेश की 12 लाख से अधिक बालिकाओं को मात्र दो रुपए में सेनेटरी पैड उपलब्ध हो सकेगा . उन्होंने यह भी बताया कि राज्य सरकार की शुचिता योजना को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली है और केंद्र सरकार की मंशा है कि इसे देश भर में शुरू किया जाए. बैठक में राज्य शैक्षणिक अनुसन्धान के अधिकारी ने बताया की किशोरावस्था में बच्चों को मासिकधर्म के विषय में जागररुकता और जानकारी देने के उद्देश्य से कक्षा 10 वीं के पाठ्यक्रम में इससे जुड़ा एक अध्याय शामिल किया गया है. वहीँ आदिम जाति कल्याण विभाग के प्रतिनिधि ने बताया कि अब उनके विभाग द्वारा संचालित सभी बालिका छात्रावासों में सेनेटरी नेपकिन हेतु वेंडिंग मशीने लगायी जाएँगी .कार्यशाला में स्कूल शिक्षा,स्वास्थ्य,पंचायत एवं ग्रामीण विकास और आदिम जाति कल्याण विभाग से आये प्रतिनिधियों ने परिचर्चा में भाग लिया और आने सुझाव एवं अनुभव साझा किए.