नक्सल हिंसा और आतंक से मुक्त हुआ सरगुजा, बहुत जल्द बस्तर को भी मिलेगी मुक्ति: डॉ. रमन सिंह
मुख्यमंत्री ने बलरामपुर-राजपुर की विशाल आमसभाओं में जनता को सम्बोधित किया
प्रदेश व्यापी विकास यात्रा में किसानों को 1700 करोड़ का धान बोनस आबादी पट्टों का वितरण भी शुरू
गरीब हितैषी-किसान हितैषी योजनाओं से अब छत्तीसगढ़ को मिली भूख और पलायन की पीड़ा से भी मुक्ति: डॉ. रमन सिंह
रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज प्रदेश व्यापी विकास यात्रा के दौरान सरगुजा राजस्व संभाग के बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में दो विशाल आमसभाओं को सम्बोधित किया। उन्होंने जिला मुख्यालय बलरामपुर और तहसील मुख्यालय राजपुर में आयोजित आमसभाओं में राज्य और केन्द्र सरकार की विभिन्न योजनाओं का उल्लेख करते हुए कहा कि इन योजनाओं से गरीबों के जीवन में खुशहाली आ रही है। दोनों आमसभाओं में लोगों ने मुख्यमंत्री का जोरदार स्वागत और आत्मीय अभिनंदन किया।
मुख्यमंत्री ने राजपुर की आमसभा में कहा- सरगुजा संभाग अब नक्सल हिंसा और आतंक की कालीछाया से मुक्त हो चुका है। इस क्षेत्र की जनता के सहयोग और पुलिस बल की सजगता और सक्रियता से ही राज्य सरकार को इसमें सफलता मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा-कुछ वर्ष पहले तक यहां के लोग शाम ढलने के बाद आतंक की वजह से घर से बाहर नहीं निकल पाते थे। कई ग्रामीणों ने शहरी क्षेत्रों में शरण ले रखी थी, लेकिन अब हिंसा और दहशत का माहौल खत्म हो गया है। पूरे इलाके में शांतिपूर्ण विकास का नया और उत्साहजनक वातावरण बना है। डॉ. रमन सिंह ने कहा-बस्तर संभाग भी तेजी से नक्सल मुक्त हो रहा है। उन्होंने उम्मीद जतायी कि बस्तर संभाग की जनता को भी जल्द से जल्द नक्सल समस्या से मुक्ति मिल जाएगी। डॉ. सिंह ने दोनों आमसभाओं में कहा-राज्य सरकार ने छत्तीसगढ़ के लाखों गरीब परिवारों को भोजन का कानूनी अधिकार दिलाया है। किसानों को खेती के लिए ब्याजमुक्त अल्पकालीन ऋण सुविधा दी जा रही है। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के किसानों को सिंचाई के लिए पूरी बिजली निःशुल्क दी जा रही है। अन्य किसानों को सालाना साढ़े सात हजार यूनिट बिजली निःशुल्क मिल रही है। सरकार की गरीब हितैषी और किसान हितैषी योजनाओं के फलस्वरूप छत्तीसगढ़ को भूख और पलायन की पीड़ा से भी मुक्ति मिल गई है।
जिला मुख्यालय बलरामपुर की आमसभा में मुख्यमंत्री ने कहा-इस आदिवासी बहुल इलाके को पिछड़ेपन के दर्द से राहत दिलाने के लिए जनता की मांग पर वर्ष 2012 में इस जिले का निर्माण किया गया था। पूरे जिले में विकास की तेज रफ्तार को देखते हुए मुझे विश्वास हो गया है कि जिला निर्माण का उद्देश्य सार्थक हुआ है। प्रधानमंत्री आवास योजना और प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना सहित केन्द्र और राज्य की विभिन्न योजनाओं में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले ने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है और इन योजनाओं में जिले की प्रगति निश्चित रूप से सराहनीय है।
मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी कि जनता के भरपूर सहयोग से अगले पांच वर्ष में यह जिला और भी तेज गति से विकास की नई ऊंचाईयों तक पहुंचेगा। डॉ. सिंह ने कहा-इस वर्ष की विकास यात्रा में प्रदेश भर में लगभग 30 हजार करोड़ रूपए के निर्माण कार्यों का लोकार्पण, भूमिपूजन और शिलान्यास किया जा रहा है। डॉ. सिंह ने दोनों आमसभाओं में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा घोषित आयुष्मान भारत योजना का उल्लेख करते हुए कहा-अब किसी भी गरीब परिवार को गंभीर बीमारी की स्थिति में अपने सदस्यों के इलाज के लिए मकान या खेत गिरवी रखने की जरूरत नहीं होगी। आयुष्मान भारत योजना में हृदय रोग, किडनी, कैंसर आदि गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए पांच लाख रूपए तक सहायता मिलेगी। छत्तीसगढ़ के लगभग 37 लाख परिवारों को आयुष्मान भारत योजना का लाभ मिलेगा। इसके अलावा राज्य सरकार द्वारा मुख्यमंत्री स्वास्थ्य बीमा योजना के तहत प्रदेश के प्रत्येक परिवार को सालाना 50 हजार रूपए तक निःशुल्क इलाज की सुविधा भी दी जा रही है। डॉ. सिंह ने कहा-प्रदेश व्यापी विकास यात्रा में राज्य सरकार किसानों को खरीफ वर्ष 2017 के धान पर 1700 करोड़ रूपए का बोनस दे रही है। आबादी पट्टों का वितरण भी शुरू हो गया है।
मुख्यमंत्री ने कहा-बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के निर्माण के सिर्फ छह साल के भीतर इस पूरे इलाके के सामाजिक-आर्थिक विकास में काफी तेजी आयी है। जनता की मांग पर वर्ष 2012 में राज्य सरकार ने इस अंचल को जिले का दर्जा दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की सर्वोच्च प्राथमिकता वाली योजनाओं का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को पक्के मकान बनाने के लिए सहायता दी जा रही है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत गरीब परिवारों को रसोई गैस कनेक्शन दिए जा रहे हैं। इससे हमारी बहनों को चूल्हे के धुएं से मुक्ति मिल रही है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार ने तेन्दूपत्ता संग्रहण का पारिश्रमिक 1800 रूपए से बढ़ाकर इस वर्ष ढाई हजार रूपए कर दिया है। गर्मियों में जंगलों मे तेन्दूपत्ता तोड़ने का काम करने वाले मेहनतकश वनवासियों को ढाई हजार रूपए प्रति मानक बोरा पारिश्रमिक देने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला और इकलौता राज्य है। लगभग 12 लाख 50 हजार परिवारों को इसका फायदा मिल रहा है।
उन्होंने कहा-राज्य सरकार ने विगत 14 वर्ष में तेन्दूपत्ते की संग्रहण दर में लगभग हर साल वृद्धि की है और यह दर जो वर्ष 2003-04 में लगभग 400 रूपए थी, आज ढाई हजार रूपए हो गई है। किसानों को धान का बोनस दिया जा रहा है। लगभग 1700 करोड़ रूपए बोनस के रूप में दिए जा रहे हैं। बलरामपुर-रामानुजगंज जिले में आज विकास यात्रा की राजपुर की आमसभा में 18 हजार किसानों को 33 करोड़ रूपए धान के बोनस के रूप में ऑनलाइन दिए गए हैं। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार की नोनी सुरक्षा योजना की जानकारी देते हुए कहा कि गरीब परिवारों में दो बेटियों के जन्म पर प्रत्येक बेटी के नाम से पांच हजार रूपए सरकार बैंक में जमा करवाती है, जब बिटियां 18 साल की हो जाएगी तो उसे एक लाख रूपए मिलेंगे। मुख्यमंत्री ने राजपुर की आमसभा में बलरामपुर-रामानुजगंज जिले के विकास के लिए लगभग 149 करोड़ रूपए के 59 विभिन्न निर्माण कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें जिला मुख्यालय बलरामपुर का सरकारी जिला अस्पताल भवन भी शामिल है। बलरामपुर की आसमभा में मुख्यमंत्री ने स्थानीय नगर पालिका परिषद की विभिन्न मांगों का जल्द परीक्षण करवाने का आश्वासन दिया और कहा कि शहर के विकास के लिए शासन की ओर से हर संभव सहयोग किया जाएगा। उन्होंने खैरवार समाज के लोगों द्वारा सामुदायिक भवन निर्माण के लिए राशि दिलाने का आग्रह किए जाने पर कहा कि भवन निर्माण के लिए भूमि उपलब्ध होने पर दस लाख रूपए की सहायता दी जाएगी।
मुख्यमंत्री के साथ दोनों जनसभाओं में प्रदेश के गृह,जेल और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी मंत्री श्री रामसेवक पैकरा, श्रम, खेल और युवा कल्याण मंत्री श्री भईयालाल राजवाड़े, लोक निर्माण, आवास और पर्यावरण मंत्री श्री राजेश मूणत, लोकसभा सांसद श्री कमलभान सिंह मरावी, राज्यसभा सांसद श्री रामविचार नेताम, अध्यक्ष जिला पंचायत श्रीमती पुष्पा नेताम और जिले के अनेक वरिष्ठ जनप्रतिनिधि तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे। राजपुर की जनसभा को राज्यसभा सांसद श्री रामविचार नेताम ने भी सम्बोधित किया।