November 22, 2024

पिता के शराब पीने की लत छुड़ाने स्वयं करने लगी पोस्टमार्टेम, संतोषी दुर्गा अब तक कर चुकी है- 400 पोस्टमार्टेम

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उत्तर बस्तर (कांकेर) पिता के शराब पीकर शवों का पोस्टमार्टेम करने और उनका स्वास्थ्य लगातार गिरने से चिंतित श्रीमती संतोषी दुर्गा स्वयं बिना शराब पिए पोस्टमार्टेम करने लगी और यह सिद्ध किया कि बिना नशा किए भी पोस्टमार्टेम का काम किया जा सकता है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नरहरपुर में वह लगातार पिछले 14 वर्षो से शवों का पोस्टमार्टम कर चिकित्सकों का सहयोग कर रही है। अब तक संतोषी द्वारा 400 शवों का पोस्टमार्टम करने मे चिकित्सकों की मदद की जा चुकी है। कांकेर जिला प्रशासन द्वारा संतोषी दुर्गा के इस हिम्मत के कार्य के लिए विकास यात्रा-2018 के कार्यक्रम में 14 मई को मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह के हाथों से सम्मानित कराया जा रहा है।
30 वर्षीय श्रीमती संतोषी दुर्गा पति धर्मेन्द्र दुर्गा नरहरपुर जिला कांकेर की रहने वाली है। उसने कक्षा 8वीं तक ही पढाई की है। उसके पिता स्वर्गीय श्री रतन सिंह सिंदूर सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नरहरपुर में स्वीपर के पद पर कार्यरत थे। वह स्वीपर के कार्य के अलावा पोस्टमार्टेम के कार्याें में चिकित्सकों का सहयोग किया करते थे। लेकिन वह पोस्टमार्टेम शराब पीकर ही करते थे। इससे संतोषी दुर्गा को अपने पिताजी का शराब पीना अच्छा नही लगता था। वह उन्हें समझाती थी कि शराब नही पिया करें। उसके पिताजी कहते थे कि पोस्टमार्टेंम का कार्य बिना पिये नही किया जा सकता, क्योंकि उसके लिए बहुत हिम्मत की जरूरत होती है। विभिन्न प्रकार के सड़े गले विक्षिप्त लाशों को पोस्टमार्टेम करना पडता है। उसी दिन से संतोषी ने प्रण किया कि वह बिना शराब पिये पोस्टमार्टेम करके दिखायेगी और अपने पिता के शराब पीने की आदत छुड़वायेगी और वह अपने पिता से शर्त लगाई और पिता के साथ स्वयं पहली बार किशनपुरी के आये शव का पोस्टमार्टेंम किया। लगातार 2004 से पोस्टमार्टेम के कार्यों मे क्षेत्र के चिकित्सकों का सहयोग करते आ रही है। 19 दिसम्बर 2008 को उसके पिताजी की मृत्यु हो गई तब से परिवार के 6 बहनों एवं मांॅ के पालन पोषण की जिम्मेदारी संतोषी के ऊपर आ गई। फिर उसने समुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र नरहरपुर मे वर्ष 2010 से सफाई कर्मी के रूप मे जीवन दीप समिति में कार्य करते हुये पोस्टमार्टेंम के कार्यो मे लगातार चिकित्सकों का सहयोग करते आ रही है। वह 14 वर्षो से लगातार पोस्टमार्टेंम कर रही है। अब तक लगभग 400 के करीब पोस्टमार्टेम में चिकित्सकों का सहयोग कर चुकी है।

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