सांस्कृतिक धरोहरों व हुनरों को सहेजना सबकी जिम्मेदारी,अजय चंद्राकर
संस्कृति विभाग द्वारा कुरूद में आयोजित शिल्प कला प्रशिक्षण ‘आकार‘ के समापन अवसर पर पहुंचे पंचायत मंत्री
धमतरी ,बिना मंच के प्रतिभाएं दम तोड़ देती हैं और ऐसे आयोजनों के पीछे लोगों की सकारात्मक सोच काम करती है। कुरूद क्षेत्र में इन्हीं पारम्परिक धरोहरों व हुनरों को सहेजने का प्रयास संस्कृति विभाग के सहयोग से किया गया तथा इसे और आगे भी प्रोत्साहित करने व संजोने की जिम्मेदारी हम सबकी है। प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा लोक स्वास्थ्य मंत्री श्री अजय चंद्राकर ने गुरूवार 10 मई को शाम चार बजे शिल्प कला प्रशिक्षण एवं प्रदर्शनी पर आधारित कार्यक्रम ‘आकार‘ के समापन अवसर पर उक्ताशय के उद्गार प्रकट किए। कुरूद के शासकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय परिसर में एक मई से चल रहे दस दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन के मौके पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री रघुनंदन साहू, जनपद पंचायत कुरूद की अध्यक्ष श्रीमती पूर्णिमा साहू, नगर पंचायत कुरूद के अध्यक्ष श्री रविकांत चंद्राकर, पूर्व अध्यक्ष श्री निरंजन सिन्हा एवं श्रीमती ज्योति चंद्राकर सहित संस्कृति विभाग के संचालक श्री जितेन्द्र शुक्ला मंच पर उपस्थित थे।
श्री चंद्राकर ने अपने उद्बोधन में आगे कहा कि बाजारवाद और प्रतिस्पर्धा के इस दौर में आज भी समाज बहुत बड़ा वर्ग प्राचीन और पारम्परिक धरोहरों में बेहद रूचि रखता है। उन्हीं कलाओं को जिंदा रखने और उनमें नवाचारों का सामंजस्य स्थापित करने के लिए कुरूद में ‘आकार‘ का आयोजन संस्कृति विभाग के सहयोग और स्थानीय संगठनों की मदद से किया गया। उन्होंने नन्हें कलाकारों और अल्प समय में ही प्रशिक्षित होकर अपनी कलाओं का प्रदर्शन करने वाले बच्चों व उनके अभिभावकों को शुभकामनाएं देते हुए प्रतिभाओं को आगाज से अंजाम तक पहुंचाने का आव्हान किया। संस्कृति विभाग के संचालक श्री शुक्ला ने कुरूद में दस दिवसीय प्रशिक्षण और उपलब्धियों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि कुरूद के बच्चे और बड़े सीखने में माहिर हैं। वे हर तरह की चुनौतियों का सामना तत्परता से करने की क्षमता रखते हैं। इसके पहले, मंत्री श्री चंद्राकर ने विधायक मद से 10.64 लाख रूपए की लागत से स्कूल परिसर में नवनिर्मित रंगमंच का लोकार्पण किया।
उल्लेखनीय है कि एक मई से कुरूद में आयोजित ‘आकार‘ प्रदर्शनी एवं शिल्प कला प्रशिक्षण कार्यक्रम में शहर के 1300 से अधिक लोगों ने बोन्साई, क्ले आर्ट, पैराआर्ट, पेंटिंग, कैलीग्राफी, गिफ्ट पैंकिंग, ड्राई फ्लावर, पेपरमेसी, मृदा शिल्प के अलावा शास्त्रीय एवं लोक नृत्य सीखा, जिसमें बच्चों व महिलाओं सहित सभी वर्ग के लोगों ने भागीदारी निभाई। समापन दिवस के अवसर पर बच्चों ने अपनी सीखी हुई कलाओं का प्रदर्शन किया जिनका अवलोकन केबिनेट मंत्री व अन्य अतिथियों द्वारा किया गया। इसके अलावा प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके बच्चों ने शास्त्रीय और लोक नृत्य तथा सामूहिक नृत्य की भी आकर्षक प्रस्तुतियां दीं। इस अवसर पर स्वयंसेवी संगठनों के पदाधिकारी, स्थानीय जनप्रतिनिधिगण तथा काफी संख्या में नगरवासी उपस्थित थे।