समय-सीमा में हो मनरेगा के मजदूरी भुगतान: अजय चन्द्राकर
पंचायत मंत्री की अध्यक्षता में दो दिवसीय समीक्षा बैठक : गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक-एक श्रेष्ठ काम से कर सकते है सैकड़ों लोगों की भलाई: अजय चन्द्राकर
स्व-सहायता समूहों के आमदनी बढ़ाने विशेष गतिविधियों से जोड़ा जाए दिव्यांगों और ट्रांस जेंडरों को मनरेगा से जोड़ने अधिकारियों को दिए निर्देश
रायपुर, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चन्द्राकर की अध्यक्ष्यता में आज यहां नया रायपुर के निमोरा स्थित पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान में मुख्य कार्यपालन अधिकारियों की समीक्षा बैठक शुरू हुई। समीक्षा बैठक का आज पहला दिन था। श्री चन्द्राकर ने महात्मा गंाधी राष्ट्रीय रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा), राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (एन.आर.एल.एम.), पंचायतीराज, श्यामा प्रसाद मुखर्जी रूर्बन मिशन, मिशन अंत्योदय, प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना और मुख्य मंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति की गहन समीक्षा की।
बैठक में श्री चन्द्राकर ने सर्व प्रथम मनरेगा केे प्रगति की जानकारी प्राप्त की। उन्होंने कहा कि ग्रामीण विकास की मूल अवधारणा गरीबी उन्मूलन है। यदि हम गरीबी उन्मूलन की दिशा में एक-एक श्रेष्ठ काम करके उनका क्र्रियान्वयन करें तो इससे सैकड़ों लोगों की भलाई हो सकता है, जो हमारे लिए गर्व की बात है। श्री चन्द्राकर ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन सहित विभिन्न विभागीय योजनाओं से कन्वर्जेंस कर स्व-सहायता समूहों को जोड़ने तथा समूहों के सदस्यों के आमदनी बढ़ाने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेकर बेहतर काम करने निर्देश दिए। उन्हांेने कहा कि मनरेगा श्रमिकों का प्राथमिकता के तौर पर समय-सीमा में भुगतान सुनीश्चित हो। मनरेगा में दिव्यांगों और ट्रांसजेंडरों को पंजीकृत कर रोजगार उलब्ध कराया जाए। श्रमिकों और भूमिहीन परिवारों को हर हाल मंे शीघ्र जॉब कार्ड उपलब्ध कराया जाना सुनीश्चित हो। श्री चन्द्राकर ने मनरेगा के तहत निर्मित परिसम्पत्तियों के जियोटेगिंग की जानकारी भी प्राप्त की।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2017-18 में मनरेगा के तहत कुल 38 लाख परिवार पंजीकृत है। मांग के आधार पर 23.26 लाख परिवारों को रोजगार उपलब्ध कराया गया। योजना के तहत एक हजार लाख मानव दिवस रोजगार सृजन करने का लक्ष्य था, जिसके विरूद्ध एक हजार 189 लाख लगभग 120 प्रतिशत मानव दिवस रोजगार सृजित किया गया। इसमें अनुसूचित जाति के 116 लाख, जनजाति के 444 लाख और अन्य परिवारों के लिए सृजित रोजगार 596 लाख मानव दिवस है। इसके अतिरिक्त मनरेगा से वित्तीय वर्ष 2016-17 में 40 हजार डबरी निर्माण का लक्ष्य था, जिसके विरूद्ध 29 हजार 167 डबरी स्वीकृत की गई। इसमें से 27 हजार 638 डबरी निर्माण पूर्ण हो गया है तथा 1107 डबरी निर्माण प्रगति पर है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2017-18 में 30 हजार 400 डबरी निर्माण का लक्ष्य था, जिसके विरूद्ध 37 हजार 955 की स्वीकृति प्रदान की गई। इसमें 15 हजार 833 कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा 12 हजार 904 कार्य प्रगति पर है। योजना के तहत नवीन तालाब निर्माण का लक्ष्य था, जिसके विरूद्ध लगभग तीन हजार 900 तालाब निर्माण पूर्ण हो चुके है और लगभग 900 तालाब प्रगति पर है। इसी प्रकार वित्तीय वर्ष 2016-17 और 2017-18 में लगभग 24 हजार कुुआं निर्माण का लक्ष्य था इसके विरूद्ध सात हजार से अधिक कुआं का निर्माण पूर्ण हो चुके है तथा लगभग आठ हजार कुआं का निर्माण प्रगति पर है। अभिसरण के तहत सात हजार 369 आंगनबाड़ी भवन निर्माण के लक्ष्य के विरूद्ध तीन हजार 831 कार्य पूर्ण कर लिया गया है तथा ढाई हजार भवन निर्माण जारी है। मंत्री श्री चन्द्राकर ने निर्माण कार्य सहित अन्य लंबित कार्यों को 30 मई तक पूर्ण करने के निर्देष दिए।
श्री चन्द्राकर ने राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन ‘बिहान’ और मिशन अंत्योदय की भी समीक्षा की। उन्हांेने कहा कि स्व-सहायता समूहों के सदस्यों को स्थानीय स्तर पर बाजार की उपलब्ध को ध्यान में रखते हुए ऐसे गतिविधियों से जोड़ा जाए। श्री चन्द्राकर ने कहा कि जहां मंदिर और पर्यटन स्थल है, जहां पर्यटकों और श्रद्धालू अधिक संख्या में आते हैं, ऐसे स्थानों पर समूह के महिलाओं को फूलों की खेती, चुनरी, पूजा सामाग्री आदि की गतिविधियों से जोड़ा जाना चाहिए। इसी प्र्रकार फ्लाई एश ईंट निर्माण, मशरूम उत्पादन, सीमंेट पोल निर्माण सहित फूड प्रोसेसिंग, बांस शिल्प, काष्ठशिल्प, ढोकरा कला, रेशम वस्त्र निर्माण, कुक्कुट पालन और कृषि संबंधी गतिविधियों से जोड़े ताकि उन्हें स्थानीय स्तर पर रोजगार एवं बाजार उपलब्ध हो सके।
बैठक में श्री चन्द्राकर ने माह जुलाई, अगस्त में विशेष तौर पर नदी-नालों के किनारे वृहद रूप से वृक्षारोपण करने के भी निर्देश अधिकारियों को दिए। उन्होंने जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायतों में स्व सहायता समूहों के उत्पादों के विक्रय हेतु बाजार उपलब्ध कराने के लिए दो-दो दुकान निर्माण करने के निर्देश अधिकारियों को दिए। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव श्री आर.पी. मंडल, सचिव श्री पी.सी. मिश्रा, पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान के संचालक श्री एम. के. त्यागी, संचालक पंचायत संचालनालय, श्री तारण सिन्हा, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के संचालक श्री नीेलेश क्षीरसागर सहित सभी जिला पंचायतों के मुख्य कार्यपालन अधिकारी उपस्थित थे। मंत्री श्री चन्द्राकर कल आठ मई को सवेरे 10 बजे से प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत मिशन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास प्रशिक्षण संस्थान सहित अन्य योजनाओं की प्रगति की समीक्षा करेंगे।