राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन : बिहान योजना से सक्षम और मुखर हो रही हैं महिलाएं
गुपचुप ठेले के बाद फैंसी दुकान में यशोदा को मिली सफलता
गरियाबंद-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के अंतर्गत जिले में संचालित ’बिहान’ योजना से महिलाएं आर्थिक रूप से सक्षम होने के साथ ही मुखरता के साथ सामाजिक जीवन में हिस्सा लेने के काबिल बन रही है। इस योजना से लाभान्वित विकासखण्ड गरियाबंद के ग्राम सढ़ौली की 36 वर्षीय यशोदा शांडिल्य खुद अपनी सफलता की कहानी बताती हैं। यशोदा ने बताया कि बिहान से जुड़ने के बाद लगातार उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता जा रहा है। अब तो उन्होंने घरेलु और व्यवसायिक कार्य की सुगमता के लिए दोपहिया वाहन भी खरीद लिया है।यशोदा ने बताया कि पहले उनके परिवार की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी। उनके पति माह में करीब तीन हजार रूपये ही कमा पाते थे। ऐसे में परिवार का पोषण मुश्किल से हो पाता था। करीब डेढ़ साल पहले उन्हें बिहान के बारे में जानकारी मिली थी। इसके बाद यशोदा सहित गांव की दस महिलाएं मिलकर शारदा समूह के रूप में संगठित हुई। नियमानुसार समूह के नाम बैंक में खाता खुलवाया गया, जिसमें समूह के लिए पहली बार बिहान योजना के तहत 15 हजार रूपये दिया गया। यशोदा ने इस राशि में से पांच हजार गुपचुप ठेला चलाने के लिए ऋण लिया। गुपचुप ठेला की कमाई से ऋण वापस करते गई। दो-तीन माह बाद बिहान योजना में समूह को फिर से एक लाख रूपये जारी किया गया। इस राशि से सढौली में फैंसी दुकान खोलने के लिए यशोदा ने 40 हजार रूपये का ऋण लिया। अब उनका फैंसी दुकान अच्छा चलने लगा, इस दुकान से उन्हें हर माह 10-12 हजार रूपये की आमदनी हो जाती है। यशोदा कहती हैं कि वे बिहान योजना की बहुत शुक्रगुजार हैं और इससे जुड़े रहकर खुद के साथ ही दूसरी महिलाओं को भी आगे बढ़ाना चाहती हैं। यशोदा बताती हैं कि बिहान से जुड़ने के बाद वे घर-परिवार के साथ ही मंच पर मुखरता के साथ अपनी बातें कह पाती हैं। यशोदा ने पिछले 5 मई को जिला मुख्यालय गरियाबंद स्थित वन विभाग आक्सन हाल परिसर में अपने फैंसी दुकान का स्टाल भी लगाया था।