एएमयू में चौथे दिन भी जारी छात्रों का प्रदर्शन
अलीगढ़ । अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) में जिन्ना की तस्वीर को लेकर छात्रों पर हुए लाठीचार्ज के विरोध में धरना चौथे दिन भी जारी रहा। जिसके चलते एएमयू सियासत का अखाड़ा बन गया है | शनिवार को धरनास्थल पर छात्र नेताओं के अलावा बसपा, कांग्रेस, सपा के नेता भी पहुंचे।
सभी का निशाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ रहे। इंटरनेट सेवा ठप रहने से सोशल मीडिया पर अफवाहों का दौर थमा रहा। एएमयू में बड़ी संख्या में पुलिस व आरएएफ तैनात रही।
भाजपा सांसद सतीश गौतम ने फिर दोहराया कि जिन्ना की तस्वीर उतरवाकर ही रहेंगे। हिंदूवादी छात्र नेताओं ने जिन्ना की तस्वीरों को शौचालय में लगाया, पुतला भी फूंका।
धरनास्थल पर पहुंचीं जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष गीता कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री को इतिहास की जानकारी नहीं है, बात-बात पर पाकिस्तान भेजने की बात करते हैं। उनके बेतुके बोल यहीं नहीं रुके, कहा कि ये देश आरएसएस के बाप का नहीं है, हमारा है।
उन्होंने कहा कि भाजपा बताए कि संसद में सावरकर की तस्वीर क्यों लगी है? बोलीं, पढ़े-लिखे नेता नहीं, आज तो बाबा मुख्यमंत्री बन जाते हैं। प्रदेश में आज इतनी गोशालाएं हैं, जितने स्कूल नहीं हैं। तीन दिन पहले पीएम मोदी कर्नाटक की सभा में पर्चा देखकर बोल रहे थे।
हमने कुर्सी पर इनको बिठाया था, हम ही उतारेंगे। एएमयू में क्या होगा, यह छात्र तय करेंगे। जन अधिकार मोर्चा के मधेपुरा (बिहार) से सांसद पप्पू यादव ने कहा कि छात्रों पर लाठीचार्ज नहीं, पुलिस का हमला है। इसे संसद में उठाया जाएगा।
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर विवाद में शनिवार को वाराणसी के अर्दली बाजार में शिवसैनिकों ने मोहम्मद अली जिन्ना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. इस दौरान शिवसैनिकों ने घोषणा किया की जो व्यक्ति विश्वविद्यालय से जिन्ना की तस्वीर हटायेगा उसे यूपी शिवसेना उप प्रमुख अजय चौबे की ओर से 5 लाख रुपये का इनाम स्वरुप दिया जायेगा.
शिवसैनिकों ने दर्जनों वाहनों और भवनों पर पोस्टर चस्पा कर अलीगढ विश्वविद्यालय से जिन्ना का पोस्टर हटाये जाने की मांग की. यूपी शिवसेना उप प्रमुख अजय चौबे ने मोहम्मद अली जिन्ना को खलनायक बताते हुए कहा कि उसने देश के विभाजन में अहम भूमिका निभाई थी.