नारायणपुर  – अत्यंत दुर्गम इलाका अबूझमाड़ के बच्चे अब नहीं रहेंगे किसी शहरी बच्चे से पीछे। जिला प्रशासन के सहयोग से विकासखण्ड मुख्यालय ओरछा में स्कूली बालक-बालिकाओं के लिए समर कैम्प (ग्रीष्मकालीन खेल प्रशिक्षण शिविर) आयोजित किया जा रहा है। लगभग डेढ़ माह तक चलने वाले इस समर कैम्प की शुरूआत 1 मई से हुई जो 16 जून 2018 तक चलेगा। समर कैम्प ओरछा के पोर्टाकेबिन आवासीय विद्यालय परिसर में लगाया गया है।
शिक्षा अधिकारी श्री देवेस प्रसाद ने बताया कि समर कैम्प में पोर्टाकेबिन, कस्तूरबा गांधी स्कूल समेत अन्य स्कूलों और आश्रमों के लगभग 400 बच्चों को        10 विधाओं मेहंदी, रंगोली, नृत्य (डांस) , ब्यूटी पार्लर, ड्राइंग, कराटे, खेलकूद, गोदना आर्ट, टेराकोटा आदि का प्रशिक्षण अनुभवी प्रशिक्षकों द्वारा दिया जा रहा है। उन्हांेने कहा कि यहां के बच्चों में प्रतिभा की कमी नहीं है। खेल के क्षेत्र में में बच्चों को बेहतर अवसर उपलब्ध कराने व उनकी प्रतिभा को निखारकर प्रतिभावान खिलाड़ी बनाने के उद्ेश्य से समर कैम्प का आयोजन किया जा रहा है। यह बच्चे भी आम शहरी बच्चों से किसी मायने में पीछे नहीं रहेंगे। बच्चों को प्रशिक्षण के दौरान रोजमर्रा के भोजन से हट कर पोष्टिक आहार भी दिया जा रहा है। ताकि बच्चों को किसी प्रकार की ऊर्जा कमी महसूस न हो।
बता दें कि अबूझमाड़ छत्तीसगढ़ बस्तर अंचल के नारायणपुर जिले में स्थित है। इसका कुछ हिस्सा महाराष्ट्र तथा कुछ आंध्र प्रदेश में पड़ता है। जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि अबूझ मतलब जिसकों बूझना संभव ना हो और माड़ यानि गहरी घाटियां और पहाड़। यह एक अत्यंत दुर्गम इलाका है। शासन-प्रशासन के पूरे जोर के बावजूद यहां पर कई इलाकों में कोई सड़क नहीं। यहां करीब कुछ ऐसे गांव है जिसकी जगह
बदलती रहती है। क्योंकि यहां रहने वाले माड़िया आदिवासी जगह बदल-बदल कर बेरवा पद्धति से खेती करते हैं। राज्य सरकार द्वारा यहां के लोगों के स्वास्थ्य, शिक्षा, शुद्ध पेयजल आदि के लिए बेहतर काम किए है। बच्चों की शिक्षा, स्वास्थ्य के लिए आवासीय विद्यालय, आश्रम, आगंनबाड़ी केन्द्र, स्कूल और स्वास्थ्य केन्द्र खोंले गए है जिनका बेहतर परिणाम सामने आ रहा है। बेहतर नेट कनेक्टिविटी के लिए भी काम चल रहा है। नारायणपुर से ओरछा तक गुणवत्तापूर्ण सड़क निर्माण कार्य प्रगति पर है। जो जून अन्त तक पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।