राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष प्रभा दुबे ने बाल चौपाल लगाकर बच्चों के अधिकारों को संरक्षित करने की अपील
धमतरी – बच्चे देश के भविष्य हैं। बच्चों की समस्याएं दूर करने के लिए उन्हें पढ़ना सीखें, उनकी आंखें बहुत कुछ बोलती हैं। आंखों को पढ़ना सीखेंगे तो उन्हें गढ़ना स्वयं सीख जाएंगे। ग्राम मुजगहन में बच्चों और ग्रामवासियों के लिए गुरूवार 03 मई को आयोजित ’बाल चौपाल’ कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने उक्त बातें कही। उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो एक्ट, शिक्षा के अधिकार अधिनियम, बाल भिक्षावृत्ति और नशावृत्ति के पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए एक्ट के प्रावधानों और इसके क्रियान्वयन पर जोर दिया। श्रीमती दुबे ने कहा कि बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना हम सबका कर्तव्य है, अगर हम बच्चों को सुरक्षित रखना चाहते हैं, तो उन्हें हर हाल में बाल सुलभ वातावरण देना होगा। इसकी शुरूआत हमें अपने घर से करनी होगी। उन्होंने कहा बच्चों की समस्याओं के हर पहलु को जानने और उसका हल करने से निश्चित् ही सबको लाभ पहुंचेगा। इस मौके पर चौपाल में मौजूद बालिकाएं और महिलाओं ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए अपने अनुभव श्रीमती दुबे के साथ साझा किए। इस मौके पर सभी ने बच्चों के अधिकारों की रक्षा करने, उन्हें शोषण से बचाने संवेदनशीलता के साथ कार्य करने संबंधी संकल्प लिया। कार्यक्रम में आयोग की सदस्य श्रीमती इंदिरा जैन, ग्राम पंचायत मुजगहन की सरपंच, ग्रामीण और विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।