कामगारो के सम्मान का प्रतीक है मई दिवस –एस नागाचारी
चिरमिरी । मई दिवस मेहनतकशों के लिए पर्व या त्यौहार की भांति है क्योंकि काम के घंटे निर्धारित करने की मांग को लेकर 1886 मे इस दिन जो आवाज बुलंद हुई थी संघर्ष और बलिदान के बाद कामगारों के सम्मान का प्रतीक मई दिवस के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आज स्थापित हो गई है ।
उपरोक्त बाते एसईसीएल चिरमिरी के प्रभारी महाप्रबंधक एस. नागाचारी ने मई दिवस पर मुख्यालय चिरमिरी क्षेत्र में आयोजित समारोह में अध्यक्षीय संबोधन में कहीं । श्री नागा चारी ने बतलाया कि भारत में इस दिवस की शुरुआत 1923 में चेन्नई से हुई थी तब से बीते समय व कार्यप्रणाली में समय समय पर अमूल चूल परिवर्तन होते रहे हैं लेकिन परिवर्तन के समय मतभेदों को पाटने व दूरियों को कम करने के लिए संयुक्त सार्थक प्रयास समय की मांग है क्योंकि किसी भी उद्योग या संस्था के कामयाबी के लिए कामगार व प्रशासन अहम हिस्से होते हैं लेकिन कामगारों के बिना कोई औद्योगिक ढांचा खड़ा नहीं रह सकता ।
इसके पूर्व प्रभारी महाप्रबंधक श्री एस नागाचारी ने ध्वजारोहण कर के कार्यक्रम की शुरुआत की । संबोधन के दौर में श्रमिक नेता लिंगराज नायक ने कहा कि राष्ट्रीयकरण के बाद श्रमिकों को जो अधिकार व उपलब्धियां हासिल हुई थी वर्तमान में केंद्र सरकार की श्रमिक व उद्योग विरोधी नीतियों के चलते वह अधिकार व उपलब्धियां गुमनामी यों में होती जा रही हैं जिससे श्रमिकों का हाथ खाली होता जा रहा है केंद्र द्वारा वीआरएस लाकर श्रमिकों को समाप्त किया जा रहा है वही निजी उद्योग पतियों के हितों की खातिर क्षेत्र की कोयला खदानों में भरपूर कोयला रहते हुए भी खदानों को घाटे की आड़ में बंद करने की साजिश की जा रही है जिसका विरोध किया जाएगा ।
अपने संबोधन में क्षेत्रीय वित प्रबंधक पी. सुब्रमणियम ने उद्योग व देश हित में एक दूसरे के प्रति सहयोगात्मक भाव को समय का मूल मंत्र बतलाया । आयोजन के अंत मे आभार प्रदर्शन एस के सेठी प्रभारी क्षेत्रीय प्रबंधक ने व्यक्त किया ।