नक्सल चुनौती से निपटने ‘विकास‘ हमारा सबसे बड़ा हथियार : डॉ. रमन सिंह
रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह ने कहा कि नक्सल चुनौती का मुकाबला करने के लिए जनता का सामाजिक-आर्थिक विकास हमारा सबसे बड़ा हथियार है। उन्होंने आज यहां एक प्राइवेट टेलीविजन समाचार चैनल जी न्यूज के कार्यक्रम में इस आशय के विचार व्यक्त किए। मुख्यमंत्री ने आयोजकों की ओर से समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य कर रहे कई लोगों को सम्मानित किया। विधायक श्री भूपेश बघेल भी कार्यक्रम में शामिल हुए।डॉ. रमन सिंह ने कहा- नक्सलियों के खिलाफ देश की सबसे बड़ी लड़ाई छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा, बीजापुर और सुकमा में लड़ी जा रही है। सुरक्षा बल सफलतापूर्वक उन्हें सीमित करने का प्रयास कर रहे हैं। राज्य सरकार इन इलाकों में तेजी से विकास कार्यों को क्रियान्वित कर रही है। राष्ट्रीय राजमार्ग दंतेवाड़ा तक पहुंच गया है। नक्सल प्रभावित में आंतरिक सड़कों का निर्माण तेजी से किया जा रहा है। लगभग 1800 किलोमीटर सड़क निर्माण का कार्य प्रगति पर है। बस्तर संभाग के अंदरुनी क्षेत्रों में बिजली के खम्भे पहुंच रहे हैं। तेजी से विद्युतीकरण का काम भी किया जा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सभी क्षेत्रों में विकास कार्यों से जनता का विश्वास जीतने में सफलता मिली है। आने वाले समय में बस्तर में भी शांति होगी और विकास होगा। डॉ. सिंह ने कहा कि भारत नेट, बस्तर नेट और स्काई योजना के माध्यम से छत्तीसगढ़ एक नये युग में प्रवेश करने जा रहा है। स्काई योजना में 55 लाख स्मार्ट फोन बांटे जाएंगे, इनमें से 30 लाख मोबाईल फोन अगल तीन-चार माह में वितरित कर दिया जाएंगे। डॉ. सिंह ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि उपजों के लागत मूल्य कम करने के प्रयासों से प्रदेश में किसानों की आर्थिक स्थित अच्छी हुई है। राज्य सरकार ने इस वर्ष किसानों को 2100 करोड़ रुपए का बोनस वितरित किया। यह बहुत कम लोगों की जानकारी में है कि राज्य सरकार किसानों को पांच हॉर्स पावर तक के सिंचाई पंपों पर निःशुल्क 7500 यूनिट बिजली देने के लिए हर वर्ष 2250 करोड़ रुपए की सबसिडी दे रही है। अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग की आबादी प्रदेश में लगभग 44 प्रतिशत है। राज्य सरकार अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति वर्ग के किसानों को सिंचाई पंपों के लिए निःशुल्क बिजली दे रही है। इन वर्ग के किसानों को बिजली का बिल नहीं देना पड़ता। मुख्यमंत्री ने कहा कि सहकारी बैंकों के माध्यम से किसानों को दिए जाने वाले कृषि ऋण की ब्याज दर 14 प्रतिशत से घटा कर शून्य प्रतिशत कर दी गयी है। विद्युतीकृत सिंचाई पंपों की संख्या 65 हजार से बढ़कर लगभग 4 लाख 20 हजार हो गयी है। समर्थन मूल्य पर धान खरीदी की स्थायी व्यवस्था बनायी गयी है।
मुख्यमंत्री ने लोक सुराज अभियान के संबंध में कहा कि यह अभियान सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन का व्यापक सोशल आडिट है। जिसमें सीधे जनता से रुबरु होकर जानकारी ली जाती है और समस्याओं के निराकरण तथा गांवों की जरुरत के कामों को स्वीकृति दी जाती है।