October 26, 2024

चिरमिरी बड़ा बाज़ार कचरे में लगी आग या जानबूझ कर लगाईं गई ?….कार्बन मोनोऑक्साइड गैस ने मचाया तांडव

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चिरमिरी । बड़ा बाजार के पीछे स्थित नाले में फैले कचरे में लगी आग अब कुरासिया कालरी के बंद पड़े कोयले के सिम तक पहुँच गई है जिसके कारण बड़ा बाजार का एक क्षेत्र खतरे के जोन में आ गया है ।
आग लगने के दूसरे दिन गुरुवार को एसईसीएल के जीएम ऑपरेशन एस. नागाचारी, चिरमिरी कालरी के सब एरिया मैनेजर सुधीर कुमार के साथ एक्सपर्ट टीम ने मौके का मुआयना किया और आग बुझाने पर कार्ययोजना बनाने में जुट गए ।ज्ञात हो कि बड़ा बाजार के ठीक पीछे एक खाई है जिसमे कुरासिया कालरी की 8 मीटर मोटी कोयले की सिम है । इस बंद पड़ी कोयले की सिम में कोयला चोर पिछले कई वर्षों से अवैध उत्खनन कर रहे है । इसी सिम के पास फैले कचरे में पहले आग लगी जो अब कोयले की सिम तक पहुंच गई है जिसके कारण दूर से ही आग देखी जा रही है और धुंवा काफी दूर तक फैल रहा है ।


इस कोयले के सिम में लगी आग से बड़ा बाजार के आखिरी छोर पर बसा आबादी का एक बड़ा क्षेत्र खतरे में आ गया है जिसकी दहशत यहाँ के निवासियों और दुकानदारों में साफ नजर आ रही है ।
दुर्गम क्षेत्र होने के कारण अभी तक इस आग बुझाने की शुरुआत नही हो पायी है । कोयले की सिम में आग पहुचने के बाद कोयले के चटकने की आवाज भी लगातार सुनाई दे रही है ।इस संदर्भ में चर्चा करने पर एसईसीएल चिरमिरी के जीएम ऑपरेशन एस. नागाचारी ने बताया कि आग कोयले के सिम में लग चुकी है । इसे केवल मिट्टी फीलिंग करके ही बुझाया जा सकता है लेकिन आग तक नीचे के रास्ते से नही पहुंचा जा सकता जबकि ऊपर दुकाने बनी हुई है । अग्रवाल मेडिकल के बगल में कुछ जगह है यदि अग्रवाल मेडिकल के पीछे का कुछ हिस्सा तोड़ दिया जाये तो वहां से ट्रकों के मॉध्यम से मिट्टी गिराकर आग को रोका जा सकता है । श्री नागाचारी ने आगे बताया कि इसके लिए अग्रवाल मेडिकल के मालिक राम बाबू अग्रवाल ने अपनी सहमति दे दी है और एसईसीएल प्रबंधन जल्द ही मिट्टी फीलिंग का कार्य शुरू कर देगा ।
यदि जल्द ही इस आग को बुझाने के लिए कोई ठोस कदम नही उठाया गया तो बड़ा बाजार के इस क्षेत्र में कोई बड़ी दुर्घटना घटने की आशंका से इंकार नही किया जा सकता ।

वही जब इस पर आम लोगो से चर्चा की गई तो लोगो ने तरह तरह की आशंका जाहिर की

सूत्रों की माने तो ये कोई पहली दफा नहीं की आग लगने की जानकारी एस ई सी एल  को देर से लगी  बल्कि कुछ लोगो की मिली भगत से इस तरह की घटनाओ को जानबूझ कर अंजाम दिया जा रहा ताकि आग बुझाने में जो पैसा मिलेगा उसका बंदर बाट किया जा सके  कभी पानी तो कभी मिटटी फीलिंग के नाम पर एस ई सी एल को  के ही कारिंदे अंजाम देते है और फिर आग का रोना रो कर बुझाने में खर्ज की बात को उच्च अधिकारियो को बता कर अपनी पेट की आग बुझा लेते है,यदि सूत्र इस  तरह की बात कह रहे तो इस की जाँच कर दोषियों पर कड़ी कार्यवाही क्यू नहीं होती ये एक गंभीर सवाल है . वही स्थानीय नागरिको ने बताया की कार्बन मोनोऑक्साइड का धुवा चारो ओर फ़ैल रहा जिससे बच्चे और बुजुर्गो को  साँस लेने में भारी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा वही चिरमिरी छेत्र में इलाज की सुविधाए भी लगभग शून्य है   बड़ा बाज़ार में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता इस का जिम्मेदार कौन होगा वही यहाँ पर निवासरत लोग डर के कारण अपना  घर छोड़ कर सुरछित स्थान की तलाश में  भटक रहे ,और एस ई सी एल प्रबंधन द्वारा किसी भी प्रकार की राहत अभी तक नहीं दी गई जानकार बताते है की कोयले निकालने के चक्कर में एस ई सी एल इस ओर ध्यान नहीं दे रही ,समचार लिखे जाने तक किसी भी तरह से आग बुझाने का कोई भी प्रयास नहीं किया गया .

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