December 8, 2025

नेशनल लोक अदालत : संवाद, मध्यस्थता और राजीनामा के माध्यम से त्वरित न्याय की अनूठी मिसाल है – जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान

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13 दिसंबर 2025 को देपालपुर(इंदौर) सहित समूचे मध्यप्रदेश व देश में पक्षकारों को मिलेगा सरल, सुलभ और सौहार्दपूर्ण समाधान

देवालपुर,तहसील विधिक सेवा समिति देपालपुर के अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने नेशनल लोक अदालत के आयोजन के बारे में बताते हुए कहा कि देशभर में आयोजित हो रही लोक अदालतों ने हमेशा यह साबित किया है कि
जब न्याय प्रक्रिया में संवाद, समझाइश और मध्यस्थता को स्थान मिलता है,तो विवाद मुकदमों में नहीं, समाधान में बदल जाते हैं।

माननीय राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली, माननीय मध्य प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण जबलपुर एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण इंदौर के निर्देशन में एवं तहसील विधिक सेवा समिति देपालपुर के अध्यक्ष व जिला न्यायाधीश माननीय हिदायत उल्ला खान के मार्गदर्शन में देपालपुर सिविल न्यायालय सहित संपूर्ण देश में आयोजित होने वाली इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत संवाद, मध्यस्थता और आपसी राजीनामे के माध्यम से कई प्रकरणों का त्वरित, शांतिपूर्ण और संतोषजनक निराकरण कर पुनः समाज को यह सशक्त संदेश देने जा रही है कि न्याय केवल निर्णय नहीं, बल्कि प्रेम, सौहार्द और सामाजिक समरसता का साधन भी है।

तहसील विधिक सेवा समिति देपालपुर के तत्वावधान में अधिवक्ता संघ के सहयोग एवं मध्यस्थता केन्द्र की सक्रिय भूमिका और प्रशिक्षित मध्यस्थों, पैनल अधिवक्ताओं व पैरालीगल वॉलिंटियर्स के प्रयासों से कई बिछड़े परिवारों को पुनः एक होने , कई आपसी विवादों के समाप्त होने और पक्षकारों को बिना तनाव और लंबी कानूनी प्रक्रिया के सरल एवं सुलभ न्याय प्राप्त होने की आशा जागृत हुई है।

जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने कहा कि राजीनामा, मध्यस्थता और संवाद के माध्यम से कानूनी विवादों का मानवतापूर्ण समाधान यह दर्शाता है कि जहाँ बातचीत होती है, वहाँ रिश्ते टूटते नहीं है, बल्कि समझदारी से रिश्ते मज़बूत होते हैं।
लोक अदालतों के माध्यम से
साधारण नागरिकों को समय, धन और मानसिक तनाव से न सिर्फ राहत मिलती है, बल्कि न्यायालयों का बोझ भी कम होता है । यही वह समन्वय है जो न्याय प्रणाली को और अधिक प्रभावी व जनोन्मुखी बनाता है।

जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने आगे कहा कि
लोक अदालत का मूल उद्देश्य प्रकरणों का शीघ्र, सरल, सुलभ और न्यायपूर्ण समाधान करना है। मध्यस्थता के माध्यम से यदि दो पक्षकार फिर से एक-दूसरे के साथ विश्वास और सम्मान के साथ आगे बढ़ते हैं, तो यही लोक अदालत की सर्वोच्च सफलता है। नेशनल लोक अदालत का आयोजन न्याय, करुणा, सहअस्तित्व और सामाजिक समरसता की उस भावना का प्रतीक है,जो एक स्वस्थ समाज का आधार बनाती है।
जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने आगे बताया कि लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों के निराकरण पर पूरी कोर्ट फीस वापस प्राप्त हो जाती है और विवादों का प्रेम और सौहार्दपूर्वक अंतिम रूप से निराकरण हो जाता है एवं बाद में उसकी कोई अपील रिवीजन नहीं होती है। नेशनल लोक अदालतों में बैंक,विद्युत और नगर परिषद, पालिका व नगर निगम के वसूली राशि से संबंधित प्रिलिटिगेशन प्रकरणों का भी आपसी राजीनामा से निराकरण होता है और उनमें संबंधित विभागों द्वारा नियमानुसार छूट भी प्रदान की जाती है। तहसील विधिक सेवा समिति देपालपुर के तत्वावधान में अधिवक्ता संघ के सहयोग से इस वर्ष की अंतिम नेशनल लोक अदालत में जिस भी अधिवक्ता के द्वारा सर्वाधिक प्रकरणों का निराकरण कराया जाएगा, उन्हें गणतंत्र दिवस के अवसर पर सम्मानित किये जाने का भी निश्चय किया गया है।
जिला न्यायाधीश हिदायत उल्ला खान ने समस्त पक्षकारों से यह विनम्र अपील की है कि वे नेशनल लोक अदालत की पुनीत भावना और पावन उद्देश्य को सफल बनाते हुए न्यायालयों में लंबित राजीनामा योग्य प्रकरणों एवं प्रीलिटिगेशन प्रकरणों में आपसी समझौता कर प्रकरणों का प्रेम एवं सौहार्द पूर्वक अंतिम निराकरण कराते हुए संपूर्ण कोर्ट फीस वापस प्राप्त कर अपने परिवार,समाज और राष्ट्र के विकास में सहभागी बनें।

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