कृषि उपकरणों की स्वीकृति के लिए साफ्टवेयर आधारित पारदर्शी प्रणाली का लोकार्पण
डॉ. सिंह ने किया ’चैंप्स’ साफ्टवेयर का शुभारंभ
प्रकरणों की स्वीकृति में नहीं होगी अधिकारियों की भूमिका
ऑनलाईन और हाथ से लिखे आवेदन भी स्वीकार किए जाएंगे
किसानों को मिलेगा अनुदान का पूरा लाभ
पूरे प्रदेश में एक अप्रैल से लागू होगी प्रणाली
जोगी एक्सप्रेस रायपुर
मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने आज चैत्र नवरात्रि के प्रथम दिवस पर छत्तीसगढ़ के किसानों को एक बड़ी सौगात दी। उन्होंने किसानों को अनुदान पर कृषि यंत्र पारदर्शी तरीके से निर्धारित समय-सीमा में उपलब्ध कराने की सरल प्रणाली के लिए एक साफ्टवेयर ’चैंप्स’(बींउचे)(छत्तीसगढ़ एग्रीकल्चर मेकेनाईजेशन एण्ड माईक्रो एरिगेशन मॉनिटरिंग प्रोसेस सिस्टम) का लोकार्पण किया। सूचना प्रौद्योगिकी पर आधारित यह प्रणाली एक अप्रैल से पूरे प्रदेश में लागू की जाएगी। डॉ. सिंह ने विधानसभा परिसर स्थित समिति कक्ष में आयोजित समारोह में इस साफ्टवेयर का लोकार्पण करते हुए कहा कि इस नई प्रणाली से किसानों की यह शिकायत दूर होगी, कि कृषि यंत्रों पर अनुदान का पूरा लाभ उन्हें नहीं मिल पाता। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस योजना में ड्रिप-स्प्रिंकलर और अन्य कृषि यंत्र किसानों को उपलब्ध कराने के लिए धनराशि की कमी नहीं होगी। इस योजना के लिए राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) से लगभग 300 करोड़ रूपए की सहायता मिलेगी। उन्होंने कहा कि यह योजना लघु और सीमांत किसानों के लिए काफी उपयोगी साबित होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 4.60 लाख विद्युतीकृत सिंचाई पम्प हैं। यदि इनमें ड्रिप और स्प्रिंकलर के माध्यम से सिंचाई की जाएगी तो सिंचिंत रकबे में दोगुनी वृद्धि होगी। विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल, कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री अजय चंद्राकर, नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव, संसदीय सचिव श्री तोखन साहू, छत्तीसगढ़ बीज एवं कृषि विकास निगम के अध्यक्ष श्री श्याम बैस विशेष अतिथि के रूप में समारोह में उपस्थित थे।
चैंप्स साफ्टवेयर छत्तीसगढ़ कृषि एवं बीज विकास निगम की वेबसाइट पर होम पेज पर ही उपलब्ध है। कृषि यंत्रों के लिए इस साफ्टवेयर के माध्यम से किसान ऑनलाईन आवेदन कर सकते हैं। किसान बीज निगम के कार्यालय, प्रक्रिया केन्द्रों, कृषि एवं उद्यानिकी विभाग के कार्यालयों में भी ऑनलाईन आवेदन कर सकेंगे। प्रकरणों की स्वीकृति में अधिकारियों की भूमिका नहीं होगी। स्वयंमेव ही प्रकरण स्वीकृत होंगे। कृषि यंत्रों की स्थापना का सत्यापन थर्ड पार्टी द्वारा जीपीएस प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा। बीज निगम की वेबसाइट पर इंस्पेक्टर फोटो खींचकर अपलोड भी करेंगे। कृषि यंत्रों की स्थापना का स्थान गूगल सर्च पर ऑनलाईन देखा जा सकेगा। कृषि यंत्रों का एक साल का बीमा भी कराया जाएगा और किसानों को कृषि संबंधी तकनीकी सलाह भी दी जाएगी। प्रकरणों की स्वीकृति और कृषि उपकरणों की स्थापना के सत्यापन के लिए समय-सीमा भी निर्धारित कर दी गई है। विधानसभा अध्यक्ष श्री गौरीशंकर अग्रवाल ने इस अवसर पर कहा कि छत्तीसगढ़ कृषि आधारित प्रदेश है और यहां कृषि के विकास की व्यापक संभावनाएं हैं। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के नेतृत्व में कृषि क्षेत्र में प्रदेश में नित नई उपलब्धियां हासिल की जा रही हैं। कवर्धा क्षेत्र में गन्ना उत्पादन, सूरजपुर में फूलों की खेती के साथ प्रदेश के अनेक हिस्सों में उद्यानिकी फसलों के उत्पादन में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। कृषि मंत्री श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि किसानों की सुविधा को देखते हुए इस योजना के अंतर्गत किसानों के हाथ से लिखे आवेदन भी स्वीकार किए जाएंगे, जिन्हें वेबसाइट पर अपलोड कर समयबद्ध तरीके से उनकी स्वीकृति और संयंत्रों के वितरण तथा स्थापना का कार्य किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के कृषि क्षेत्र के लिए एक क्रांतिकारी कदम होगा। किसान अपनी मर्जी से कृषि यंत्रों का चयन कर सकेंगे। यह योजना एक अप्रैल से लागू की जाएगी। नेता प्रतिपक्ष श्री टी.एस. सिंहदेव ने कहा कि संसाधनों का बेहतर उपयोग कर कृषि उत्पादन को किसानों के लिए लाभकारी बनाने की चुनौती हमारे सामने है। उन्होंने साफ्टवेयर के माध्यम से पारदर्शी तरीके से लागू की जा रही इस प्रणाली की सराहना करते हुए इसकी सफलता के लिए शुभकामना दी। अपर मुख्य सचिव और कृषि उत्पादन आयुक्त श्री अजय सिंह ने चैंप्स के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कृषि एवं बीज विकास निगम के प्रबंध संचालक श्री आलोक अवस्थी ने इस संबंध में प्रस्तुतिकरण दिया।