महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के प्रतिनिधि मंडल से की मुलाकात
रायपुर ,महिला एवं बाल विकास विभाग की सचिव डॉ. एम. गीता ने आज आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के प्रतिनिधि मंडल से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनीं। इस प्रतिनिधि मंडल में वे कार्यकर्ताएं शामिल थीं, जो हड़ताल पर नहीं गई हैं। प्रतिनिधि मंडल ने बताया कि वे राज्य शासन द्वारा उनके लिए किए जा रहे प्रयासों के प्रति कृतज्ञ हैं, परन्तु उनकी कुछ अन्य समस्याओं पर वे शासन का ध्यान आकृष्ट करना चाहती हैं।
श्रीमती एम. गीता ने प्रदेश के 27 जिलों से आई आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं से कहा कि आप सभी मन लगाकर काम करें। शासन आपकी हर समस्या के हल में आपकी सहायता करेगा। उन्होंने प्रतिनिधि मंडल से कहा कि वे अपने सहयोगियों को भी काम में वापस लौटने की समझाइश दें। श्रीमती एम. गीता ने सभी से अपील की वे काम पर वापिस लौटें और चर्चा के माध्यम से अपनी समस्याओं पर बात करें.।
श्रीमती एम. गीता ने सभी कार्यकर्ताओं को बताया कि राज्य शासन को उनसे पूरी सहानुभूति है और उनकी समस्याओं और मांगों पर शासन विचार करेगा। कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं के मानदेय वृद्धि के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग ने हमेशा संवेदनशीलता से विचार किया है जिसके परिणामस्वरुप समय समय पर मानदेय में वृद्धि भी हुई है।
उल्लेखनीय है कि इस वर्ष राज्य शासन ने आंगनबाडी कार्यकर्ताओं के मानदेय को बढाकर 5000 रुपए और सहायिकाओं का मानदेय बढाकर 2500 रुपए किया है। पूर्व में आंगनबाडी कार्यकर्ताओं का मानदेय 4000 रुपए और सहायिकाओं का मानदेय 2000 रुपए था। इसी प्रकार मिनी आंगनवाडी की कार्यकर्ता का मानदेय बढ़ाकर 3250 रुपए किया गया है जो पहले 2750 रुपए था। उन्होंने बताया कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं का काम आसान करने के लिए उन्हें एक मोबाइल फोन दिया जायेगा जिससे उन्हें आंगनबाड़ी केंद्र में विभिन्न गतिविधियों और योजनाओं के लिए 11 रजिस्टरों का संधारण नहीं करना पड़ेगा. इंटरनेट के उपयोग के लिए उन्हें अलग से 500 रुपए भी दिए जाएंगे. साथ ही प्रधानमंत्री मातृ वंदना के तहत भी प्रोत्साहन राशि दिए जाने का प्रबंध राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है। राज्य शासन ने इसके लिए पृथक से बजट में प्रावधान किया है। वही सेवानिवृत्ति पर आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को 50 हजार रुपए और सहायिकाओं को 25 हजार रुपए एकमुश्त दिए जाएंगे। इसके लिए अलग मद निर्मित किया गया है। बैठक में बताया गया कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को जीवन बीमा का लाभ दिया जाएगा। इसके लिए 50 वर्ष आयु तक की कार्यकर्ताएं और सहायिकाएं योग्य हैं, परन्तु राज्य शासन द्वारा 50 वर्ष से अधिक की आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और सहायिकाओं को जीवन बीमा का लाभ दिलाने के लिए राज्य शासन द्वारा प्रयास किया जायेगा। इस बैठक में महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त सचिव श्री अनिल चौधरी और सहायक संचालक श्री सुनील शर्मा और 50 आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं उपस्थित थीं।