सुप्रीम कोर्ट ने कहा अपनी राजनीति के लिए अदालत को अखाड़ा न बनाएं
नई दिल्ली: हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अपनी राजनीति के लिए अदालत को अखाड़ा न बनाएं। जस्टिस एके सिकरी व अशोक भूषण की बेंच ने कहा कि राजनीतिक मामलों को अदालत में आने से नहीं रोका जा सकता।
बेंच ने पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को कहा कि उन्हें पार्टी के तौर पर केस से हटाया जा सकता है। इस मामले में राज्य क्रिकेट संस्था में भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल व उनके सांसद पुत्र अनुराग ठाकुर आरोपी हैं। वीरभद्र सिंह ने हिमाचल प्रदेश की भाजपा सरकार की उस दलील का विरोध किया, जिसमें इस मामले को रद करने की सिफारिश की गई है।
वीरभद्र की तरफ से पेश अनूप जार्ज चौधरी ने सरकार की दलील का विरोध करते हुए कहा कि केस रद करने के लिए कानूनी प्रक्रिया की पालना की जाए। बेंच ने कहा कि उसे कानून का पता है, लेकिन क्यों न सुप्रीम कोर्ट ही कार्यवाही को खारिज कर दे। अभी तक आरोपियों के खिलाफ मामला चलाने की अनुमति भी नहीं दी गई है। धूमल के वकील ने कोर्ट को बताया कि कैबिनेट ने एचपीसीए समेत सभी राजनीतिक मामलों को वापस लेने का फैसला किया है। मामले की सुनवाई तीन मई को होगी।