गुमशुदा बच्चों की तलाश और घर वापसी के लिए उठाएं कारगर कदम: श्रीमती प्रभा दुबे
आगामी शिक्षण सत्र को देखते हुए शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब परिवार के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश पर विशेष ध्यान देने के निर्देश
रायपुर, छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने आज यहाँ कलेक्टोरेट परिसर स्थित रेडक्रॉस सभाकक्ष में समाज कल्याण, श्रम, स्कूल शिक्षा, पुलिस, स्वास्थ्य और महिला एवं बाल विकास विभाग सहित बच्चों के संरक्षण और सुरक्षा से संबंधित विभागों की रायपुर जिला स्तरीय बैठक ली। बैठक में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष श्रीमती प्रभा दुबे ने बच्चों की सुरक्षा, संरक्षण और उनके विकास के लिए विभिन्न विभागों में किये जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। बैठक में श्रीमती दुबे ने सभी सम्बंधित विभागों को निर्देश दिए कि वे बाल संरक्षण की दिशा में अपने दायित्वों का गंभीरता पूर्वक निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि शिक्षण सत्र शुरू होने वाला है इसलिए उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए कि स्कूल जाने योग्य सभी बच्चों को स्कूल में प्रवेश दिलाने और शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब परिवार के बच्चों को निजी स्कूलों में प्रवेश पर विशेष ध्यान दिया जाए । श्रीमती प्रभा दुबे ने श्रम विभाग के अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि बाल श्रम की रोकथाम के लिए श्रम विभाग द्वारा सतत् निगरानी करने की जरूरत है। ऐसे संस्थान जहां बच्चों से काम लिये जाने की संभावना रहती है, वहां स्वप्रेरणा से श्रम विभाग के अधिकारियों द्वारा निरंतर निरीक्षण किया जाना चाहिए। श्रीमती दुबे ने गुमशुदा बच्चों की तलाश और वापसी के लिए पुलिस एवं महिला एवं बाल विकास विभाग के कार्यों की समीक्षा कर आवश्यक निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि सामान्यतः बालिकाएं अपनी कई समस्या किसी के साथ साझा नहीं कर पाती है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए रायपुर एवं बिलासपुर के विभिन्न सार्वजनिक स्थलों में ‘बच्चों के मन की बात-आयोग के साथ‘ सुझाव पेटी की स्थापना की गई है, ताकि बालिकाएं अपनी शिकायत लिखकर इस पेटी में डाल सकें। बैठक में बताया गया कि छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा अलग अलग स्थानों पर बाल चौपाल माध्यम से लोगों को बच्चों के अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा रहा है ।
बैठक में बताया गया कि मोबाइल एप के जरिये छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की आधिकारिक वेबसाइट ‘मेरी आवाज‘ में कोई भी बच्चा या कोई भी व्यक्ति बच्चों के उत्पीड़न आदि के संबंध में शिकायत कर सकता है। बैठक में बाल विवाह की रोकथाम की चर्चा के दौरान पुलिस विभाग के अधिकारियों द्वारा पाक्सो एक्ट के तहत दर्ज प्रकरणों में की गई कार्यवाही की जानकारी बैठक में दी गई। यह भी बताया गया कि थाना चौकियों में पाक्सो और जे.जे. एक्ट का प्रशिक्षण दिया गया है। बच्चों की सुरक्षा की दिशा में जिले में बाल संरक्षण इकाई के गठन की जानकारी भी दी गई मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा बच्चों के टीकाकरण, स्कूल-आंगनबाडी केन्द्रों में कृमि नाशक दवा वितरण, निःशक्तता प्रमाण पत्र के लिए शिविरों के माध्यम से दिव्यांग बच्चों की जांच तथा कन्या भ्रूण हत्या की रोकथाम के लिए सोनोग्राफी केन्द्रों के सतत निरीक्षण आदि की जानकारी दी गई। आदिवासी विकास विभाग द्वारा रायपुर जिले में बालिका छात्रावास तथा इसके संचालन और वहां बच्चों के लिए उपलब्ध सुविधाओं की जानकारी दी गई। बैठक में यह भी बताया गया कि बच्चों की सुरक्षा एवं संरक्षण की दिशा में जिले के सभी ग्राम पंचायतों में ग्राम पंचायत स्तरीय समिति गठित की जा चुकी है तथा ग्राम पंचायतों को पाक्सो तथा जेजे एक्ट का प्रशिक्षण भी दिया गया है। साथ ही आयोग द्वारा बच्चों के लिए किए जा रहे नवाचारों को लघु फिल्म दिखाकर जानकारी दी गई। बैठक में राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य श्रीमती इंदिरा जैन, सचिव श्री नंदलाल चौधरी, श्री अशोक पांडेय जिला कार्यकम्र अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, पुलिस विभाग, स्वास्थ्य विभाग, श्रम विभाग, शिक्षा विभाग और अन्य संबंधित विभाग के अधिकारी, जिला बाल संरक्षण अधिकारी, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष, सदस्यगण एवं बच्चों की देखरेख करने वाली संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।