November 22, 2024

रमनसिंह बताये कि प्रधानमंत्री के दौरे के ठीक  पहले इतनी माओवादी घटनायें क्यों: त्रिवेदी

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रायपुर/बीजापुर में प्रधानमंत्री के दौरे के पहले सीरयील आईईडी ब्लास्टर और डीआरजी के जवानों के बस उड़ाये जाने की घटना पर गहरा दुख व्यक्त करते हुये प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल ने कहा कि सबसे पहले उन शहीदो को श्रद्धांजली अर्पित करता हूं और जो घायल हुये है उनके स्वस्थ होने की कामना करता हूं। प्रधानमंत्री के दौरे के ठीक पहले सीरियल ब्लास्ट होना दूसरे तरफ जब सुराज कार्यक्रम में जाते है तो मुख्यमंत्री रमन सिंह जी मोटर सायकल में दौरे करते है तो दोनो बाते एकदम विरोधाभासी है। एक तरफ मुख्यमंत्री उस क्षेत्र में घने जंगल में बेखौफ हो कर मोटर सायकल में दौरे करते है। दूसरे तरफ प्रधानमंत्री के दौरे के ठीक पहले  ब्लास्ट हो रही हैं।ये रमन सिंह के प्रति नक्सलियों की भावना क्या है और प्रधानमंत्री के प्रति क्या है, यह स्पष्ट होता है। मुख्यमंत्री रमन सिंह जी को यह भी स्पष्ट करना चाहिये कि क्या कारण है कि प्रधानमंत्री के दौरे के ठीक पहले ब्लास्ट हो रहे है क्या मुख्यमंत्री रमन सिंह यहीं चाहते है कि प्रधानमंत्री का दौरा हो या मुख्यमंत्री रमन सिंह ये बताना चाहते है कि जब वो जाते है तो नक्सली कोई घटना नहीं करते वहां सब सुरक्षित है। पिछली बार मुख्यमंत्री रमन सिंह बार-बार दावा करते है नक्सली समस्या बीते दिनों की बात है, नक्सली समस्या खदेड़ दिये गये है और नक्सली समाप्त हो गया है तो फिर अभी लगातार जो घटनायें घटी है चाहे सुकमा, बीजापुर जिलें में हो ये घटना क्या बता रहीं है तो इसमें जो लगातार घटनायें घट रही है कभी 6 महिनें में नक्सली समस्या समाप्त करने की दावा करते थे, तो कभी 5 साल में खत्म करने की दावा करते थे, 2004 से आज तक सुनते आ रहे है अब 2021-2022 की बात कर रहे है तो इससे स्पष्ट हो गया है कि रमन सिंह  सरकार की बस की बात नहीं है नक्सलियों पर नियंत्रण करना। दूसरी बात यह है कि नक्सली क्षेत्र में पदस्थ बड़े अधिकारी सब रायपुर में पदस्थ है उनके कोई अधिकारी दौरे नहीं करते रणनीति होती नहीं जब घटना हो जाते है तो 2-4 लाईन का बयान दे देते है कहीं कोई जांच होती नहीं। जांच कितनी घटनायें होयी जिसके जांच रिपोर्ट आयी कभी सार्वजनिक नहीं किया जाता न सदन में रखा जाता है । जवान लगातार शहीद होते जा रहे है, आदिवासी मारे जा रहे है और नक्सल समस्या जस के तस है ये रमन सिंह के नाकामी है और माओवाद पर नियंत्रण के रमनसरकार के सारे दावे खोखले साबित हुये है।

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