November 24, 2024

छात्रावासों की मट्टी पलीत करने वाले एसडीओ आर ई एस सोनहत से क्षेत्र के जनप्रतिनिधि क्यों हैं परेशान ?

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सरपंच , जनपद सदस्य सहित क्षेत्र में कार्यरत ठेकेदारों में रोष

सोनहत कोरिया – आदिवासी विकास विभाग से हाल ही में निर्माण कराए गए छात्रावास भवनों की बात हो या प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना विभाग में कार्यप्रणाली की बात अभिभाजित कोरिया के जनकपुर के कार्यों की बात हो या फिर कटगोड़ी सहित सुंदरपुर में निर्मित छात्रावास भवन हो उक्त इंजीनियर साहब के करतूतों का अपना अलग ही फेहरिस्त देखने को मिलता है। बात दरअसल कोरिया जिले के पूर्व कलेक्टर के पसंदीदा कुछ करतूत बाज अधिकारियों की अगर कहें तो उनमें से एक इंजिनियर जिनकी कई विभागों में पोस्टिंग रही और उस दरम्यान इन इंजीनियर साहब ने नए नए कारनामों को अंजाम दिया । जनाब अपनी ऐसी हुनरबाजी की वजह से जहां भी गए कुछ ही दिनों में विवादित और घटिया कार्यशैली की वजह से खदेड़ दिए गए । उनके किए गए कुछ कार्य जिसमें कटगोड़ी और सुंदरपुर का वो छात्रावास जिसकी लागत राशि करोड़ों में होने के बाद भी उसकी गुणवत्ता इतनी घटिया की भवन डिस्मेंटल कर दिया जाए । पूर्व कलेक्टर का जिक्र इसलिए जरूरी है क्यों की उक्त घटिया कार्यों की शिकायत के बाद भी दोषियों पर कार्रवाई की बजाय छात्रावास संचालन के लिए अधूरे भवन को मौखिक आदेश और दबाव में हैंड ओवर करा दिया गया । साथ ही कारगुज़ारी छुपाने के लिए पौने दो करोड़ के क्रैक छत वाले भवन की लीपापोती कर दी गई । जिसका नतीजा यह भी देखने को मिला की आदिवासी वर्ग के बच्चों के लिए सरकारी सुविधा के नाम टपकते छत के भवन में बरसात गुजारनी पड़ी और उसके बाद भी कई शिकायतों के बाद भी बच्चों के नसीब में आगे भी बरसात में टपकता भवन ही रहने वाला है । क्यों की उक्त भवन की लीपापोती पर वर्तमान जिला प्रशासन भी कुछ करने की स्थिति में नजर नहीं आ रहा है । जनाब इंजिनियर साहब के और भी बड़े बड़े किस्से हैं और इनके पुलिंदो की गठरी भी लोग खोलते जायेंगे ।

कहीं यहां से भी तो खदेड़ नहीं दिए जाएंगे,,? साहब

लाग लपेट की आदतन कार्यशैली की वजह से कई जगहों से खदेड़े गए इंजीनियर साहब जिन्हें शायद मेहरबानी से आर ई एस सोनहत का एस डी ओ बनाया गया है । ऐसा लगता है की अब यहां से भी विदाई तय हो चुकी है । और उसकी वजह है की कई सूत्रों ने इनकी लापरवाही और क्षेत्र में उपलब्ध न रहने सहित ग्राम पंचायत स्तर के कार्यों में अपनी जिम्मेदारी से गायब रहना साथ ही तीखे स्वर में जनप्रतिनिधियों से विवाद करना जिससे लोगों में रोष तो व्याप्त है ही साथ क्षेत्र में चल रहे विकास कार्यों का पिछड़ना भी शामिल है।

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