रमन सिंह के बयानों पर कांग्रेस की तीखी प्रतिक्रिया
रायपुर। मुख्यमंत्री रमन सिंह द्वारा कांग्रेस नेताओं को पसीना बहाने की नसीहत पर कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष शैलेश नितिन त्रिवेदी ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा है कि यह रमन सिंह का अहंकार बोल रहा है जुमलेबाजी और झूठे वायदे कर सत्ता हथियाने वाले रमन सिंह अपने को अजेय समझने का दम्भ पाल लिए है। भारतीय जनता पार्टी और रमन सिंह सरकार के कुशासन का अंत 2018 के विधानसभा चुनाव में तय है।
भजपा सरकार के भ्रष्टाचार, वायदाखिलाफी, धोखाधड़ी रमन सिंह के अहंकार के अंत का कारण बनेगे। चंद चाटुकार नौकरशाहों और जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों से उपकृत भाजपाइयों की ठकुरसुहाती बातों से रमन सिंह खुद को छत्तीसगढ़ का भाग्य-विधाता समझने लगे है, भूल रहे जितने लोगो ने उनको सरकार में आने का जनादेश दिया था लगभग उतने ही लोगो ने आपको नकार भी दिया था, मात्र 0.72 फीसदी मतो के सहारे फिर से सरकार में आ पाए थे। यह अंतर भी उनके अपने दम पर नही कांग्रेस के भीतरघातियों के कारण था। इस 0 .72 फीसदी वोटों के उनके मददगार अब कांग्रेस में नही है। कांग्रेस नेताओं को मेहनत की नसीहत देने के बजाय रमन सिंह अपने दल के इतिहास को पढ़ कर आत्मवलोकन करें। देश की आजादी से लेकर आधुनिक भारत का निर्माण कांग्रेस और उसके नेताओ के मेहनत और समर्पण का परिणाम है। जब रमन सिंह के दल के पूर्वज अंग्रेजो की दलाली कर रहे थे तब कांग्रेस के लोग अंग्रेजो को भारत से भगाने के जुगत में लगे थे। देश की आजादी के बाद जब रमन सिंह के दल के लोग अपने दल के अस्तित्व के लिए भारत में साम्प्रदायिक विष वमन कर रहे थे तब कांग्रेस और कांग्रेस के लोग देश के नवनिर्माण में जुटे थे। कांग्रेस नेतृत्व को प्रदेश से लेकर केंद्र तक किसी के नसीहत की जरूरत नही ।
कांग्रेस पार्टी को मजबूत करने के काम में कांग्रेस का छोटे से छोटा कार्यकर्ता और वहां से लेकर हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी, हमारे प्रदेश प्रभारी पी.एल. पुनिया और हमारे प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल सहित वरिष्ठ कांग्रेसजन सब लगे हुये। कांग्रेस ने 5 साल तक छत्तीसगढ़ की समस्याओं को लेकर पसीना बहाया है, पदयात्रायें की है, जब नसबंदीकांड हुआ, जब किसानो को बोनस नहीं दिया गया बिलासपुर से रायपुर तक, कोडागांव से जगदलपुर तक, लोहाडीगुड़ा से जगदलपुर तक, शिवरीनारायण से नंदेली तक, घरघोड़ा से नंदेली तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस ने पदयात्रायें की है। कांग्रेस ने लगातार पसीना बहाया है और हमे पसीना बहाने के लिये मुख्यमंत्री जी की सलाह की आवश्यकता नही है। छत्तीसगढ़ का हर वर्ग आज मुख्यमंत्री रमन सिंह की उनकी काली करतूतो से नाराज है। शिक्षाकर्मी, आदिवासी, अनुसूचित जाति, पिछड़ा वर्ग के लोग नौजवान छात्र, महिला कौन सा वर्ग जिसे मुख्यमंत्री ने छला नही है, किसानो को तेंदुपत्ता तोड़ने वाले को मजदूरो के साथ जो धोखाधड़ी की सारा छत्तीसगढ़ जानता है। ऐसे समय से मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनकी पार्टी के लोग फिर से सरकार बनाने की बात कर रहे है वे मुंगेरीलाल की तरह हसीन सपने देख रहे है। जहां तक कांग्रेस के सपने देखने का सवाल है तो छत्तीसगढ़ में आज हर वर्ग भाजपा सरकार से नाराज है किसान, छात्र, युवा, बेरोजगार, महिलायें, आदिवासी, अनुसूचित जाति के लोग हो हर वर्ग को भाजपा की सरकार ने निराश किया है, छला है। उनकी समस्याओं की अनदेखी की है और इसके बावजूद रमन सिंह की सरकार फिर से बनाने का भाजपा सपना देख रही है यह मुंगेरीलाल के हसीन सपने की तरह है। पसीना बहाने की बात मुख्यमंत्री रमन सिंह कर रहे है, जिनको चुनाव में दिख रही हार को देखकर भाजपा का पसीना बह रहा है और उसमें भी उनको किराया का भीड़ लाना पड़ रहा है। पसीना तो कांग्रेस ने बहाया है जब नसबंदी कांड हुआ तो बिलासपुर से रायपुर तक प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भूपेश बघेल की अगुवाई में पदयात्रा निकली थी। बलौदाबाजार से विधानसभा के घेराव होते तक कांग्रेस और कांग्रेस के झंडे तले किसान निकले। जन-अधिकार की बात की कोडागांव से जगदलपुर तक, लोहाडीगुड़ा से जगदलपुर तक, शिवरीनारायण से नंदेली तक, घरघोड़ा से नंदेली तक कांग्रेस ने अपना पसीना पांच साल तक बहाया है जनता पांच साल से पसीना बहाने वाले अपने सुख-दुख में साथ रहने वाले कांग्रेस पार्टी के लोग और चुनाव देख के पसीना बहाने वाले भाजपा के लागो के बीच के अंतर को बखूबी जानती है और समझती भी है। आत्मसमर्पित नक्सलियों के साथ खाना-पीना, झीरम घाटी के हत्याकांड में शामिल नक्सलियों का विवाह कराना और उस विवाह में पुलिस के उच्च अधिकारियों का नाचना भाजपा किस सीमा तक गिरेगी, भाजपा की सरकार किस सीमा तक गिरेगी कब तक शहादत का अपमान होगा और झीरम की जांच कब होगी ये बड़ा सवाल कांग्रेस ने जनता के सामने रखा है और ये सवाल कांग्रेस का नहीं छत्तीसगढ़ की जनता का सवाल हैं।
आत्मसमर्पित नक्सलियों के साथ खाने पीने पर कांग्रेस के द्वारा उठाये गये सवालो पर नाराजगी व्यक्त करने वाले मुख्यमंत्री रमन सिंह सत्ता के घमण्ड में चूर है ये बात नहीं भुलायी जा सकती की जीरम कांड में शामिल रहे नक्सलियों की रमन सिंह सरकार ने शादी करायी और रमन सिंह सरकार के पुलिस के आला-अफसर जीरम में शामिल कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं की हत्या में शामिल माओवादियों की बारात में आगे नाचते रहे मुख्यमंत्री रमन सिंह को सरकार के आचारण पर पुनः विचार करना चाहिये अपने गरेबान में झाकना चाहिये।
भारतीय जनता पार्टी की जनसंपर्क यात्रायें सरकार के द्वारा स्पान्सर्ड यात्रायें बन के रह गयी है। सरकारी अमला इन यात्राओं की पूरी व्यवस्थाओं में जुटा हुआ है और भाजपा की सरकार ने सरकार और शासक दल की सीमा रेखा होती है उसको भी समाप्त कर दिया है, जो लोकतंत्र के लिये बेहद नुकसानदेयक है।