तोगड़िया ने मोदी को लिखा पत्र, कहा- सत्ता की ताकत में मत बहिए
नई दिल्ली: विहिप नेता प्रवीण तोगड़िया ने बुधवार को दावा किया कि मोदी सरकार ने ना तो हिंदुत्व पर और ना ही विकास पर अपने वादों को पूरा किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र में तोगडिय़ा ने वादों को पूरा करने, खासकर अयोध्या में राम मंदिर के निर्माण और समान नागरिक संहिता लागू करने के वादों को पूरा करने पर उनसे चर्चा के लिए वक्त मांगा है।
विहिप के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष ने लिखा है, ‘‘ चुनाव जीतना आंकड़ों, मतदाता सूची और ईवीएम का खेल है। लेकिन वादे पूरे कर प्रजा अनुकूल नेता बना जाता है।’’ उन्होंने पत्र में लिखा है‘‘ समय समय पर देश के गुजरात के और आप के भी जीवन में जो भी प्रश्न उपस्थित होते गए, हम दोनों ने साथ रहकर बहुत काम किया। हमारे घर, कार्यालय में आप का आना, साथ में भोजन चाय… ठहाके लगाकर हंसना, मुझे विश्वास है आप कुछ भी नहीं भूले होंगे।’’ आगे उन्होंने लिखा है, ‘‘ सत्ता मिलने के साथ आपने हमसे और मूल विचारधारा से ही दूरी बना ली। फिर भी हमारे दिल में आज भी वही संवाद की उम्मीद है और इसलिए इस पत्र में दिए गए मुद्दों पर आपसे संवाद करने के लिए मिलना चाहता हूं और आप समय जल्द देंगे ऐसा विश्वास है।’’
अपना पत्र साझा करने के बाद मीडिया से बात करते हुए तोगड़िया ने कहा कि उनकी और मोदी की पिछले 12 साल से मुलाकात या बातचीत नहीं हुई है लेकिन वह अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण सहित ङ्क्षहदुओं से किये गए वादों को पूरा करने के लिए अपने‘ मोटा भाई( बड़े भाई) से भेंट करना चाहेंगे। तोगडिय़ा ने कहा, ‘‘( विवादित स्थल) के नजदीक कहीं भी कोई दूसरा ढांचा या मस्जिद का निर्माण नहीं किया जा सकता। यह केवल संसद में एक कानून के जरिए ही हासिल किया जा सकता है।’’ तोगडिय़ा ने गौवध पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक राष्ट्रीय कानून, गौरक्षकों के खिलाफ सभी राज्यों को केंद्र की ओर से जारी परामर्श को वापस लेने और समान नागरिक संहिता को लागू करने की भी मांग की है।
मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के अब तक के कार्यकाल पर बात करते हुए तोगडिय़ा ने कहा, ‘‘ ना तो हिंदुत्व पर वादे पूरे हुए ना ही विकास पर।’’ किसानों का मुद्दा उठाते हुए तोगडिय़ा ने कहा कि बिना किसी अगर- मगर के उन्हें फसल पर उनके कुल खर्चे का डेढ़ गुना दाम मिलना चाहिए। तोगडिय़ा ने कहा कि कृषि उपकरणों पर जीएसटी नहीं लगाया जाना चाहिए और किसानों का कर्ज माफ होना चाहिए। भावुकता के साथ पत्र का अंत करते हुए तोगडिय़ा ने कहा कि अभी भी देर नहीं हुई है। उन्होंने पत्र में लिखा है, ‘‘ आइए साथ मिलकर पहले की तरह सड़क किनारे की सामान्य चाय के कप के साथ दिल से चर्चा करें और देश को आगे ले जाएं।’’