छत्तीसगढ़ की लोकप्रिय भरथरी गायक श्रीमती सुरुज बाई खांडे का आकस्मिक निधन छत्तीसगढ़ी कला जगत के लिए अपूरणीय क्षति अखिलेश
बिलासपुर,छत्तीसगढ़ी फिल्मों के जाने माने अभिनेता अखिलेश पांडे छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय भरतरी गायक श्रीमती सुरुज बाई खांडे के आकस्मिक निधन पर दुख जताया तथा उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के कला जगत के लिए अपूर्णीय क्षति है जिसकी की भरपाई कर पाना असंभव है श्रीमती सुरुज बाई के निधन से सारा कला जगत हतप्रभ व दुखी है छत्तीसगढ़ ने सुरुज बाई खांडे के निधन से एक अनमोल नगीना खो दिया है उनका निधन बिलासपुर में हुआ छत्तीसगढ़ी लोक गीतों को अपनी आवाज से चरम तक पहुंचाने वाला एक चिराग आज हमेशा के लिए बुझ गया प्रदेश की प्रसिद्ध भरथरी लोक गायिका सुरुज बाई खांडे जी का निधन हो गया है सुरुज बाई ने बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में अंतिम सांस ली है सुरुज बाई को देवी अहिल्याबाई होल्कर पुरस्कार समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया था भरथरी छत्तीसगढ़ की प्रमुख लोकगीत है और अपना जीवन सुरुज बाई खांडे ने लोक कला को समर्पित किया 7 साल की उम्र से भरथरी गाने की शुरुआत अपने नाना स्वर्गीय राम साय धृतलहरे के मार्गदर्शन में किया था उन्होंने साठ साल से अधिक उम्र के बाद भी भरथरी गा रही थी उनकी कुछ यादें उनके फेमस गीत घोड़ा रोवे घोड़े सारे मां घोड़े सारे मजी अखिलेश ने उनके निधन पर अत्यंत दुख व्यक्त किया और कहा कि उनकी यह कला अमर है मां भले ही आज हमारे बीच में ना रहे परंतु उनकी आवाज और उनके गाने आज भी हमारे साथ है और आने वाले समय में आने वाली पीढ़ी भी इन गानों को सुनकर उनको याद करेगी भीगी आंखों से उन्होंने उनको नमन किया और भगवान उनकी आत्मा को शांति दे ऐसी प्रार्थना की