आदिनाथ बेनिफिकेशन कोल वाशरी संचालक निकला छुपा रुस्तम।
साइन बोर्ड, स्प्रिंग कलर लापता और भंडारण की अनुमति नहीं।
बरगवां अमलाई। गौर तलब हो कि वर्षों से संचालित आदिनाथ वेनीफिकेशन कोल वासरी का संचालक शासन प्रशासन प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं क्षेत्रीय जनमानस के साथ-साथ रेल विभाग और साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड की आंखों में धूल झोंक रहा है।
सूत्रों की माने तो यह आदिनाथ बेनिफिकेशन संचालक कोल वासरी संस्थान के सामने जीएसटी रजिस्ट्रेशन नंबर एवं संस्थान का नाम की साइन बोर्ड तक नहीं लगाई गई है यही नहीं ताबड़तोड़ कोयले से लोड भारी वाहनों के आवागमन के कारण सड़कों में उड़ रही कोल डस्ट यहां बसी आबादी के लिए कई समस्याओं को प्रदूषण के तौर पर जन्म देता है जिससे निजात पाने के लिए ना तो सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जाता है और ना ही स्प्रिंग कलर लगाए गए हैं। सबसे बड़ी बात यह है कि इस कोल वाशरी संस्थान को कोयले का भंडारण करने की अनुमति नहीं है फिर भी इसके द्वारा साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड के द्वारा प्रदान की जा रही वीडियो के माध्यम से कोयले की उपलब्धि लेकर भंडारण किया जाता है और उस भंडारीत कोयले में मिलावट खोरी कर अन्यत्र स्थान में रेल रैक के माध्यम से बिना कोयले की वॉशिंग किए ही सप्लाई की जा रही। सरेआम प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड एवं कोल इंडिया, रेलवे विभाग के साथ आंख मिचोली खेल रहा है।
कोयले के परिवहन में प्रयुक्त होने वाले हाईवा वाहन, ट्रेलर जिनकी दुर्दशा है अगर उनकी रजिस्ट्रेशन फिटनेस परमिट की जांच की जाए तो इस हाल में है कि भारी मात्रा में कोयला लोड कर सड़कों पर दौड़ने की अनुमति कैंसिल कर दी जाएगी किंतु रात के अंधेरे में इस आदिनाथ बेनिफिकेशन के संचालक के द्वारा ताबड़तोड़ कोयले का परिवहन किया जा रहा है ऐसी स्थिति में कई बार रात्रि कालीन समय में सड़कों पर चलने वाले लोग उनके वाहनों के शिकार हो दुर्घटनाग्रस्त हो गए हैं।