October 27, 2024

बस्तर के वनवासियों से समाज को सीखना चाहिए बेटियों के सम्मान का सबक: डॉ. रमन सिंह

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मुख्यमंत्री ने ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम में किया मेधावी छात्राओं का सम्मान

रायपुर, मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा कि समाज को बस्तर के वनवासियों से बेटियों के सम्मान का सबक सीखना चाहिए। पिछड़ा समझा जाने वाला वनवासी समाज बेटियों को शक्ति स्वरूपा देवी मानता है। छत्तीसगढ़ में बेटे और बेटियों का लिंग अनुपात सबसे बेहतर बस्तर संभाग में हैं। उन्होंने कहा कि कन्या भ्रूण हत्या का अपराध हत्या के बराबर है। इस अपराध के लिए भी उतनी ही कड़ी सजा का प्रावधान किया जाना चाहिए। मुख्यमंत्री आज राजनांदगांव के पद्मश्री गोविन्दराम निर्मलकर सभागार में आयोजित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ कार्यक्रम और मेधावी छात्राओं के सम्मान समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। डॉ. सिंह ने कार्यक्रम में मेधावी छात्राओं को उज्जवल भविष्य के लिए आशीर्वाद प्रदान किया। इस कार्यक्रम में 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा में 85 प्रतिशत अंक प्राप्त करने वाली मेधावी छात्राओं को प्रशस्ति पत्र और स्कूल बैग प्रदान कर सम्मानित किया गया
मुख्यमंत्री ने कहा कि संविधान ने महिलाओं और पुरूषों को समान अधिकार दिये हैं। आज समाज भी धीरे-धीरे बेटे-बेटियो के समान अधिकारों के लिए सहमत हो रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि लिंग अनुपात की दृष्टि से छत्तीसगढ़ देश के तीन अग्रणी राज्यों में शामिल हैं। छत्तीसगढ़ में एक हजार बेटों पर 997 बेटियां है। आज शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में हमारी बेटियां अग्रणी हैं। यह आयोजन समानता के अधिकार के प्रति लोगों में जागृति लाने का कार्य करेगा। डॉ. सिंह ने कहा कि पहले स्कूलों में सुविधाएं नहीं होने के कारण बेटियां स्कूल जाने में संकोच करती थीं। राज्य सरकार ने सभी कन्या और बालक विद्यालयों में शौचालय बनवाये। सभी स्कूलों और कॉलेजों में सेनटरी नेपकिन की व्यवस्था राज्य सरकार द्वारा की जा रही है। स्कूल से लेकर कॉलेज तक बेटियों के लिए निःशुल्क शिक्षा की व्यवस्था की गई है। हाई स्कूल जाने वाली बेटियों को निःशुल्क साइकिलें दी गई। इन सुविधाओं से स्कूल जाने वाली बेटियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। डॉ. सिंह ने बताया कि राज्य लोक सेवा आयोग की राज्य सेवा परीक्षा के माध्यम से डी.एस.पी., डिप्टी कलेक्टर के पद पर चयनित 15 बेटियों से जब यह पूछा गया कि नक्सल प्रभावित बस्तर अंचल में कौन सेवा देना चाहता है, तो सभी बेटियों ने नक्सल मोर्चे पर जाने की सहमति दी। यह बेटियों के आत्म विश्वास को दर्शाता है। मुख्यमंत्री ने मेधावी छात्राओं को आशीर्वाद प्रदान करते हुए कहा कि हमारा लक्ष्य 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा पास करना ही नहीं बल्कि जीवन की हर परीक्षा में सफलता प्राप्त करना होना चाहिए।
सम्मान समारोह को लोकसभा सांसद श्री अभिषेक सिंह, छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड की अध्यक्ष श्रीमती शोभा सोनी, राजनांदगांव के महापौर श्री मधुसूदन यादव और वरिष्ठ पत्रकार श्री शिव दुबे ने भी संबोधित किया। विधायक श्रीमती सरोजनी बंजारे, राज्य अनुसूचित जाति आयोग के अध्यक्ष श्री रामजी भारती, राज्य भण्डारगृह निगम के अध्यक्ष श्री नीलू शर्मा, राज्य उर्दू अकादमी के अध्यक्ष श्री अकरम कुरैशी, राज्य 20 सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन समिति के उपाध्यक्ष श्री खूबचंद पारख, पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री धरमलाल कौशिक, नागरिक आपूर्ति निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री लीलाराम भोजवानी, पाठ्यपुस्तक निगम के पूर्व अध्यक्ष श्री अशोक शर्मा, समाज कल्याण बोर्ड की पूर्व अध्यक्ष श्रीमती विभाराव, जिला केन्द्रीय बैंक के अध्यक्ष श्री सचिन बघेल, राज्य महिला आयोग की सदस्य डॉ. रेखा मेश्राम, राज्य खाद्य आयोग के सदस्य श्री अशोक चौधरी, राजगामी संपदा न्यास के अध्यक्ष श्री रमेश पटेल, पूर्व विधायक श्री कोमल जंघेल, राजगामी संपदा न्यास के पूर्व अध्यक्ष श्री संतोष अग्रवाल, सहित अनेक जनप्रतिनिधि, छात्र-छात्राएं और उनके अभिभावक तथा प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे। कार्यक्रम का आयोजन पंडित दीनदयाल जन्म शताब्दी वर्ष के अवसर पर छत्तीसगढ़ समाज कल्याण बोर्ड द्वारा दैनिक भास्कर समाचार पत्र के सहयोग से किया गया।

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