चपरासी और सफाई कर्मी के जिम्मे मेला का आयोजन।
बरगवा मेले में अव्यवस्था और सुरक्षा के अभाव में हो रहा संचालित।
अनूपपुर।मकर संक्रांति के पावन पर्व पर 14 एवं 15 जनवरी को भरने वाला ऐतिहासिक मेला जो की ख्याति प्राप्त मनोकामना पूर्ति हनुमान मंदिर मैदान में होने जा रहा है और होने वाली अपार भीड़ एवं व्यवस्थाओं को लेकर नगरीय निकाय एवं नगर परिषद के अधिकारी जनप्रतिनिधि निष्क्रियता का पर्याय बने हुए है। पूर्व वर्ष में मुख्य नगर पालिका अधिकारी के तत्वावधान में मेले की संपूर्ण व्यवस्था देखरेख निगरानी जबरदस्त तरीके से की गई थी और मेला बाजार की वसूली स्वयं नगर परिषद के द्वारा और वाहन स्टैंड नीलामी ठेका के रूप में दिया गया था। संपूर्ण मेला परिसर में दूर दराज से आए व्यापारियों एवं सोन नदी मंदिर दर्शनार्थ उमड़ी भीड़ की सुरक्षा का दायित्व निर्वहन करने में सक्षम नहीं दिख रहे हैं।
इस वर्ष मेले के आयोजन में संपूर्ण दायित्व नगर परिषद के जनप्रतिनिधि मुख्य नगर पालिका अधिकारी पार्षद जनों के द्वारा अपनी भूमिका का निर्वहन न करते हुए एक चपरासी के द्वारा संपूर्ण मेला आयोजन का कार्यभार सोपा गया है जिस पर ठेका कर्मचारी सफाई कर्मियों के द्वारा मेले में आने वाले व्यापारियों के साथ अवैध वसूली एवं अभद्रता पूर्ण रवैया अख्तियार किया जा रहा है जिसकी वजह से ऐतिहासिक मेले के आकार एवं स्वरूप में परिवर्तन दिखाई दे रहा है संकीर्ण मेला परिसर में बेतरतीब दुकानों को लगाकर संपूर्ण मेला मैदान को अव्यवस्थित कर दिया गया है। वर्तमान स्थिति में देखा जाए तो मेला मैदान में आए हुए व्यापारियों की सुविधाओं को नजर अंदाज करते हुए ना तो बिजली की व्यवस्था की गई है और ना ही पेयजल की व्यवस्था है इसके अलावा इस कड़कने की ठंड में बीमार होने की स्थिति में चिकित्सा सुविधा का भी अभाव है इस प्रकार मेला आयोजन को लेकर अधिकारी कर्मचारी की निष्क्रियता के कारण होने वाली परेशानियों का जिम्मेदार कौन होगा यही नहीं उमड़ने वाली अपार भीड़ वाहन स्टैंड की सुविधा के साथ साइकिल मोटरसाइकिल आदि वाहनों की चोरी की रोकथाम के लिए सुरक्षा के नाम पर कम पुलिसकर्मियों की नियुक्ति सबसे बड़ा कारण बन सकती है।