November 22, 2024

बिना डॉक्टर ही संचालित हो रहा अस्पताल

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फार्मासिस्टों के सहारे कर्मचारियों की जान
कौन है अस्पताल के कर्मचारियों पर मेहरबान lअविरल गौतम

अनूपपुर
अमरकंटक ताप विद्युत गृह केंद्र के कॉलोनी परिसर में कर्मचारियों सहित मजदूरों के स्वास्थ्य सुविधा को देखते हुए मंडल के द्वारा अस्पताल का संचालन तो कराया जा रहा है लेकिन अस्पताल में मिलने वाली मूलभूत सुविधा का ध्यान देने वाला कोई नहीं है जैसे बिन मूर्ति के मंदिर सुनी लगती है इस प्रकार बिना डॉक्टर के भी अस्पताल चला पाना संभव नहीं है यही हाल अमरकंटक ताप विद्युत गृह केंद्र चचाई का है जहां लगभग 12 से 15 00 कर्मचारियों की जान अब मात्र फार्मा सिस्टम के हाथ में है जो दवा लिखने के साथ इलाज भी कर रहे हैं जिसकी जानकारी अस्पताल के अधिकारियों से लेकर पावर प्लांट के वरिष्ठ अधिकारियों तक है लेकिन कहना भी क्या मिली जुली सरकार के सहारे मंडल को लाखों का चूना लगाया जा रहा है सूत्र यह भी बताते हैं कि अस्पताल में दो डॉक्टर हैं जिनमें से दोनों अस्पताल में उपस्थित नहीं है तो ऐसे में अगर किसी भी व्यक्ति को प्राथमिक उपचार एवं स्वास्थ्य बिगड़ने पर अस्पताल लाया जाता है तो उसका उपचार व दवाइयां कौन लिखेगा दिन प्रतिदिन नई-नई बीमारियां उत्पन्न हो रही हैं जिस पर अस्पताल में डॉक्टरों की उपस्थिति अनिवार्य है लेकिन कारखाने का एकमात्र अस्पताल जो बिना डॉक्टर के ही संचालित हो रहा है।

दूसरे का नाम तो दूसरा कर रहा नौकरी तो कोई टाइम पास करने आ रहा अस्पताल बना जांच का विषय।

सूत्र बताते हैं कि जहां एक और स्वास्थ्य सुविधा को सुचारू रूप से संचालित करने के लिए ताप विद्युत गृह लाखों रुपए खर्च कर रहा है वही यहां पर पदस्थ कर्मचारियों अपने स्थान पर 6 से 7000 रुपए का कर्मचारी लाकर उसे ड्यूटी करने का काम कर रहे हैं जिस पर इसकी जानकारी अस्पताल पर पदस्थ छोटे से लेकर बड़े कर्मचारी तक को है लेकिन सबकी मिली जुली सरकार के कारण यह काम काफी लंबे समय से चल रहा है जबकि अस्पताल में मिलने वाली स्वास्थ्य सुविधा सही ढंग से संचालित नहीं की जा रही है यह भी एक जांच का विषय है यहां पर पदस्थ कर्मचारियों कई वर्षों से एक ही स्थान पर पदस्थ होने के कारण केवल अपना समय व्यतीत कर लाखों का वेतन उठा रहे हैं अगर चुनाव आयोग का निर्देशन और नियम को देखा जाए तो अगर किसी संवेदनशील पदों पर पदस्थ कर्मचारियों का समय 3 से 5 वर्ष एक ही स्थान पर हो चुका है तो उसका स्थानांतरण अति शीघ्र अन्य स्थान पर किया जाना चाहिए लेकिन चुनाव आयोग के नियमों को भी ठेंगा दिखाता दिख रहा ताप विद्युत गृह जो काफी लंबे समय से एक ही स्थान पर पदस्थ कर्मचारियों और अधिकारी अपने मन मुताबिक ड्यूटी करना और चले जाने जैसा काम को भी अंजाम दे रहे हैं जिस ताप विद्युत ग्रह को लाखों रुपए का नुकसान हो रहा है अगर सही ढंग से इसकी जांच की जाए तो कई कर्मचारी तो ना सही समय पर अस्पताल में आते हैं और ना ही पूरी ड्यूटी करते हैं लेकिन उपस्थिति पत्रक में उपस्थिती पूरी मिल जाएगी।

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