झोलाछाप डॉक्टर की दवाई से मरीज की गई जान
मृतक का कौन बनेगा जिम्मेदार डॉक्टर या स्वास्थ्य विभाग
उमरिया /पाली/मानपुर
इन दोनों झोलाछाप डॉक्टरों की उमरिया जिले में बाढ़ सी आ चुकी है आखिर यह झोलाछाप डॉक्टर किसकी सहमति से अपनी अवैध क्लिनिक संचालित कर रहे हैं फिर चाहे वह मानपुर क्षेत्र हो नौरोजाबाद क्षेत्र हो या फिर बिरसिंहपुर पाली क्षेत्र हो महज ही 4 दिन के लिए दिखावे के रूप में क्लीनिक सील की जाती है और पांचवें दिन खोल दी जाती है आखिर किन कारणों से दोबारा संचालित की जा रही है, क्योंकि आए दिन अवैध झोलाछाप डॉक्टर की क्लीनिक से दवाइयां की जाती हैं और उनकी दवाइयों से मरीज को मौत के घाट उतार दिया जाता है ऐसा ही अभी ताजा तरीन मामला मानपुर क्षेत्र से हुआ है जो की झोलाछाप डॉक्टर असोक चतुर्वेदी के इलाज के दौरान राधे चौधरी पसौड जिला शहडोल की गई जान, राधे चौधरी के बेटे ने जानकारी देते हुए बताया की मेरे पिताजी सुबह घर से निकलकर अपने से गाड़ी में बैठकर इलाज करवाने अशोक चतुर्वेदी निवासी मसीरा जिला शहडोल के यहां गए थे इलाज करवा कर वापस आए हैं कुछ समय बाद उनके सीने में काफी दर्द होने लगा घर में बताए हैं कि अशोक महाराज चार-पांच इंजेक्शन मिलाकर लगाए हैं इसके बाद भी आराम नहीं मिल रहा है तब वह पुनः दोबारा झोलाछाप डॉक्टर अशोक चतुर्वेदी मसीरा जिला शहडोल के यहां इलाज करवाने गए थे डॉ अशोक चतुर्वेदी के द्वारा कुछ दवाइयां दी गई और कहा गया कि आप इन्हें बाहर ले जाइए तब राधे चौधरी को मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाकर इलाज हेतु नर्सो से बोला गया तब नर्स के द्वारा कहा गया कि हम डॉक्टर साहब को फोन करके बुलाते हैं, डॉक्टर साहब मानपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में नहीं थे आधे घंटे बाद आकर देख कर बताएं कि इनकी मृत्यु हो चुकी है शासन के लापरवाही के चलते आए दिन झोलाछाप डॉक्टरों के द्वारा इलाज करने पर जान जाती हैं स्वास्थ्य विभाग कब करेगा इन झोलाछाप डॉक्टरों पर कार्रवाही शहडोल कलेक्टर से मांग की जा रही है की राधे चौधरी की जान लेने वाले डॉक्टर अशोक चौधरी के ऊपर कड़ी से कड़ी कार्यवाही की जाए इसी तरह मानपुर क्षेत्र अंतर्गत कई झोलाछाप डॉक्टर एवं बंगाली डॉक्टर फल फूल रहे हैं और मरीजो का अच्छा खासा पैसा चूसने के बाद बाहर ले जाने की सलाह देते हैं उमरिया जिला के कलेक्टर महोदय से मांग की जा रही है की क्षेत्र में बिना डिग्री धारी डॉक्टर के द्वारा क्लीनिक खोलकर दवाई करने वाले झोलाछाप डॉक्टरों पर उचित कार्रवाई की जाए।
गौरतलब है की झोलाछाप डॉक्टरों के पास किसी प्रकार की कोई एमबीबीएस की डिग्री भी नहीं तो आखिर किसकी मिली भगत और किसकी शहर से झोलाछाप डॉक्टरों की बढ़ोतरी हो रही है और उनकी दुकानें संचालित की जा रही हैं यह एक सोचनीय विषय है