धूमधाम से की गई विश्वकर्मा जी की पूजा।
अनूपपुर। अनूपपुर जिले के अंतर्गत सोडा फैक्ट्री कास्ट यूनिट अमरकंटक ताप विद्युत गृह अमलाई खुली खदान जमुना कोतमा क्षेत्र के वर्कशॉप बिजुरी राजनगर रामनगर सहित निजी इंजीनियरिंग वर्कशॉप, जिले के समस्त औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान एवं निजी संस्थानों में विश्वकर्मा जी की पूजा अर्चना की गई। हर वर्ष 17 सितंबर को शिल्प के देवता भगवान विश्वकर्मा जी की जयंती मनाई जाती है। सूर्य संक्रांति के दिन ब्रह्मा जी के सातवें पुत्र विश्वकर्मा जी का जन्म हुआ था। विश्वकर्मा जयंती के दिन भगवान विश्वकर्मा जी की विधि विधान से पूजा अर्चना की जाती है।
मान्यता है कि ऐसा करने से कार्य व्यापार में वृद्धि होती है। भगवान विश्वकर्मा को सृष्टि का सृजनकर्ता और प्रथम शिल्पकार के रूप में जाना जाता है।
बताया की ब्रह्मा जी ने जब पृथ्वी की रचना की थी। तब उसे सजाने और सवारने का काम ब्रह्मा जी ने ही किया था। यह शुभ दिन भगवान विश्वकर्मा जी को समर्पित है जिन्हें ब्रह्मांड के दिव्य निर्माता के रूप में पूजा जाता है। बताया कि हर साल कन्या संक्रांति के दिन विश्वकर्मा जयंती बनाई जाती है। विश्वकर्मा जी पहले शिल्पकार थे जिस कारण से इन्हें वास्तु कला का देवता भी कहा जाता है। विश्वकर्मा जी की पावन जयंती पर जगह-जगह पूजन अर्चन के उपरांत भंडारे का आयोजन भी किया गया सोहागपुर क्षेत्र के अंतर्गत अमलाई खुली खदान में विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। , रिजिनल वर्कशॉप, एरिया वर्कशॉप एवं चचाई स्थित पप्पू ऑटो गैरेज में संचालक जीवन यादव द्वारा भगवान विश्वकर्मा की पूजा अर्चना की गई एवं प्रसाद वितरित किया गया।