भाजपा सरकार आदिवासी एवं अन्य वनवासी वर्ग के अधिकारों का हनन कर रही है – डॉ एस पी एस तिवारी
अनूपपुर / वन अधिकार यात्रा को लेकर अनूपपुर पहुंचे मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वन एवं पर्यावरण प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ एस पी एस तिवारी ने 13 सितंबर को जिला कांग्रेस कमेटी अनूपपुर के बैनर तले पत्रकार वार्ता वार्ता का आयोजन किया जिसने यात्रा के संयोजक एडवोकेट आसिफ इकबाल खान, कांग्रेस जिला अध्यक्ष रमेश सिंह, उपाध्यक्ष वासुदेव चटर्जी, मयंक त्रिपाठी आदि उपस्थित रहे , प्रेस वार्ता के दौरान डॉ एस पी एस तिवारी ने बताया कि मध्यप्रदेश में प्रदेश के कुल मैगोलिक क्षेत्रफल का 30% वन क्षेत्र है। प्रदेश में 21% जनसंख्या आदिवासी समुदाय की हैं एवं 09 % जनसंख्या अन्य वनवासी भाई-बहनों की है। इस तरह 30% जनसंख्या आदिवासी एवं अन्य वनवासी भाई-बहनों की है, जिनकी आजीविका कहीं न कही वन एवं वनोपज पर निर्भर है। वर्तमान भा.ज.पा. सरकार आदिवासी / वनवासी भाई बहनों के हित में कोई काम न करते हुए इनके अधिकारों का हनन कर रही है।
मध्यप्रदेश में लगभग 20 लाख तेंदुपत्ता संग्राहक है एवं प्रतिवर्ष लगभग औसतन 20 लाख मानक बोरा तेन्दुपत्ता संग होता है एवं औसतन लगभग 1.200 करोड़ रुपये का तेन्दुपत्ता का व्यापार दशमन विभाग करता है तेन्दुपत्ता संग्राहकों की संग्रहण मजदूरी दर 3,000/- प्रति मानक बोरा है, जबकि छत्तीसगढ़ में 4,000/- प्रतिमाह बोरा है। कांग्रेस पार्टी मजदूरी दर बढ़ाने हेतु वर्तमान सरकार को लेख कर चुकी है परन्तु वर्तमान सरकार के द्वारा इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो राष्ट्रीय उद्यान शेरों के लिए 100 करोड़ रुपये खर्च करके तैयार किया गया थी। गिरी से शेर यहां लाकर बसाए जाने थे। सर्वोच्च न्यायालय ने भी वर्ष 2013 में कूलों में गिरी से शेर लाकर बसाने के निर्देश दिए थे। परन्तु गुजरात की भाजपा सरकार ने राज हठ के चलते शेर कूनो के लिए नहीं दिए। आनन-फानन में पिछले वर्ष 17 सितम्बर 2022 को माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के जन्मदिन के अवसर पर नामीबिया एवं दक्षिण अफ्रीका से 20 चीता जो कैप्टिव ब्रीडिंग के थे लाकर कूनों में छोड़े गए। चूंकि भारत में पिछले 07 दशक से चीते नहीं हैं एवं विशेषज्ञ भी नही है साथ ही कूनों का आवोहवा भी चीता के लिए अनुकूल नहीं है फलस्वरूप भी मर चुके हैं एवं एक चीता नीरवा 10 दिन से गायब है। राजस्थान में मुकुद्धा में गीतों के लिए जंगल तैयार किया गया है परन्तु चूंकि वहां कांग्रेस शासन है, इसलिए केन्द्र सरकार जानबूझकर हठ में चीते वहां न भेजकर कूनो में भेजे। भोपाल से सटे रातापानी अभ्यारण्य में 70 से अधिक बाघ पाये गये हैं रातापानी अभ्यारण्य प्रोजेक्ट टाईगर के लिए अनुकूल है, परंतु भाजपा शासन में कई बार स्टेट वाइल्ड लाईफ बोर्ड में इस पर विचार हुआ, परंतु माननीय मुख्यमंत्री जी षिवराजसिंह चौहान जो कि बोर्ड के अध्यक्ष है, इसे सिरे से नकार दिया। इस तरह स्थानीय लोगों को टाईगर टूरिज्म से मिलने वाला रोजगार नहीं मिल पा रहा है।