कीचड़ और अवस्थाओं के बीच आयोजित हो रहा फुटबॉल क्रांति के अंतर्गत राज्य स्तरीय प्रतियोगिता।
शहडोल।शालेय राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन अनूपपुर जिले के बरगवा अमलाई नगर परिषद क्षेत्र के वार्ड क्रमांक 9 में अमलाई स्टेडियम में अव्यवस्थाओं के बीच हो रहा है। ज्ञात हो कि फुटबॉल क्रांति लाने के उद्देश्य से संभाग के संभाग आयुक्त राजीव शर्मा एवं अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक महानिरीक्षक एडीजीपी दिनेश सिंह सागर जी के नेतृत्व में संपूर्ण मध्य प्रदेश के 36 जिलों के बालक बालिकाओं के द्वारा अमलाई स्टेडियम में फुटबॉल टूर्नामेंट में अपनी खेल कला को दिखा रहे हैं किंतु अनूपपुर जिले के आयोजन खेल प्रशिक्षक के द्वारा अपनी मनमानी रवैया को लेकर जंन चर्चा का विषय बने हुए बताया जाता है कि दूर-दूर से आए बालक बालिका खिलाड़ियों के रहने का इंतजाम बद इंतजामी एवं सुरक्षा की दृष्टिकोण से उत्तम नहीं साथ ही खिलाड़ियों के खाने पीने की व्यवस्था दुरुस्त नहीं की गई और जहां पर फुटबॉल क्रांति के तहत शालेय राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता आयोजित की जा रही है उस मैदान पर कीचड़ के कारण खिलाड़ियों को खड़ा होना मुश्किल है उस बीच खेल प्रशिक्षक अमलाई स्टेडियम बालक वर्ग के द्वारा पानी एवं कीचड़ के बीच अलग-अलग जिलों के प्रतिभागियों खिलाड़ियों को मैदान में खेल कराया जा रहा। इस प्रकार फुटबॉल क्रांति लाने के नाम पर शासन द्वारा लाखों रुपए की राशि खिलाड़ियों को प्रतिभावान और प्रोत्साहन देकर आगे के भविष्य के लिए अग्रसर किया जा रहा है वहां इनके जैसे प्रशिक्षित खेल प्रशिक्षक की मनमानियो का शिकार हो गया है।
फुटबॉल क्रांति के माध्यम से आयोजित शालेय राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता के आयोजन में खेल प्रशिक्षक के द्वारा भेदभावपूर्ण रवैया अख्तियार किया जा रहा है यह भी बताया जा रहा है कि नगर परिषद की प्रथम महिला अध्यक्ष को आमंत्रित भी नहीं किया गया है यही नहीं प्रोटोकॉल का भी उल्लंघन किया गया बताया जाता है कि अन्य स्थानों से या फिर किसी भी पद पर ना रहने के बावजूद एक यूनियन के सदस्य को मुख्य अतिथि की आसंदी पर विराजमान किया जाता है जबकि नगर परिषद के वार्ड पार्षद को महत्व देना चाहिए और उनकी उपस्थिति में कार्यक्रम आयोजित होने चाहिए इतने बड़े कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है किंतु आमंत्रण पत्र के नाम पर खेल प्रशिक्षक के द्वारा मुंह देखी और अपने लोगों को चुन चुन कर बुलाया जा रहा है किंतु आमंत्रण पत्र किसी को भी वितरित नहीं किया गया है रही प्रोटोकॉल की बात तो अगर किसी भी प्रकार के शासकीय कार्यक्रम का आयोजन किसी क्षेत्र में किया जाता है तो वहां के स्थानीय जलप्रीनिधि को प्राथमिकता के तौर पर प्रथम आमंत्रण के रूप में कार्यक्रम में बुलावा देना अनिवार्य है। लेकिन अपने इरशापूर्ण आचरण के कारण खेल प्रशिक्षक ने क्षेत्र के पत्रकारों को भी इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आमंत्रण तो दूर की बात उन्हें नजर अंदाज किया गया। ऐसी स्थिति में संभाग के कमिश्नर राजीव शर्मा के द्वारा फुटबॉल क्रांति के रूप में खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन कर हर एक खिलाड़ी को भविष्य में आगे बढ़ने का सुनहरा अवसर प्रदान करने की बात कही जा रही है वहां इस खेल प्रशिक्षक के द्वारा अपने लाभ को मद्दे नजर रखते हुए सही तरीके और ढंग से फुटबॉल क्रांति के अंतर्गत आयोजित राज्य स्तरीय फुटबॉल प्रतियोगिता का प्रचार प्रसार को संकुचित करने का प्रयास किया गया है।