सहकारी संघवाद का बढ़िया उदाहरण है जीएसटी: अमर अग्रवाल : जीएसटी को लेकर राज्य स्तरीय परिचर्चा आयोजित
व्यापारियों के सुझावों का हमेशा स्वागत: केन्द्रीय वित्त सचिव व्यापारियों की भागीदारी से कामयाब हुआ जीएसटी
रायपुर, वाणिज्यिक कर मंत्री एवं जीएसटी काउंसिल के सदस्य श्री अमर अग्रवाल, केन्द्रीय वित्त सचिव डॉ. हंसमुख अढ़िया और छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह की मौजूदगी में आज जीएसटी कर प्रणाली को लेकर राज्य स्तरीय परिचर्चा का आयोजन किया गया। परिचर्चा में राज्य के उद्योग और व्यापार संघों के पदाधिकारी, चार्टड एकाउण्टेन्ट, बार एसोसिएशन और केन्द्रीय और राज्य सरकार के वाणिज्यिकर विभाग के अधिकारी शामिल हुए।
श्री अमर अग्रवाल ने मुख्य अतिथि की आसंदी से कहा कि जीएसटी लागू हुए अब 8 महीने हो चुके हैं। इन 8 महीनों के अनुभव को साझा करने का अवसर इस परिचर्चा के माध्यम से मिला है। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल के सदस्य होने के नाते इसकी राष्ट्रीय स्तर की सभी बैठकों में हिस्सा लिया है। वास्तव में देश में इसे लागू करना काफी कठिन और चुनौतीपूर्ण काम था। संविधान में दो तिहाई बहुमत के साथ संशोधन करना और राज्यों की सहमति प्राप्त करना भारत जैसे विशाल और विविधतापूर्ण देश में वास्तव में कठिन था। लेकिन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की दृढ़ इच्छा शक्ति और केन्द्रीय वित्त सचिव डॉ. हंसमुख अढ़िया के नेतृत्व में अधिकारियों ने टीम भावना के साथ खूब काम किया, इसलिए यह आज संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में जीएसटी एक जुलाई 2017 से लागू की गई है। श्री अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी का लागू होना हमारे देश के लिए सहकारी संघवाद का बढ़िया उदाहरण है। उन्होंने कहा कि जीएसटी काउंसिल में सभी राजनीतिक दल और विचारधारा के लोग शामिल हैं। बावजूद इसके यहां निर्णय सर्व सहमति से लिए जाते हैं। किसी भी निर्णय में कोई विरोध नहीं हुआ है।
श्री अग्रवाल ने कहा कि जीएसटी की शुरूआत में कुछ दिक्क्ते तो हुई। लोगों ने कई तरह की शंकाएं की। लेकिन समय के साथ सब कुछ ठीक होता गया। उन्होंने कहा कि काफी सोच-विचार करने के बाद देश की प्रगति और इकानामी को बढ़ाने के लिए जीएसटी लागू किया गया है। दिक्कतों को सुनकर उन्हें दूर भी किया गया । उन्होंने कहा कि जीएसटी कानून में सुधार के लिए छत्तीसगढ़ राज्य से भी अनेक सुधार प्रस्ताव भेजे गए, जिनका पालन किया गया। वाणिज्यिक कर मंत्री ने कहा कि सभी कारोबारियों की सलाह है कि रिटर्न की प्रक्रिया सरल होनी चाहिए। सरकार ने खुले मन से इसे स्वीकार करके जरूरी संशोधन करने जा रही है। कोई भी सरकार कर प्रणाली को व्यापार के लिए अड़चन होने देना नहीं चाहती है।
केन्द्रीय वित्त सचिव श्री हंसमुख अढ़िया ने परिचर्चा आयोजित करने के लिए मुख्य सचिव श्री अजय सिंह को बधाई दी। उन्होंने कहा कि जीएसटी की कामयाबी के लिए यहां के व्यापारी जिम्मेदार हैं, जिन्होंने बड़ी उदारता के साथ इस कर प्रणाली को अपनाया है। उन्होंने कहा कि इसे लागू करने को लेकर शुरू में काफी असमंजस और घबराहट थी। धीरे-धीरे दिक्क्ते दूर होती गई और कर प्रणाली में सरलता आते गई। उन्होंने बताया कि आज से लगभग 18 साल पहले आस्ट्रेलिया में इस तरह की कर प्रणाली लागू की गई। उनके जैसे विकसित देश में इसे लागू करने के लिए दो साल से ज्यादा समय लग गया। उनके प्रतिनिधि मण्डल ने पिछले महीने दिल्ली आकर इसका निरीक्षण किया और इसकी प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की राजनीतिक इच्छा शक्ति की वजह से इतने कम समय में इस कर प्रणाली को पूरे देश में लागू करना संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इसे लागू करने के लिए पिछले एक साल में जीएसटी काउंसिल की 25 बार बैठक हुई। एक-एक बिन्दु पर गहन विचार-विमर्श किया गया और सभी की सहमति से निर्णय लिए गए। उन्होंने कहा कि इस कर प्रणाली को लागू करने में अधिकारियों ने टीम भावना से काफी काम किए। केन्द्र और राज्य सरकार के अधिकारियों ने मिलकर यह काम किए। उन्होंने कहा कि कोई भी कारोबारी टैक्स से बचना नहीं चाहता । वह स्वयं टैक्स देना चाहता है। लेकिन उनके अनुसार मुख्य रूप से तीन बातों को ध्यान में रखा जाना चाहिए। कर की गणना सरल तरीके से होना चाहिए। टैक्स वाजिब होना चाहिए, अन्यथा कर चोरी की संभावना बढ़ जाती है। तीसरी बात कि प्रामाणिक व्यापारियों को संरक्षण मिलना चाहिए। इसके अलावा कोई दिक्क्त उन्हें नहीं है।
श्री अढ़िया ने बताया कि जीएसटी लागू होने के बाद राज्य को होने वाला नुकसान लगातार कम होते जा रहा है। शुरूआत में यह 49 प्रतिशत था जो कि घटकर अब 29 प्रतिशत हो गया है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि राज्य से 57 प्रतिशत रिटर्न दाखिल हुए हैं, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर इसका प्रतिशत 67 है। उन्होंने शिकायत नोट करने के लिए स्थापित टोल फ्री नम्बर पर तकनीकी अधिकारियों की ड्यटी लगाने के निदेश दिए। श्री अढ़िया ने व्यापारियों और उद्योगपतियों द्वारा परिचर्चा में दिए गए तमाम सुझाव नोट किए और उनके समाधान के उपाय सुझाए। राज्य के मुख्य सचिव श्री अजय सिंह ने कहा कि टैक्स सुधार को अंगीकार करने की राज्य में उदार परम्परा रही है। यहां के व्यापारियों ने भी जीएसटी को खुले दिल से अपनाया है। उन्होने कहा कि आईटी का उपयोग करके जीएसटी को सरल बनाया जा सकता है। श्री सिंह ने जीएसटी के लिए अलग से नया रायपुर मे डॉटा सेन्टर स्थापित करने का सुझाव दिया। इसके पहले बैठक में छत्तीसगढ़ चैम्बर ऑफ कामर्स के अध्यक्ष श्री जितेन्द्र बरलोटा, सीआईआई अध्यक्ष श्री रमेश अग्रवाल, उरला इण्डस्ट्रीस एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री अश्विन गर्ग, छत्तीसगढ़ स्टील चैम्बर्स के अध्यक्ष श्री रमेश अग्रवाल, टैक्स बार एसोसिएशन के अध्यक्ष श्री कमलजीत जैन और छत्तीसगढ़ बार एसोसिएशन से श्री विवेक सारस्वत ने जीएसटी कर प्रणाली के संबंध में कुछ महत्वपूर्ण सुझाव दिए और इनका समाधान करने का अनुरोध किया। केन्द्रीय जीएसटी आयुक्त श्री विनोद कुमार सक्सेना, छत्तीसगढ़ की जीएसटी आयुक्त श्रीमती पी.संगीता सहित बड़ी संख्या में व्यापारी, उद्योगपति और अधिकारी इस परिचर्चा में शामिल हुए।