जयसिंह नगर विधानसभा पर भाजपा एवं कांग्रेस के ज्यादा फोकस पर सवाल?
दोनों पार्टी लगातार यहां कर रही है कसरत
शहडोल। (बृजेंद्र मिश्रा) इस वर्ष के अंत में माह नवंबर में मध्य प्रदेश विधानसभा के चुनाव प्रस्तावित हैं जिसके मद्देनजर शहडोल जिले में हौले हौले अब चुनावी पतीले में आग बढ़ती हुई दिखने लगी है दोनों पार्टियों द्वारा अपनी अपनी फील्डिंग जमाने की शुरुआत कर दी गई है। किसे कहां बैटिंग करना है? किसे कहां फील्डिंग करना है ?और किसे कहा बॉलिंग करना है? इस बात को लेकर प्रथम चरण के प्रारंभिक तौर की कसरत प्रारंभ हो चुकी है।
अभी से निशाने पर है जैसीनगर विधानसभा क्षेत्र
जिले के जैसी नगर विधानसभा क्षेत्र में जो सबसे रोचक तथ्य निकलकर सामने आ रहा है उसमें दोनों पार्टियों कांग्रेस एवं भाजपा के नेताओं की नजर जिले की अन्य 3 विधानसभाओं की तुलना में यहीं पर क्यों टिकी हुई है? कहीं ना कहीं भाजपा भी यह मान रही है कि यहां पार्टी को इस बार खतरा है हालांकि कॉन्ग्रेस को भाजपा के विधायक के प्रति एंटी इनकंबेंसी फैक्टर का लाभ मिलने की उम्मीद है क्योंकि यहां लगातार चार पंच वर्षीय कार्यकाल से भाजपा का कब्जा है। हालांकि इस विधानसभा में भारतीय जनता पार्टी ने किसी भी प्रत्याशी को दोबारा टिकट नहीं दी है।
गुटबाजी के कारण हारती रही है कॉन्ग्रेस
इस विधानसभा में कांग्रेस दो गुटों में है यह विधानसभा अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है और अनारक्षित वर्ग सहित आदिवासी वर्ग के कद्दावर नेता भी यही निवास करते हैं। संभाग मुख्यालय शहडोल भी जयसिंह नगर विधानसभा के अंतर्गत है और संभाग मुख्यालय में दोनों पार्टी के कद्दावर नेता भी निवासरत है चुनाव के दौर में कांग्रेस के दोनों गुटों के नेता कसम खाते हैं कि जिसे टिकट मिलेगा उसके लिए काम करेंगे लेकिन जब टिकट इन 2 गुटों में से किसी एक गुट के दावेदार को मिलता है तो दूसरे गुट उसे अपनी व्यक्तिगत प्रतिष्ठा का सवाल बना कर कॉन्ग्रेस को ही हराने में कोई कसर नहीं छोड़ते हैं। एक वह भी दौर था जब प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय अर्जुन सिंह के कारण राम प्रसाद सिंह को टिकट मिली थी अब कभी एकजुट होकर उसके लिए काम करते थे और इसका परिणाम रहा कि सिंह दो बार चुनाव जीते लेकिन आज की स्थिति में कांग्रेश की गुटबाजी की लड़ाई का फायदा कहीं ना कहीं लगातार भाजपा को होता रहा है। खबर तो यह भी है कि यहां से भारतीय जनता पार्टी हर पंचवर्षीय कार्यकाल किसी नए चेहरे पर दाव लगा सकती है।
- क्या सत्ताधारी विधायक का विकल्प कोई नहीं*
यदि जैसीनगर विधानसभा क्षेत्र के इतिहास की बात की जाए तो इस विधानसभा क्षेत्र से भारतीय जनता पार्टी से कोई भी प्रत्याशी बार विजेता नहीं हो सका है। क्योंकि दोबारा उसे टिकट ही नहीं दी गई। वर्ष 2003 में जयराम सिंह मार्को ,वर्ष 2008 में सुंदर सिंह, वर्ष 2013 में प्रमिला सिंह एवं 2018 के विधानसभा चुनाव में जय सिंह मरावी को टिकट टिकट दी गई । विधानसभा में भाजपा का जीत का अंतर भी घटता जा रहा है और यहां लोकसभा के चुनाव में जब स्वर्गीय राजेश नंदिनी सिंह कांग्रेस से चुनाव लड़ी थी तब भाजपा इस विधानसभा सीट से कांग्रेस प्रत्याशी से पीछे थी । लगातार विधानसभा सीट बदलने वाले इस सीट में कामयाब रहने वाले विधायक श्री जय सिंह मरावी से व्यक्तिगत रूप से इस क्षेत्र की जनता में नाराजगी की खबरें हैं। विधायक की हालत पतली होने के कारण इस तरह का दौरा भाजपा द्वारा किया जा रहा है ऐसे भी कयास लगाए जा रहे हैं कि कहीं ना कहीं भाजपा पुराने दावेदारों का टिकट बदलकर किसी नए चेहरे को तो मौका देने वाली नहीं है? भारतीय जनता पार्टी से पहला नाम जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्रीमती फूलवती सिंह का सामने आ रहा है जिला पंचायत के माध्यम से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास भी कराया जा रहा है इनके अलावा पूर्व विधायक श्रीमती प्रमिला सिंह, भाजपा के जिला महामंत्री मनोज सिंह संचिता सरवटे एवं रमेश को भी दावेदार हैं। कांग्रेस पार्टी से जिन दावेदारों का नाम सामने आ रहा है उसमें जिला पंचायत के पूर्व अध्यक्ष नरेंद्र सिंह मरावी, जयकरण सिंह, कमला प्रसाद सिंह आदि का नाम चर्चाओं में है।
समस्याओं को भूल कर आपस में लड़ रहे दोनों पार्टी के नेता
विधानसभा क्षेत्र में समस्याओं को नजरअंदाज किया जा रहा है जबकि यह वनांचल एवं आदिवासियों से घिरा विधानसभा क्षेत्र माना जाता है यहां समस्याओं का अंबार है आज भी इस विधानसभा क्षेत्र में ग्रामीण अंचल में लोग पानी के लिए गर्मी के दिनों कोसों दूर भटकते हैं। दिखावे के लिए तो यह कहा जाता था कि हर घर में शौचालय होगा किंतु पानी ही नहीं तो शौचालय का मतलब क्या रहेगा जहां शौचालय बना भी दिया गया है उसमें अधिकांश स्थानों पर कंडा रखे हुए हैं विधानसभा जैसीनगर के पंचायतों में यदि नजर दौड़ाई जाए तो सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार भी हुआ है लोगों को जागरूकता ना होने का फायदा सरपंच एवं सचिव सहित अधिकारियों ने भरपूर उठाया है जिस वजह से इस विधानसभा में आज भी लोग शासन की योजनाओं के लाभ से वंचित हो रहे हैं। इस पर ध्यान हटाने को लेकर अब भाजपा कांग्रेस एक दूसरे पर आरोप लग रहे हैं।