सूदखोरों के पक्ष में खड़े दिखे मंत्री बिसाहूलाल पीड़ितो ने कलेक्टर से लगाई आत्मदाह की गुहार
कैबिनेट मंत्री का लिखा पत्र बना चर्चा का विषय
जिला मुख्यालय में लगातार सूदखोरी के प्रकरण बढ़ते चले जा रहे हैं स्थिति यह हो गई है कि एसपी ऑफिस पहुंचकर शिकायतकर्ता द्वारा लगातार न्याय की याचिका करते हुए आत्मदाह तक की चेतावनी दे दी है। वहीं दूसरी ओर मध्य प्रदेश के कैबिनेट मंत्री पत्र लिखकर सूदखोरों को संरक्षण देने का कार्य कर रहे हैं, बीते दिनों कैबिनेट मंत्री का एक पत्र वायरल हुआ था जिस पर सूदखोर मालू के समर्थन में मंत्री ने पत्र लिखकर एसपी को दूसरे पक्ष पर कार्यवाही की मांग की थी। वही मंत्री के पत्र में सवाल उठ रहा है कि जिले भर में खाद्य विभाग सहित अन्य जगह लगातार हो रहे करोड़ों के भ्रष्टाचार को छोड़कर सूदखोरों की वकालत खाद्य मंत्री द्वारा की जा रही है।
अनूपपुर। अनूपपुर में इन दिनों सूदखोरी के मामले को लेकर कानून व्यवस्था के साथ सफेदपोश नेताओं के संरक्षण में खिल्ली उड़ाते देखा जा रहा है। सूदखोरी के मामले में खाद्य मंत्री के वायरल हुए पत्र ने राजनीति और मुख्यालय में चर्चाओं का बाजार गर्म कर दिया है। मनीष उर्फ मालू के दर्जनों मामले थानों में विचाराधीन है वही विगत दिनों पुलिस द्वारा मनीष उर्फ मालू को गिरफ्तार कर सूदखोरी की कार्यवाही भी की गई थी अब जब खाद मंत्री द्वारा सूदखोर मनीष उर्फ मालू के पक्ष में कार्यवाही की मांग की है तो कांग्रेस के साथ भारतीय जनता पार्टी के नेता भी कैबिनेट मंत्री के द्वारा सूदखोर को दिए गए संरक्षण पर सवालिया निशान खड़े कर रहे हैं।
यह है पूरा मामला
अनूपपुर मुख्यालय में निवास करने वाले देवेश शुक्ला एवं अन्य 18 इन दिनों सूदखोरों के आतंक से बेहद परेशान है। लगातार पत्र लिखकर पुलिस से न्याय की गुहार लगा रहे हैं वही अब सफेदपोश नेताओं के संरक्षण के कारण मामला पंजीबद्ध ना होने से आत्मदाह की चेतावनी भी दे डाली है। सूदखोर और अपराधी प्रवृत्ति के व्यक्ति मालू ने षड्यंत्र व फर्जीवाड़े करते हुए अपनी मां नूतन गुप्ता के साथ मिल कर खसरा क्र. 306/2/1/1/1/1 और 306/2/1/1/2/1 को नूतन गुप्ता द्वारा 16 लाख 20 हजार में 12 मई 2020 हरिशंकर पटेल के नाम पर रजिस्ट्री करवा दी है। जिसके बाद नामांतरण ना होने का लाभ उठाते हुए 5 अगस्त को नूतन गुप्ता और उनके पुत्र मनीष द्वारा अपनी पहचान और सूदखोरी के साथियों के साथ मिलकर उक्त भूमियों पर 15 लाख रुपए का होमलोन प्रशासन और भूमि क्रेता को धोखे में रखकर ले लिया है। जिसके बाद शिकायतकर्ता द्वारा मनीष और मालू की शिकायत एसपी से की जाती है शिकायत होते ही मनीष उर्फ मालू बौखलाकर उल्टा फर्जी केस में फंसा देने की धमकी देते हुए पूर्व में संबंधों के लाभ उठा कर रखे हुए चेक जिसका खाता भी 2 साल पूर्व बंद हो चुका है को बाउंस करा मामला पंजीबद्ध कराने का प्रयास करते हैं। प्रयास सफल ना होने पर अपने संरक्षक कैबिनेट मंत्री से पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखकर मामला पंजीबद्ध कराने का दबाव बनाया जा रहा है।
1 मंत्री ने लिखा सूदखोरों के पक्ष में तो दूसरे ने निष्पक्ष जांच की मांग
अनूपपुर जिले में कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त करने वाले दो मंत्री है जो कि मध्य प्रदेश की राजनीति में अपना दखल और पैठ रखते हैं। वही अनूपपुर की कानून व्यवस्था को बिगड़ते देख कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त और कोल प्राधिकरण के अध्यक्ष रामलाल रौतेल ने दोनों पक्षों के मामले को संज्ञान में लेते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है तो वही कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह ने सूदखोरों के पक्ष में पत्र लिखते हुए पुलिस अधीक्षक पर दबाव बनाते हुए मामला पंजीबद्ध करने की मांग की है। दोनों मंत्रियों के द्वारा एक ही मामले में अलग-अलग तरीके से कार्यवाही को लेकर अनूपपुर में चर्चा का बाजार गर्म हो चुका है। सफेदपोश नेताओं के संरक्षण पाने से अनूपपुर मुख्यालय में सूदखोरी चरम पर है।
आखिर क्या है सूदखोर और कैबिनेट खाद्य मंत्री का संबंध?
सूदखोरों के पक्ष में पत्र कैबिनेट मंत्री के पत्र ने अनूपपुर जिले में राजनीति के बाजार गर्म कर दिया है कांग्रेसी और भाजपाइयों में मंत्री के पत्र की चर्चा जोरो से हो रही
एक और कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल ने मनीष उर्फ मालू के पक्ष में जब पत्र लिखा तो पीड़ितो ने कलेक्टर से आत्मदाह करने की इजाजत मांग ली है पीड़ितो ने जनसुनवाई में मंगलवार को अपर कलेक्टर को पत्र सौंपते हुए उक्त मामले में दुखी होकर अगले मंगलवार को आत्मदाह करने की चेतावनी दे डाली है अब मामला यह है कि आखिर कर सूदखोर और कैबिनेट मंत्री के बीच क्या संबंध है जो मंत्री को अपराधी के लिए पत्र लिखने को विवश करता है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार मुख्यालय के एक सफेद कुर्ताधारी व्यक्ति के आपसी संबंध के कारण मंत्री ने यह पत्र लिखा है।