संपूर्ण ब्रह्मांड में मां का स्थान सर्वोच्च है पूज्या समीक्षा देवी।
अनूपपुर(अविरल गौतम )बरगवां अमलाई।रूद्र महायज्ञ के आठवें दिवस समीक्षा देवी के मुखारविंद से हो रही अमृत वर्षा से मंत्रमुग्ध हुए उपस्थित कथा श्रवण करने आय भक्तजन श्रोता।श्री रूद्र महायज्ञ का भव्य एवं वृहद आयोजन श्री राधा कृष्ण गौरी शंकर मंदिर कैलोरी चचाई में निर्विघ्नं आठवां दिवस होने जा रहा है जिसमें प्रखर वक्ताओं कथा व्यास जनों के मुखारविंद से उपस्थित जन समुदाय श्री राम कथा का श्रवण कर रही है। दूसरी ओर यज्ञ मंडप मैं बैठे यजमान वैदिक सनातन धर्म के वेद व्यास वेद पार्टी पंडितों के द्वारा वेद मंत्रों के उच्चारण एवं यज्ञ कुंड में दी जाने वाली संपूर्ण देवी देवताओं के नाम की आहुति के प्रभाव के कारण पूरे वातावरण मैं एक अलग ही सुंदरता एवं स्वच्छता का प्रकाश आकाश में विद्यमान हो रहा है।
पूज्या समीक्षा देवी मानस मंजरी प्रयागराज के द्वारा अपने मुखारविंद से श्री राम कथा का प्रवचन व गायन सुनकर उपस्थित श्रोता गण मंत्रमुग्ध होकर धर्म लाभ अर्जित कर रहे हैं समीक्षा देवी के द्वारा कहा गया कि इस संसार में मां का स्थान सर्वोच्च माना गया है मां का निरादर कभी भी किसी भी पुत्र को किसी भी स्थिति में नहीं करना चाहिए क्योंकि वह मां ही है जो हमें 9 माह तक अपने गर्भ में धारण करके हमारा पालन-पोषण करती है और कर्मभूमि में हमारा जन्म होता है इस प्रकार हनुमान जी के जैसे आज्ञाकारी सेवक पुत्र की कामना करने को कहती हैं साथ ही हनुमान जी के द्वारा माता सीता की खोज करते हुए 400 योजन समुद्र पार करने मैनाक पर्वत के द्वारा विश्राम करने की बात सुरसा के द्वारा हनुमान जी के मार्ग को बाधित करने के लिए 32 योजन मुंह खोल कर हनुमान जी को अपने मुंह में समाहित करने के लिए विस्तार करती हैं वही हनुमान जी के द्वारा अपना लघु रूप और फिर 64 योजन अपने शरीर का विस्तार करते हैं इस प्रकार कथा श्रवण करने वाले श्रोता गणों ने हनुमान जी के नाम की जय कारा लगाते हैं और तत्पश्चात हनुमान जी का प्रवेश लंका के द्वार में हो जाता है।