November 22, 2024

संत रविदास जयंती से भाजपा की विकास यात्राओं की हुई शुरूआत

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भोपाल।मध्य प्रदेश में संत रविदास (Sant Ravidas) की जयंती से विकास यात्राओं (BJP Vikas Yatra) की शुरुआत हुई है. इन यात्राओं के जरिए सरकार गांव-गांव और वार्डों तक पहुंचेगी. इसके जरिए सरकार जहां जमीनी हालात की नब्ज टटोलेगी, वहीं आमजन के सामने आ रही समस्याओं का भी निदान करेगी. शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद और भाजपा नेत्री श्रीमती हेमाद्री सिंह ने इस योजना से जन-जन को जोड़ने के निर्देश संसदीय क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारियों को दिए हैं वहीं उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को इसे हर बूथ तक पहुंचाने और आम लोगों को फायदा दिलाने पर भी जोर दिया है।
सियासी तौर पर इन यात्राओं को काफी अहम माना जा रहा है, क्योंकि विधानसभा के चुनाव भी इसी साल होने वाले हैं. राज्य में बीजेपी (BJP) का संगठन और सरकार दोनों ही चुनाव की तैयारी में जुटे हुए हैं. संगठन जहां जमीनी स्तर पर जमावट कर रहा है, वहीं सरकार ने हर जरूरतमंद के करीब तक पहुंचने के लिए विकास यात्राओं की शुरुआत की है.
ये यात्राएं 25 फरवरी तक चलेंगी. इन यात्राओं में सरकार से लेकर निर्वाचित प्रतिनिधि और सरकारी महकमा सक्रिय रहेगा. शहडोल संसदीय क्षेत्र की सांसद श्रीमती हेमाद्री सिंह ने कहा कि प्रदेश में संत रविदास जयंती से शुरू हुई विकास यात्रा जनता की जिंदगी को बदलने का अभियान है. हमारा संकल्प गरीबों का कल्याण है. इसी उद्देश्य से प्रदेश में गांव-गांव और वार्डों में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जी ने जन-सेवा अभियान चलाकर ऐसे परिवारों को चिन्हित किया गया, जो शासकीय योजना का लाभ लेने से वंचित थे. अभियान में 83 लाख पात्र व्यक्तियों को चिन्हित कर उन्हें स्वीकृति-पत्र वितरण का कार्य किया जा रहा है.

श्रीमती सिंह ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार संत रविदास के जन्मस्थल को भी मुख्यमंत्री तीर्थ-दर्शन योजना से जोड़ा जोड़ेगी, साथ ही तीर्थ-दर्शन योजना में मार्च माह से बुजुर्गों को अब हवाई जहाज से भी तीर्थ-दर्शन कराएंगे. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री चौहान प्रदेश की लाखों बहनों की जिंदगी को आसान बनाना की दिशा में लगातार आगे बढ़ रहे हैं, पूर्व से संचालित योजनाओं के साथ अब ‘लाड़ली बहना’ योजना हमारी बहनों की जिंदगी संवारेगी. योजना में बहनों को हर माह एक हजार रुपये और साल में 12 हजार रुपये और पांच साल में 60 हजार रुपये देने की व्यवस्था की जा रही है।

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