छत्तीसगढ़ की झांकी ने राजपथ पर बिखेरे अपनी समृ़द्ध प्राचीन संस्कृति के रंग
रायपुर: गणतंत्र दिवस की मुख्य परेड में आज नई दिल्ली में राजपथ पर निकली छत्तीसगढ़ की झांकी ने देश विदेश से आये गणमान्य अतिथियों और लाखों दर्शकों का मन मोह लिया । छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में स्थित रामगढ़ की पहाडि़यों में स्थित प्राचीन नाट्यशाला पर आधारित इस झांकी में छत्तीसगढ़ की समृद्ध प्राचीन संस्कृति को प्रदर्शित किया गया था ।
भारत के राष्ट्र्पति श्री रामनाथ कोविद , प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और आसियान देशों से आये राष्ट्र्ाध्यक्षों ने भी तालियां बजाकर छत्तीसगढ़ की झांकी की सराहना की ।
झांकी के अगले भाग में विख्यात कवि कालिदास को रामगढ़ की पहाडि़यों में मेघो से आच्छादित आकाश अपने विश्वप्रसिद्ध काव्य ग्रन्थ मेघदूतम की रचना करते दिखाया गया है ।
झांकी के पिछले भाग में घने जंगलो के बीच रामगढ़ की पहाडि़यों में स्थित 300 ईस्वी पूर्व की प्राचीन नाट्यशाला को दिखाया गया है । नाट्यशाला के मंच पर मेघदूतम की नाट्य प्रस्तुति को दिखाया गया है । इस नाट्य प्रस्तुति को छत्तीसगढ़ के इंदिरा कला एवं संगीत विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने प्रस्तुत किया।