करणी सेना रिलीज से पहले पद्मावत देखने को तैयार : कालवी
नई दिल्ली। लंबे समय से संजय लीला भंसाली की फिल्म “पद्मावत” की रिलीज का विरोध कर रही करणी सेना उसे देखने को तैयार हो गई है। यह जानकारी करणी सेना के नेता लोकेंद्र सिंह कालवी ने दी।
उन्होंने कहा कि फिल्म निर्माता ने एक साल पहले आश्वासन दिया था कि विशेष स्क्रीनिंग दिखाई जाएगी। अब उन्होंने लिखित में न्योता भेजा है, जिसके लिए वह तैयार हैं।
भंसाली ने 20 जनवरी को करणी सेना और राजपूत सभा को इस संबंध में खत लिखा था। फिल्म 25 जनवरी को रिलीज होनी है। करणी सेना के बदले रुख से फिल्म के शांति से रिलीज हो जाने के आसार मजबूत हो गए हैं।
वैसे भी अब तक जिन चुनिंदा लोगों ने फिल्म देखी है, उन्होंने इसमें कुछ भी विवादित नहीं होने का ही दावा किया है। हालांकि फिल्म के विरोध में कई राज्यों में हिंसा फैलती ही जा रही है।
वैसे रिलीज को लेकर कानूनी जंग अभी जारी है। राजस्थान और मध्यप्रदेश ने सुप्रीम कोर्ट से फिल्म के रिलीज पर प्रतिबंध के खिलाफ फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। करणी सेना ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपील दाखिल की है। अदालत मंगलवार को इस मुद्दे पर सुनावाई करेगा।
राजस्थान ने कहा, हमारे यहां होती है पद्मावती की पूजा
राजस्थान सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि उसके राज्य में लोग पद्मावती की पूजा करते हैं। इस कारण से उनपर बनी फिल्म के रिलीज होने से लोगों की भावनाएं आहत हो सकती हैं।
इसके साथ ही राज्य सरकार ने खुफिया रिपोर्टों का भी हवाला दिया है, जिसमें फिल्म की रिलीज से कानून-व्यवस्था भंग होने की आशंका जताई गई है।
राजस्थान सरकार का कहना है कि वह फिल्म की रिलीज सुनिश्चित करने के आदेश का सम्मान करती है, लेकिन इससे उसके लिए कानून-व्यवस्था बनाए रख पाना मुश्किल हो सकता है।
इसके लिए सरकार ने 29 जनवरी को होने वाले लोकसभा और विधानसभा के उपचुनावों का हवाला दिया है। जिसके लिए चुनाव के निर्देश पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के जवानों की तैनाती होनी है।
सिनेमेटोग्र्राफी एक्ट का हवाला
सरकार ने सिनेमेटोग्र्राफी एक्ट का भी हवाला दिया, जिसमें राज्य सरकार को कानून-व्यवस्था भंग होने की स्थिति में किसी फिल्म के रिलीज पर दो महीने और जरूरत पड़ने पर उससे अधिक समय के लिए प्रतिबंध लगाने का अधिकार दिया गया है। सरकार ने फिल्म के खिलाफ राज्य में हुए हिंसक प्रदर्शनों का ब्योरा भी अदालत में पेश किया है।