राष्ट्रपति के फैसले को यशवंत सिन्हा ने बताया ‘तुगलकशाही’
नई दिल्ली : भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा ने रविवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता खत्म किए जाने को तुगलकशाही फैसला करार दिया।
उन्होंने ट्वीट किया कि राष्ट्रपति का फैसला न्याय की प्रकृति के खिलाफ है। इस मामले में न कोई सुनवाई हुई और न ही हाईकोर्ट के फैसले का इंतजार किया गया। स्वाभाविक न्याय का पूरी तरह गर्भपात करा दिया गया।
President's order disqualifying the 20 AAP MLAs is complete miscarriage of natural justice. No hearing, no waiting for High Court's order. It is Tughluqshahi of the worst order.
— Yashwant Sinha (@YashwantSinha) January 21, 2018
यह तुगलकशाही का सबसे बदतर आदेश है। उनके इस ट्वीट को आप के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से रिट्वीट भी किया गया। अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री रह चुके सिन्हा ने पिछले कुछ दिनों से सरकार और भाजपा नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है।
उन्होंने हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के खिलाफ प्रेस कांफ्रेंस करने वाले चार जजों के बहाने पर भी सरकार पर निशाना साधा था। इससे पहले वह नोटबंदी, जीएसटी, अर्थव्यवस्था और कश्मीर मुद्दे पर भी केंद्र की तीखी आलोचना कर चुके हैं।
बता दें कि लाभ के पद के उल्लंघन मामले में आम आदमी पार्टी के 20 विधायकों की सदस्यता रद्द करने के लिए चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति से सिफारिश की थी। राष्ट्रपति ने चुनाव आयोग की सिफारिश को मंजूरी दे दी।