November 23, 2024

पानी गिरने के कारण सैकड़ो क्विंटल धान हो रही है खराब, प्रबंधन गहरी नींद में

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देवगवां धान खरीदी केंद्र में लैम्प्स प्रबंधन के विनोद तिवारी की भारी लापरवाही

अनूपपुर,अनूपपुर जिले के ग्राम देवगवां धान खरीदी केंद्र में भारी अव्यवस्था का शिकार हैं। लैम्प्स प्रबंधक विनोद तिवारी की मनमानी दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है प्रबंधक की लापरवाही के कारण किसानों के खरीदी की गई धान बर्बाद हो रही है कुछ दिनों पहले जो बारिश हुई थी उस बारिश में विनोद तिवारी की लापरवाही के कारण सैकड़ो क्विंटल धान पूरी तरह भीग गयी है जिससे शासन को लाखों रुपये का नुकसान हुआ था उसके बाद भी इनकी लापरवाही अभी भी बरकरार है 8 जनवरी की रात से पूरे जिले में बारिश का दौर फिर से शुरू हुआ जब 9 जनवरी को पानी गिर रहा था उसी समय कुछ लोगों बने देवगवां खरीदी केंद्र का जायजा लिया तो वहाँ पर केवल खरीदी की गई धान को पूरी तरह नही ढका गया था जिसके कारण फिर से धान भीग गयी प्रबंधक केवल नेतागिरी और कुर्सी तोड़ते बैठे रहते है, जब पत्रकार लैम्प्स प्रबंधक से बात करते हैं तो कहते हैं कि हमारे पास सारी व्यवस्था है समय पर सब ठीक कर लेंगे। मगर जब पानी गिरता है तब सारी अव्यस्था सामने आ जाती हैं प्रशासन द्वारा किसानों को जो सुविधाएं धान खरीदी केंद्र में मिलनी चाहिए विनोद तिवारी की दादागिरी के कारण नही मिल पा रही है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार देवगवां धान खरीदी केंद्र में जो किसान धान लेकर आते हैं उनसे बोरी देने के नाम पर धान के ग्रेडिंग के नाम पर जब तक किसानों द्वारा चढ़ोत्री नही की जाती उनका काम नही होता हैं जो किसान चढ़ोत्री नही करते उन किसानों कई प्रकार से परेशान किया जाता हैं इन सभी कार्यो में प्रबंधक का पूरा हाथ रहता है ये भी जानकारी मिल रही हैं जब से इनकी पदस्थापना देवगवां में हुई है लोग इनसे काफी परेशान भी रहते है। मगर इनको इस बात से कोई फर्क नही पड़ता। ये काम अपने ही हिसाब से करेंगे चाहे जिसको जो करना हो करते रहे।जितना नुकसान हो रहा हैं उसकी भरपाई कहा से होगी कौन करेगा इसका जबाब केवल लैम्प्स प्रबंधक विनोद तिवारी ही दे सकते है।

इस मामले को लेकर विनोद तिवारी लैम्प्स प्रबंधक देवगवां को उनके मोबाइल नंबर पर कॉल किया गया तो उनका मोबाइल नही उठा इसके पहले ही कई बार खबरो को लेकर कॉल किया गया है मगर आज तक एक भी बार इन्होंने कॉल रिसीव नही किये। इसके साफ हो जाता हैं कि जिसको जो करना हो इनको इससे कोई मतलब नही।

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