मनेंद्रगढ़ वन मंडल अंतर्गत अवैध कोयला खदान संचालन में किसका हाँथ ?..काले हीरे से लाल हो रहा हीरालाल
रेंजर पर आई आफत,,,पत्रकारिता पेशे के खरपतवार और बिचौलियों की चांदी
इंट्रो:करीब 3 दशक पहले एक फ़िल्म आई थी फ़िल्म के नायक का किरदार महशूर फ़िल्म अभिनेता नाशीरुदीन शान ने कम समय मे शर्ट कट तरीके से पैसा कमाने की जो चाहत अपने दिल मे संजोए हुए थे वही सपना अब मनेंद्रगढ़ वन मंडल में हीरो हीरालाल भी संजोए हुए है। मामला मासूमो की जिंदगी को अवैध कोयले की खदान में झोंकने की है। यहाँ आलम यह है कि एक तरफ हीरो हीरालाल चोर से कहा रहा चोरी कर और कोतवाल से कह रहा जागते रहो जब जंगल के रक्षक ही उसके भक्षक बन जाए तो नजारा चौंकाने वाला ही होगा समय अपनी द्रुतगति से आगे बढ़ रहा है वही ज्यादा पैसों की लालसा पाले हीरो हीरालाल का पेट नहीं भर रहा है
अवैध खनन के मामले में वन मंडल अब पूरे प्रदेश में सुर्खियों में है मनेंद्रगढ़ से कुछ ही दूरी पर अवैध कोयले की खदान संचालित है और इसकी भनक तक पुलिस और वन मंडल मनेंद्रगढ़ को न हो ऐसा कहना गलत है। चंद रुपयों के लालच में यहाँ भारी तादाद में मजदूरों को लगाया गया है जो अपनी जान को जोखिम में डाल कर अवैध कोयल खनन में अपने जीवन को दांव पर लगा रहे है। वही इस काले हीरे की कमाई से हीरो हीरालाल ऐशो ईशरत की ज़िंदगी बशर कर रहा क्या गरीब की ज़िंदगी इतनी सस्ती है कि उन्हें बेकसूर ही काल के गाल में भेजने को एक पूरा महकमा जुटा हुआ है। अब देखना यह है कि इस अवैध धधे पर शासन कब लगाम कसता है और निरीह गरीबों के जीवन को बचाता है।
मनेंद्रगढ़ कोरिया – नित नए कारनामों की खुलती पोल से परेशान मनेंद्रगढ़ वन मंडल द्वारा इन दिनों अपनी कमियों को छुपाने का एक बेकार सा तरीका ढूंढ लिया गया है।वो तरीका है राज्य सहित जिले में वसूली कारोबार में लिप्त पत्रकारिता पेशे के पनौती जिनका काम शायद एक यही है कि चंद रुपयों बिक कर कुछ भी लिखकर पत्रकार होने का दम भरते हैं।हालांकि जनता भांति भांति के लोगों से भरी है।विसंगतियों पर ध्यान न देते हुए आपको अवगत कराते हैं कि मनेंद्रगढ़ वन मंडल और वन परिक्षेत्र के मनेंद्रगढ़ वन मंडल का एक अधिकारी हीरो हीरालाल बन गया है जो कि पेड न्यूज़ का सहारा लेकर अपनी कारगुज़ारी और निकम्मे पन पर पर्दा डालने के लिए अपने ही जैसे निकम्मों का साथ पालकर उछल कूद कर रहे हैं।शायद उनको ये नहीं पता कि उनकी ये उछल कूद उनको ही महंगी पड़ने वाली है।विभाग के प्रति अपनी जिम्मेदारी में लापरवाही को लेकर हमेशा कार्यवाही के शिकार होते रहे और अपने उच्चाधिकारियों की फटकार झेलते रहे।बावजूद इसके इनका ढीठ पन, जाने की बजाय और परवान चढ़ रहा है।जिसका अंतिम परिणाम जो सामने दिख रहा है।और जो इन पर होना भी चाहिए ताकि जंगल के कानून से फिर कोई विचौलिया खिलवाड़ करने की जुर्रत ना कर सके।
जे आर नायक की कार्यवाही बाद भी नहीं सुधरा रेंजर,,जंगलों से अवैध कोयले का धंधा बदस्तूर जारी
जिले के तेज तर्रार तत्कालीन वन मंडलाधिकारी जे आर नायक द्वारा मनेंद्रगढ़ के तत्कालीन प्रभारी हीरो हीरालाल पर मनेंद्रगढ़ वन परिक्षेत्र के हल्दीबाड़ी चनवारी डांड के जंगलों से कोयले के अवैध खनन मामले में लापरवाह बताते हुए कार्यवाही की गई थी।तत्कालीन डी एफ ओ द्वारा हीरो हीरालाल पर अन्य कई बड़ी लापरवाहियों पर भी कार्यवाही की गई थी।जिसका जीवंत उदाहरण ये है कि हीरो हीरालाल जो किवर्तमान समय मे दो स्टार डिप्टी रेंजर से तीन स्टार रेंजर पद पर पदोन्नति आदेश जो की विगत सप्ताह निकली थी और जिसमे इन्हे पदोन्नत होना था।लेकिन जनाब प्रभारी रेंजर साहब अपनी हरकतों की वजह से प्रमोशन नहीं पा सके।हालांकि कुछ दो टकियों का सहारा लेकर दूसरे दरवाजे से पदोन्नति में रोड़ा बने दस्तावेजों पर जुगत की तैयारी में लगे हैं।लेकिन सूत्रों की माने तो जनाब रेंजर साहब तो आठ दस महीनों के लिए प्रमोशन से पीछे हो ही गए हैं।आपको बता दें कि जो कार्यवाही और जिस बावत हुई थी वो लापरवाही या कृत्य आज भी उसी तरह मनेंद्रगढ़ रेंज में बरकरार है।और इन क्षेत्रों से अवैध कोयले का बड़े पैमाने पर कारोबार संचालित है।
डी एफ ओ मौन व्रत तोड़ें तो फिर से नप जाएंगे हीरो हीरालाल ,,,
पूर्व की कार्यवाही और वर्तमान की पुनरावृत्ति का जिक्र करें तो डी एफ ओ जे आर नायक की जंगल के प्रति दायित्वों और सकारात्मक रुख का आभाष होता है।और एक कमी महसूस होती है कि अगर वर्तमान में डी एफ ओ मनेंद्रगढ़ के पद पर होते तो ये जंगलों के दोहन कर्ता या तो अब तक टर्मिनेट हो चुके होते या फिर अपनी जिम्मेदारी में दक्ष और संकल्पित होते,,लेकिन जहां पर अंधा पीसे कुत्ता खाए जैसे मुहावरे चरितार्थ होते नजर आते हों तो वहां अंधेर नगरी चौपट राजा से ज्यादा की उम्मीद ब्यर्थ हो जाती है।
मनेंद्रगढ़ के जंगलों में बेखौफ जारी है कोयले का अवैध कारोबार,,,,
हमारे रोज के जंगल भ्रमण की आज की ताज़ा खबर की करते हैं बात हमारी टीम द्वारा आज डी एफ ओ मनेंद्रगढ़ के कार्यालय के नाक के नीचे चल रहे काले कारनामों पर पड़ताल की गई।जो आवाज़ डी एफ ओ वातानुकूलित कार्यालय से शायद सुन पाने में असमर्थ हो रहे थे।हमने उसका जायज़ा लिया।हल्दीबाड़ी और चनवारी डांड जो कि मनेंद्रगढ़ शहर से बिल्कुल लगा हुआ क्षेत्र है।जब हमारी पड़ताल आगे बढ़ी तो कोयले की पहली खदान का सामना हुआ।जहां पर कोयला खोदते वक़्त पहले भी कई जानें जा चुकीं हैं।वहां पर ताज़े हालात बहुत बदतर मिले जंगलों में अवैध खदान खोलकर बेखौफ खोदाई और फिर कोयला का काला खेल,मिले सबूत को लेकर आगे की जंगलों का रुख किया तो महज आठ सौ मीटर की दूरी पर एक और अंडर ग्राउंड अवैध कोल माइंस मिली जिसे शायद वन विभाग चलाता है कहें तो अतिश्योक्ति नहीं होगी।ये हमारे तंज नहीं इनकी लापरवाही पर जुबानी प्रहार है।कोयले से भरा और सायकल पर लदा आठ बोरी में मिला नाबालिग युवक, मुहाने से निकलते ही हमने उससे की पूछताछ तो हमे मिले सुराग और फिर खुद जाकर देखा हीरो हीरालाल सेन के काला कारोबार।रोज निकलता है पिकअप मिनी ट्रक से मनेंद्रगढ़ वन मंडल का अवैध कोयला।सूत्रों ने कई चौंकाने वाले राज भी खोले पर बिना तथ्य कुछ कहना हमारी आदत में नहीं।हमने ग्राउंड जीरो की जो वास्तविक गतिविधियों को उजागर किया है।उसके सभी ताज़े और जीवंत तथ्य हमारे पास और मौका ए जंगल पर मौजूद हैं।बहरहाल अब देखना रोचक होगा कि एकांत वास और मौन व्रत में बैठे मनेंद्रगढ़ के वनमण्डलाधिकारी पर इस खबर और जंगल में ब्याप्त बरबादी का किस हद तक असर, बतौर अपना दायित्व याद आता है।
किस से करें शिकायत कौन सुने फरियाद
अब यदि हम इन अवैध कोयला खनन य जंगलों में वयस्क सागौन के पेड़ो के कत्लेआम की ख़बर की शिकायत अखबारों और सोशल मीडिया के माध्य्म से करते है तो हीरो हीरालाल की चौकड़ी जो चंद रुपयों की खातिर उनके चौखट चूमते है वह हमारी खबरों की सत्यता को झूठा बनने में जुटे हुए है कुछ बिकाऊ और पत्रकारिता को कलंकित करने वाले हीरो हीरालाल के तारीफ़ के कसीदे पढ़ कर जनता को भृमित कर भृमक समाचार दिखाने में तुले हुए है।
मुख्यमंत्री को सौपेंगे सारी शिकायतों का पुलिंदा और ग्राउंड जीरो की वीडियो सीडी
आपको बता दे कि हमारी खबरों के वीडियो और अखबारों में प्रकाशित खबरों को चैलेंज करने वाले कुछ तथाकथित पत्रकारिता का चोला ओढ़े हुए लोगों को बेनकाब करेंगे हमारी खबरों पर एक विशेष अभियान चलाकर षडयंत्र पूर्वक भ्रमण बताने का जो सिलसिला चला है उसे प्रदेश के मुखिया माननी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को सीडी के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा और जो भी सत्यता होगी उस पर कार्यवाही करने का निवेदन भी किया जावेगा