डिजिटल भारत के लिए छत्तीसगढ़ आज लगाएगा एक लम्बी छलांग : लगभग छह हजार ग्राम पंचायतों में पहुंचेंगी संचार क्रांति : ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क के जरिए गांवों में होगा इंटरनेट का विस्तार
करीब 32, 466 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया जाएगा
रायपुर,प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के डिजिटल भारत के सपने को साकार करने के लिए छत्तीसगढ़ राज्य कल 30 दिसम्बर को एक लम्बी छलांग लगाने जा रहा है। मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह और केन्द्रीय संचार राज्यमंत्री श्री मनोज सिन्हा की उपस्थिति में राजधानी रायपुर में भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण के लिए परस्पर समझौते के ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। परियोजना के जरिए गांवों और शहरों के बीच डिजिटल दूरी कम करने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी का विस्तार किया जाएगा। इस एमओयू पर केन्द्र सरकार के दूर संचार विभाग और भारत ब्रॉड बैण्ड नेटवर्क, राज्य सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाग तथा छत्तीसगढ़ इन्फोटेक एवं बायोटेक प्रमोशन सोसायटी (चिप्स) के अधिकारी हस्ताक्षर करेंगे। उल्लेखनीय है कि केन्द्र सरकार की भारत नेट परियोजना के दूसरे चरण में छत्तीसगढ़ के 85 विकासखण्डों की पांच हजार 987 ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। एमओयू का कार्यक्रम स्थानीय जीई रोड स्थित होटल साया जी में सवेरे 10.30 बजे आयोजित किया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की विशेष पहल पर वर्तमान में राष्ट्रीय ऑप्टिक फाइबर नेटवर्क के प्रथम चरण में छत्तीसगढ़ के 64 विकासखण्डों की चार हजार 104 ग्राम पंचायतों में भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) द्वारा ऑप्टिक फाइबर कनेक्टिविटी देने का कार्य किया जा रहा है। इनमें से 1800 ग्राम पंचायतों में यह कार्य पूर्ण कर लिया गया है। प्रदेश के सभी जिलों में दूर संचार कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए यह परियोजना शुरू की गई है। इसके अंतर्गत द्वितीय चरण में शेष 85 विकासखण्डों की पांच हजार 987 ग्राम पंचायतों के लिए अनुमोदन प्राप्त हो गया है। योजना के तहत एमपीएलएस तकनीक से रिंग पद्धति द्वारा ग्राम पंचायतों को ऑप्टिकल फाइबर केबल नेटवर्क से जोड़ने के लिए कैपेक्स के रूप में 1600 करोड़ रूपए और ओपेक्स के रूप में 10 वर्ष के लिए 898 करोड़ रूपए की जरूरत होगी। विस्तृत परियोजना प्रतिवेदन तैयार कर लिया गया है। इसके अनुसार प्रत्येक ग्राम पंचायत में 5.66 किलोमीटर लंबाई का ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाया जाएगा। इस प्रकार कुल 32 हजार 466 किलोमीटर ऑप्टिकल फाइबर केबल बिछाने की तैयारी की जा रही है।
यह भी उल्लेखनीय है कि भारत नेट परियोजना छत्तीसगढ़ के सघन वन क्षेत्रों, नक्सल प्रभावित इलाकों और विरल जनसंख्या वाले क्षेत्रों में संचार नेटवर्क को बेहतर बनाने की दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण होगी। इस बीच मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की घोषणा के अनुरूप संचार क्रांति योजना (स्काई) के तहत राज्य के लगभग 50 लाख लोगों को निःशुल्क स्मार्ट फोन देने की तैयारी भी शुरू हो गई है। इन संभावित स्मार्ट फोन धारकों के लिए भी भारत नेट परियोजना काफी उपयोगी साबित होगी। इंटरनेट बैंकिंग और कैशलेस डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि भारत नेट परियोजना से आम जनता, समाज और सरकार तीनों को फायदा होगा। इससे लोगों के दिन-प्रतिदिन का काम-काज काफी सुविधाजनक हो जाएगा। दूर संचार नेटवर्क के विस्तार से ग्राम पंचायतों के स्तर पर आपात परिस्थितियों में टोल फ्री नम्बर 108 पर आधारित संजीवनी एक्सप्रेस एम्बुलेंस और टोल फ्री नम्बर 102 पर आधारित महतारी एक्सप्रेस की सेवाएं जरूरत मंद लोगों को जल्द से जल्द मिल सकेगी। राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन वितरण और धान खरीदी की सम्पूर्ण व्यवस्था कम्प्यूटरीकृत हो चुकी है। भारत संचार नेटवर्क के जरिए इसे और अधिक प्रभावी बनाया जा सकेगा। इसके साथ ही राज्य शासन और केन्द्र सरकार की अनेक जनकल्याणकारी ई-सेवाएं ग्राम पंचायतों तक आसानी से पहुंचायी जा सकेंगी।